रूस में जल्द जनता के पास पहुंचेगी कोरोना वायरस वैक्सीन, सरकार ने शुरू की वितरण प्रक्रिया
रूस ने अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के सार्वजनिक वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 'स्पूतनिक फाइव' नामक इस वैक्सीन की पहली खेप जारी कर दी गई है और जल्द ही ये देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच जाएगी। मामले पर बयान जारी करते हुए रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन की पहली खेप ने लैब में सभी आवश्यक गुणवत्ता टेस्ट पास कर लिए हैं और इसे जनता के लिए जारी कर दिया गया है।
अधिक जोखिम वाले समूहों को सबसे पहले लगाई जाएगी वैक्सीन
रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में ये तो नहीं बताया है कि वैक्सीन की कितनी डोज जारी की गई हैं और उन्हें कहां-कहां भेजा गया है, उसने यह जरूर कहा है कि ये निकट भविष्य में रूस के कई इलाकों में पहुंच जाएगी। इस बात की पूरी संभावना है कि वैक्सीन सबसे पहले अधिक जोखिम वाले समूहों जैसे कि अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों, वरिष्ठ नागरिकों और शिक्षकों आदि को दी जाएगी।
कोरोना वायरस वैक्सीन लॉन्च करने वाला पहला देश है रूस
बता दें कि इस वैक्सीन को रूसी सेना ने मॉस्को के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के साथ साझेदारी में विकसित किया है और पिछले महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे लॉन्च किया था। पुतिन की बेटी और देश के स्वास्थ्य मंत्री समेत तमाम बड़ी हस्तियों को इस वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है और इसके आने वाले कुछ हफ्तों में बड़े पैमाने पर जनता के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है।
शुरूआती ट्रायल के बाद ही लॉन्च कर दी गई है वैक्सीन
कॉमन कोल्ड फैलाने वाले एडिनोवायरस के DNA से बनाई गई रूस की इस वैक्सीन का अभी केवल पहले और दूसरे चरण का ट्रायल पूरा हुआ है। दोनों चरणों में 38-38 लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई और इन सभी लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी देखने को मिली। वैक्सीन के प्रयोग पर गंभीर साइड इफेक्ट भी नहीं देखने को मिले। वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल इसके प्रयोग के साथ-साथ ही चलता रहेगा।
भारत समेत कई देशों में हो सकता है तीसरे चरण का ट्रायल
रूस सऊदी अरब, संयुक्त अरब आमीरात (UAE), ब्राजील और फिलीपींस समेत कई देशों में वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल करने की योजना बना रहा है। 'लांसेट' में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, तीसरे चरण के ट्रायल में अलग-अलग आयु वर्ग और जोखिम वाले समूहों के 40,000 लोग शामिल होंगे। यही नहीं भारत में इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल हो सकता है और भारतीय अधिकारी लगातार इस संबंध में रूस के संपर्क में बने हुए हैं।
बिना ट्रायल पूरे किए वैक्सीन लॉन्च करने पर सवाल उठा रहे हैं विशेषज्ञ
आमतौर पर किसी भी वैक्सीन को तीसरे चरण का ट्रायल पूरा होने के बाद ही लॉन्च किया जाता है, जिसमें हजारों लोगों को इसकी डोज देकर देखा जाता है कि ये कितनी प्रभावी और सुरक्षित है। वैक्सीन के सुरक्षित न होने पर ये लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इसी कारण अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची समेत कई विशेषज्ञ बिना ट्रायल पूरे किए वैक्सीन लॉन्च करने के रूस के फैसले पर सवाल उठा चुके हैं।
रूस का दावा- 20 से अधिक देशों ने दिखाई है वैक्सीन में दिलचस्पी
विशेषज्ञों की इन आपत्तियों को खारिज करते हुए रूस ने अपनी वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी बताया है। उसने भारत समेत 20 से ज्यादा देशों के वैक्सीन में दिलचस्पी दिखाने का दावा भी किया है।