केंद्र सरकार ने दिया गुरु पर्व का तोहफा, कल से फिर खुलेगा करतारपुर कॉरिडोर
केंद्र सरकार ने सिख धर्मावलंबियों को गुरु पर्व का तोहफा देते हुए करतारपुर साहिब कॉरिडोर को 17 नवंबर यानी बुधवार से फिर से खोलने का निर्णय किया है। इस कदम से सिख तीर्थयात्री 19 महीनों बाद पाकिस्तान में स्थित इस पवित्र गुरुद्वारे के दर्शन कर सकेंगे। सरकार ने 19 नवंबर को गुरु पर्व के त्योहार से तीन दिन पहले यह अहम निर्णय किया है। बता दें कि करतारपुर गुरु नानक देव के जन्म का प्रतीक स्थल है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी निर्णय की जानकारी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ट्वीट कर करतारपुर कॉरिडोर को फिर से खोलने के सरकार के फैसले की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, 'बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्रियों को लाभान्वित करने वाले एक बड़े फैसले में, सरकार ने कल 17 नवंबर से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया है। यह निर्णय श्री गुरु नानक देव जी और हमारे सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दर्शाता है।'
भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से की थी कॉरिडोर को खोलने की मांग
बता दें कि पंजाब भाजपा के नेताओं ने रविवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर करतापुर कॉरिडोर को फिर से खोलने की मांग की थी। इसी तरह मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी प्रधानमंत्री मोदी से कॉरिडोर को खोलने की अपील की थी। इसके बाद सरकार ने यह निर्णय किया है। हालांकि, करतारपुर जाने के लिए पूर्व वैक्सीनेशन, सोशल डिस्टेंसिंग और RT-PCR टेस्ट जैसे उपाय लागू किए जाने की संभावना है।
सरकार के इस फैसले के क्या है मायने?
केंद्र सरकार का यह फैसला अगले साल की शुरुआत में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया है। इसका मतलब यह है कि केंद्र की सत्ताधारी भाजपा के लिए यह फैसला फायदेमंद साबित हो सकता है। बता दें कि पंजाब में पहले ही भाजपा का पकड़ मजबूत नहीं है और सिख समुदाय के लोग पिछले साल पारित तीन नए कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से खासे नाराज हैं। ऐसे में यह निर्णय बड़ी सोच का नतीजा है।
क्या है करतारपुर साहिब कॉरिडोर?
करतारपुर साहिब कॉरिडोर 4.7 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर है जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक वीजा-मुक्त पहुंच प्रदान करता है। इसे नवंबर 2019 में खोला गया था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च 2020 में इसे बंद कर दिया था। पिछले सप्ताह पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारत से गलियारे को फिर से खोलने और तीर्थयात्रियों को पवित्र स्थल पर जाने की अनुमति देने का आग्रह किया था।