अमेरिका: ट्रंप सरकार में इन चेहरों को मिल सकती है जिम्मेदारी, भारतवंशी नामों की भी चर्चा
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नई सरकार को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप और उनके सलाहकार नई सरकार के चेहरों के चयन को लेकर काम करना शुरू कर चुके हैं। हालांकि, ट्रंप ने किसी का भी स्पष्ट रूप से नाम नहीं लिया है, लेकिन वे कई बार संभावित दावेदारों के बारे में संकेत दे चुके हैं। आइए जानते हैं ट्रंप की टीम कैसी हो सकती है।
एलन मस्क
अमेरिकी उद्यमी और अरबपति एलन मस्क चुनावों से पहले न सिर्फ ट्रंप के सबसे कट्टर समर्थक बल्कि सबसे बड़े दानदाता भी रहे हैं। मस्क ने ट्रंप को चुनाव प्रचार के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये दान दिए थे। ऐसे में नई सरकार में मस्क को इनाम मिलना तय है। ट्रंप ने मस्क को नए सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का प्रमुख बनाने का वादा किया है। DOGE मस्क द्वारा प्रचारित की जाने वाले डॉगकॉइन क्रिप्टोकरेंसी का भी नाम है।
विदेश नीति की जिम्मेदारी संभालेंगे रिचर्ड ग्रेनेल?
रिचर्ड ग्रेनेल विदेश नीति पर ट्रंप के सबसे करीबी सहयोगी रहे हैं। उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद के लिए संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है। ग्रेनेल पहले रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए पूर्वी यूक्रेन में एक स्वायत्त क्षेत्र की स्थापना का समर्थन कर चुके हैं, जिस पर यूक्रेन ने आपत्ति जताई थी। हालांकि, विदेशी नेताओं के साथ उनके निजी व्यवहार और कटु व्यक्तित्व के चलते ग्रेनेल विवादों में भी रहे हैं।
रक्षा और वित्त मंत्रालय के लिए कौन दावेदार?
रक्षा मंत्रालय के लिए माइक वाल्ट्ज का नाम चर्चा में हैं। वे ट्रंप के करीबी और अमेरिका सेना में कर्नल हैं। वहीं, वित्त मंत्री के रूप में जॉन पॉल्सन का नाम आगे है। पॉल्सन हेज फंड मैनेजर है। उन्होंने एक ही कार्यक्रम में ट्रंप के लिए 421 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जुटाई थी। फॉक्स न्यूज के लैरी कुडलो के नाम की चर्चा में है। वे ट्रंप के पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक थे।
रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर
रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने चुनावों से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्यता छोड़ दी थी और स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर मैदान में थे। उनके इस कदम की उनके परिवार ने ही काफी निंदा की थी, लेकिन इसके बावजूद वे कई मामलों पर ट्रंप का समर्थन करते रहे। खासतौर पर टीकाकरण और स्वास्थ्य नीतियों को लेकर उनके विचार ट्रंप के समान ही हैं। ट्रंप ने संकेत भी दिया था कि उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है।
विवेक रामास्वामी
भारतीय मूल के अमेरिकी उद्यमी और राजनेता विवेक रामास्वामी पहले खुद राष्ट्रपति पद की रेस में थे, लेकिन बाद में ट्रंप का समर्थन किया था। शुरुआत में ट्रंप ने उनका विरोध जरूर किया, लेकिन बाद में विवेक ट्रंप के साथ खड़े रहे। पार्टी को मिले युवा वोटों के पीछे विवेक को ही वजह माना जाता है। चुनाव से एक दिन पहले तक वे ट्रंप के लिए प्रचार कर रहे थे। ऐसे में विवेक को भी पद मिलने की संभावना है।
तुलसी गबार्ड
ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान में तुलसी गबार्ड प्रमुख महिला चेहरों में से एक रही हैं। तुलसी कांग्रेस की पहली हिंदू महिला सांसद भी हैं। कभी डेमोक्रेटिक पार्टी में रह चुकी तुलसी अब कमला हैरिस की बड़ी विरोधी हैं। 2019 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान हुई बहस में तुलसी ने कमला को शिकस्त भी दी थी। बाद में ट्रंप की मौजूदगी में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी का हाथ थाम लिया था।
इवांका ट्रंप और उनके पति जेरेड कुश्नर
ट्रंप की बेटी इवांका और उनके पति जेरेड कुश्नर पहले कार्यकाल में अहम भूमिका निभा चुके हैं। इवांका ने महिला सशक्तिकरण, कामकाजी परिवारों की नीतियां और अर्थव्यवस्था को लेकर कई योजनाओं पर काम किया था। जेरेड मध्य-पूर्व शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। ट्रंप अपनी चुनावी रैलियों के दौरान परिवार के इन दोनों सदस्यों पर भरोसा जताने का संकेत दे चुके हैं। ऐसे में ट्रंप की बेटी और दामाद को भी कुछ भूमिका मिल सकती है।