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#NewsBytesExclusive: मानसून में किन बीमारियों का रहता है सबसे अधिक खतरा? विशेषज्ञ से जानिए जरूरी बातें 
डॉक्टर प्रद्युम्न सिंह (इंद्रशीला अस्पताल, गुरूग्राम)

#NewsBytesExclusive: मानसून में किन बीमारियों का रहता है सबसे अधिक खतरा? विशेषज्ञ से जानिए जरूरी बातें 

लेखन अंजली
Aug 16, 2025
06:17 pm

क्या है खबर?

मानसून का मौसम गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन यह अपने साथ कई बीमारियां भी लाता है। इस मौसम में होने वाली कुछ बीमारियां सामान्य हैं, जिनसे प्रभावित व्यक्ति कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ बीमारियां जानलेवा भी हो सकती है। अब सवाल आता है कि ये बीमारियां कौन-सी हैं और इनसे कैसे बचा जाए? ऐसे कुछ सवाल जानने के लिए न्यूजबाइट्स हिंदी ने डॉक्टर प्रद्युम्न सिंह से बात की और उन्होंने कई जरूरी बातें बताई।

बीमारियां

मानसून में किन बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा रहता है?

डॉक्टर प्रद्युम्न का कहना है कि इस मौसम में वायरल बुखार, सर्दी-खांसी, टाइफाइड, डायरिया और फूड प्वाइजनिंग जैसी बीमारियां होना सामान्य हैं, लेकिन बारिश के पानी के जमाव के कारण मच्छर पनपते हैं, जिससे डेंगू, चिकगुनिया समेत मलेरिया का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। उन्होंने सलाह दी है कि इन मच्छर जनित बीमारियों से बचे रहने के लिए अपने घर और आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छर निरोधकों का इस्तेमाल करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें।

उम्र

किस उम्र के लोग मानसून की बीमारियों से सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं?

डॉक्टर प्रद्युम्न ने कहा, "छोटे बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा मानसून की बीमारियों से प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसके अतिरिक्त मधुमेह, हृदय रोग या किडनी रोग से ग्रस्त लोग मानसून की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि अगर इस मौसम में किसी व्यक्ति को 3-4 दिन से ज्यादा बुखार चढ़ा रहे तो उसे डॉक्टर के पास जांच के लिए जाना चाहिए।

बारिश

क्या बारिश में भीगना सही है?

डॉक्टर प्रद्युम्न का कहना है कि बारिश में भीगने से वायरल बुखार, खांसी-जुकाम, सिरदर्द और स्किन इंफेक्शन हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई भीग भी जाता है तो घर पहुंचकर तुरंत खुद को तौलिए से पोंछे और अपने कपड़े बदलें। इसके बाद अदरक वाली चाय, काढ़ा या फिर सूप जैसे गर्म पेय का सेवन करें। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

घरेलू उपाय

क्या वायरल बुखार या खांसी-जुकाम होने पर घरेलू उपाय अपनाना सही है?

डॉ प्रद्युम्न का कहना है, "घरेलू उपाय जैसे काढ़ा या अदरक-शहद का इस्तेमाल, कुछ मामलों में सहायक हो सकते हैं, लेकिन उन्हें बीमारी के इलाज का विकल्प नहीं मानना चाहिए।" डॉ प्रद्युम्न ने यह भी कहा, "हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी घरेलू उपाय नहीं अपनाना चाहिए क्योंकि कभी-कभी ये नुस्खे दवाओं के असर को बदल सकते हैं या नुकसान पहुंचा सकते हैं।"

छोटे बच्चे

छोटे बच्चों को इस मौसम के नकारात्मक प्रभाव से कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है?

डॉक्टर प्रद्युम्न ने कहा कि बेहतर होगा कि माता-पिता अपने छोटे बच्चों को मानसून में बाहर ले जाने से बचें और अगर ले जाना जरूरी हो तो उन्हें वॉटरप्रूफ चीजों से कवर करें। इसके अतिरिक्त अगर वो किसी भी कारणवश भीग भी जाए तो उनके कपड़े तुरंत बदलें। उन्होंने आगे कहा, "बच्चों को बाहर का खाना न खिलाएं, उनकी साफ-सफाई का ध्यान रखें और मच्छरों से सुरक्षा के लिए क्रीम या मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।"

एंटीबायोटिक्स

क्या डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स लेनी चाहिए?

डॉक्टर प्रद्युम्न ने कहा, "मानसून में वायरल संक्रमण होना बहुत आम होते हैं, जिनके लिए एंटीबायोटिक दवाओं की कोई आवश्यकता नहीं होती है।" उन्होंने आगे कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स लेना न सिर्फ शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि इससे एंटीबायोटिक्स रेजिस्टेंस भी विकसित हो सकते हैं। इसका मतलब है कि भविष्य में जब आपको वाकई इन दवाओं की जरूरत होगी, तब वे असर नहीं करेंगी।

डाइट

इस मौसम की बीमारियों से बचाने में क्या डाइट कुछ मदद कर सकती है?

डॉक्टर प्रद्युम्न ने कहा, "मानसून की बीमारियों से सुरक्षित रखने में डाइट अहम भूमिका निभा सकती है। इस मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देने वाले गर्म और हल्के खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसके अतिरिक्त ताजे फल खाएं और गर्म पानी या RO का पानी पिएं।" उन्होंने आगे कहा कि इस मौसम में बाहर मिलने वाले व्यंजन, बासी भोजन, कच्ची सब्जियां, अधपका खाना, तला-भुना और भारी खाना खाने से बचना चाहिए।

सावधानियां

मानसून की बीमारियों से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां

डॉक्टर प्रद्युम्न ने बताया कि मानसून में छोटी-छोटी सावधानियां भी हमें बड़ी बीमारियों से आसानी से बचा सकती है। उन्होंने कहा, "टाइफाइड, हेपेटाइटिस-A और फ्लू का वैक्सीनेशन डॉक्टर की सलाह से कराएं। इसके अलावा बारिश के दिनों में योग और स्ट्रेचिंग जैसी इनडोर एक्सरसाइज करना भी बेहतर होता है।" उन्होंने यह भी बताया कि स्वच्छता, संतुलित आहार और समय पर डॉक्टर परामर्श लेना ही मानसून में स्वस्थ रहने का मूलमंत्र है।

परिचय

डॉक्टर प्रद्युम्न सिंह को है 8 साल से अधिक का अनुभव 

डॉ प्रद्युम्न सिंह गुरूग्राम में स्थित इंद्रशीला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा निदेशक हैं और उन्हें चिकित्सा के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है। उनका उद्देश्य आधुनिक चिकित्सा को हर व्यक्ति की पहुंच में लाना है। साथ ही उनका मानना है कि इलाज सिर्फ दवाओं से नहीं, बल्कि संवेदना, सही मार्गदर्शन और समय पर हस्तक्षेप से होता है।