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क्या है पाकिस्तान का अनुच्छेद 5, जिसके दम पर डिप्टी स्पीकर ने खारिज किया अविश्वास प्रस्ताव?
क्या है पाकिस्तान का अनुच्छेद 5, जिसके दम पर डिप्टी स्पीकर ने खारिज किया अविश्वास प्रस्ताव?

क्या है पाकिस्तान का अनुच्छेद 5, जिसके दम पर डिप्टी स्पीकर ने खारिज किया अविश्वास प्रस्ताव?

Apr 04, 2022
08:58 pm

क्या है खबर?

पाकिस्तान में इमरान खान सरकार को गिराने के प्रयास में जुटे विपक्ष को रविवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब संसद के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया। उसके बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद को भंग कर दिया। इससे पाकिस्तान की राजनीति में सियासी बवाल मचा हुआ है। आइये जानते हैं अनुच्छेद 5 क्या कहता है।

कार्यवाही

पाकिस्तान की संसद में क्या हुआ?

पाकिस्तान की संसद में रविवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी और इसे देखते हुए सुबह से ही सांसद सदन पहुंचने लगे, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान नहीं पहुंचे। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने सबसे पहले स्पीकर असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसके बाद डिप्टी स्पीकर खान ने कार्यवाही संभाली। कुछ देर बाद ही उन्होंने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया।

संबोधन

प्रधानमंत्री इमरान ने किया राष्ट्र को संबोधित

अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद प्रधानमंत्री इमरान ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार के खिलाफ विदेशी साजिश हो रही थी और एक चुनी हुई सरकार को गिराने की यह साजिश असफल हो गई है। उन्होंने कहा कि हम इंसाफ के लिए आवाम के बीच आएंगे। अगले चुनाव की तैयारी करे। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश की है। इस पर राष्ट्रपति ने उसे स्वीकार करते हुए संसद को भंग कर दिया।

जानकारी

इमरान ने पूर्व CJP को किया नामित

संसद के भंग होने के बाद प्रधानमंत्री इमरान ने सोमवार को पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए नामित किया है। उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को उनका भेज दिया है। ऐसे में अब उनके कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनने की संभावना है।

सवाल

पाकिस्तान के संविधान का अनुच्छेद 5 क्या कहता है?

पाकिस्तान के 1973 में लिखे गए संविधान के अनुच्छेद 5 रियासत के नाम वफादारी और संविधान-कानून के अनुपालन की बात करता है। इसके खंड 1 में लिखा है कि देश के प्रति वफादारी हर नागरिक का मूल कर्तव्य है। इसी तरह दूसरे खंड में कहा गया है कि संविधान और कानून का अनुपालन करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। चाहे वह पाकिस्तान में स्थायी तौर पर रह रहा हो या कुछ समय के लिए शरण लेकर आया हो।

इस्तेमाल

इमरान सरकार ने कैसे किया अनुच्छेद 5 का इस्तेमाल?

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले इमरान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 5(1) के तहत रियासत से वफादारी हर नागरिक की जिम्मेदारी है और प्रधानमंत्री ने सरकार को गिराने में विदेशी साजिश होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा था कि 7 मार्च को दूसरे मुल्क के अधिकारी ने पाकिस्तानी राजदूत के साथ बैठक कर पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने की बात कही थी।

दावा

विदेशी साजिश के तहत पेश किया गया था अविश्वास प्रस्ताव- चौधरी

मंत्री चौधरी ने कहा कि पाकिस्तानी राजदूत के साथ हुई बैठक के अगले ही दिन विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। उन्होंने कहा कि विदेशी अधिकारी ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ रिश्ते अविश्वास प्रस्ताव की सफलता पर निर्भर होंगे। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव विदेशी ताकतों के इशारे पर लाया गया है, इसलिए यह देश के प्रति वफादारी का उल्लंघन है। इसके बाद डिप्टी स्पीकर ने इसे सही ठहराते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

विपक्ष

मामले पर क्या है विपक्ष का रुख?

विपक्षी नेताओं ने तर्क दिया कि मंत्री चौधरी ने अनुच्छेद 5 के खंड एक का तो उल्लेख कर दिया, लेकिन वह खंड दो से चूक गए। इसमें हर नागरिक के संविधान का पालन करने की बात कही गई है। विपक्ष का आरोप है कि प्रधानमंत्री और अध्यक्ष दोनों ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर इस खंड का उल्लंघन किया है। ऐसे में प्रधानमंत्री इमरान और उनकी सरकार के सदस्यों पर अनुच्छेद 6 के तहत देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

जानकारी

पाकिस्तान का अनुच्छेद 6 क्या कहता है?

अनुच्छेद 6 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो बलपूर्वक या असंवैधानिक तरीकों से संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करता है या फिर उसे तोड़ता या साजिश रचता है तो वह देशद्रोह का दोषी कहलाएगा। ऐसे में प्रधानमंत्री इमरान खान इसके दोषी हैं।

अन्य

अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाला प्रधानमंत्री नहीं करा सकता चुनाव का आह्वान

विपक्ष का आरोप है कि प्रधानमंत्री इमरान ने संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत नए सिरे से चुनाव कराने का आह्वान किया है, लेकिन इस प्रावधान के तहत अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाला प्रधानमंत्री चुनाव का आह्वान नहीं कर सकता है। यह एक और संदिग्ध कार्रवाई है। इधर, विपक्षी नेताओं ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने और संसद को भंग करने के निर्णय को वापस लेने तक संसद पर धरना जारी रखने की चेतावनी दी है।

संभावना

अब आगे क्या होने की है उम्मीद?

संसद के भंग किए जाने के कुछ देर बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के लिए विशेष पीठ का गठन किया है। इसके अलावा कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस भी भेजा है। इसके बाद यदि सुप्रीम कोर्ट भी मामले में डिप्टी स्पीकर के फैसले को सही ठहराता है तो आगामी 90 दिनों में आम चुनाव कराए जाएंगे। ऐसे में फिर यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले आम चुनावों में किसकी सरकार बनेगी।