इजरायली एजेंट्स ने ईरान में मार गिराया अलकायदा का नंबर दो आतंकी- रिपोर्ट
अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में अगस्त में ईरान के तेहरान में अलकायदा के नंबर दो आतंकी अबू मोहम्मद अल-मसरी के मारे जाने का दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के खुफिया ऑपरेटर्स ने अमेरिका के इशारे पर मसरी को ढेर किया। इस तरीके से अमेरिका ने 22 साल पहले केन्या और तंजानिया के अमेरिकी दूतावासों पर हुए आतंकी हमले का बदला ले लिया है। मसरी इस हमले का मास्टरमाइंड था।
बाइक सवारों ने किया था मसरी पर हमला
रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद अल-मसरी उर्फ अब्दुल्ला अहमद अब्दुल्ला अगस्त की एक रात 9 बजे अपने घर के पास गाड़ी चला रहा था और तभी दो बाइक सवारों ने गोली मारकर उसे ढेर कर दिया। साइलेंसर लगी पिस्टल से कुल पांच गोलियां चलाई गईं, जिसमें से चार मसरी की कार के अंदर गईं, वहीं एक गोली दूसरी कार में जाकर लगीं। हमले में मसरी की बेटी और ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा बिन लादेन की विधवा भी मारी गई।
अब तक सभी पक्ष छुपाते रहे मसरी की मौत की खबर
रिपोर्ट के अनुसार, ये हमला इजरायल के ऑपरेटर्स ने किया था और चार खुफिया अधिकारियों ने उनके अमेरिका के हवाले से ये हमला करने की बात कही है। तमाम कारणों से अगस्त से अब तक न तो अलकायदा ने अपने शीर्ष नेता के मरने की कोई घोषणा की और न ही किसी देश ने उसे मारने का दावा किया। ईरान ने भी इस मौत को छिपाने की कोशिश की और एक झूठी कहानी रची।
घटना को छिपाने के लिए ईरान ने रची लेबनान के प्रोफेसर की मौत की कहानी
रिपोर्ट के अनुसार, मसरी की मौत को छिपाने के लिए ईरान के सरकारी मीडिया ने हबीब दाउद नामक लेबनान के इतिहास के प्रोफेसर की हत्या की बात कही और उसे इजरायल के दुश्मन आतंकी संगठन हिजबुल्ला का सदस्य बताया। हालांकि पड़ताल में इस नाम का कोई भी प्रोफेसर नहीं पाया गया और एक सूत्र ने बताया कि हबीब दाउद और कोई नहीं बल्कि मसरी ही था और उसकी मौत को छिपाने के लिए ईरान ने ये फर्जी कहानी रची थी।
ईरान के फर्जी कहानी रचने के पीछे ये रहे अहम कारण
ईरान अब तक अलकायदा के किसी भी आतंकी को पनाह देने के आरोपों से इनकार करता रहा है और वह नहीं चाहता था कि इस घटना के बाद उस पर अलकायदा आतंकियों को ठिकाना देने की तोहमत लगे, इसलिए उसने ये फर्जी कहानी रची थी। शिया बहुल देश ईरान के सुन्नी आतंकी संगठन अलकायदा से रिश्ते भी अच्छे नहीं रहे हैं और खराब रिश्तों के इस इतिहास ने भी ईरान के फैसले को प्रभावित किया।
कौन था मसरी?
मूल रूप से मिस्त्र का रहने वाला 58 वर्षीय मसरी अलकायदा का संस्थापक सदस्य था और मौजूदा प्रमुख आयमान अल-जवाहिरी के बाद उसका अलकायदा प्रमुख बनना तय माना जा रहा था। उसने 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर हमले की साजिश रची थी जिसमें 224 लोग मारे गए थे। अमेरिका तभी से उसकी तलाश कर रहा था और वह FBI की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था। उसके सिर पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम था।
लादेन का समधी था मसरी
मसरी की अलकायदा में क्या अहमियत थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह लादेन का समधी थी और उसकी बेटी मरियम की शादी लादेन के बेटे हमजा से हुई थी। हमजा पिछले साल मारा जा चुका है।