डेढ़ साल बाद फिर खुला करतारपुर कॉरिडोर, यात्रा के लिए ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के कारण करीब डेढ़ साल बंद रहने के बाद बुधवार से करतारपुर कॉरिडोर खोल दिया गया है। गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया है।
ध्यान रहे कि करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं के पास RTPCR टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट होना जरूरी है। इसके अलावा पाकिस्तान में प्रवेश करने पर उनका एंटीजन टेस्ट भी किया जा सकता है।
आइये रजिस्ट्रेशन से जुड़ी प्रक्रिया समझते हैं।
रजिस्ट्रेशन
कहां करना होगा रजिस्ट्रेशन?
करतारपुर जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं को http://www.prakashpurb550.mha.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
साइट पर सबसे पहले आवेदकों को यह बताना होगा कि वो भारतीय नागरिक है या उनके पास ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड है।
इसके बाद उन्हें उन तारीखों की जानकारी दी जाएगी, जिस दिन के स्लॉट खाली होंगे। अगले स्टेप में उन्हें पासपोर्ट से जुड़ी पूरी जानकारी देनी होगी। ऐसा करने के बाद यात्रा की तारीख पता चल जाएगी और अस्थायी फाइल नंबर आवंटित हो जाएगा।
रजिस्ट्रेशन
रजिस्ट्रेशन के लिए देनी होंगी ये जानकारियां
रजिस्ट्रेशन के अगले चरण में पूछा जाएगा कि आवेदक किस देश में रहते हैं। आधार और PAN नंबर देना वैकल्पिक है।
अगर आवेदक का मौजूदा पता पासपोर्ट से मेल खाता है तो सारी जानकारियां अपने आप भरी जाएंगी। इस सेक्शन में ब्लड ग्रुप के साथ-साथ नजदीकी पुलिस थाना भी बताना होगा।
इनके अलावा शादी और नौकरी से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियों के साथ यह भी बताना होगा कि क्या आवेदक का कोई रिश्तेदार पाकिस्तान में रहता है या नहीं।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
यात्रियों से ली जाएगी डिक्लरेशन
इससे अगले चरण में आवेदकों को अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी देनी होगी। फिर आवेदकों से डिक्लरेशन ली जाएगी कि वो अपनी यात्रा के दौरान कोई ऐसा काम नहीं करेंगे, जिससे देश की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरा हो।
इसके बाद आवेदकों को अपनी और पासपोर्ट के पहले और आखिरी पन्ने की फोटो अपलोड करनी होगी। अंत में इस फॉर्म का प्रिंट आउट लिया जा सकता है और आवेदक के फोन पर फाइल नंबर का मैसेज पहुंच जाएगा।
करतारपुर कॉरिडोर
इन बातों का भी रखें ध्यान
आवेदकों को इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवल अथॉराइजेशन दी जाएगी और इसकी कॉपी उन्हें डेरा बाबा नानक इमिग्रेशन चेक पोस्ट पर दिखाना होगा।
पाकिस्तान करतारपुर की यात्रा के लिए हर श्रद्धालु से 20 अमेरिकी डॉलर (लगभग 1,500 रुपये) की फीस लेता है, जिसे श्रद्धालु को खुद वहन करना होगा।
यात्रा के दौरान पासपोर्ट पर कोई मुहर नहीं लगेगी। भारत की तरफ से श्रद्धालुओं को एंट्री परमिट दिया जाएगा, जिसे सीमा पार करने के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों के पास जमा कराना होगा।
जानकारी
क्यों खास है करतारपुर साहिब?
सिख धर्म मानने वाले लोगों के लिए करतारपुर साहिब बेहद खास है। माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव 1522 में करतारपुर आए थे और उनकी जिंदगी के आखिरी कुछ साल यहीं गुजरे थे।
कहा जाता है कि करतारपुर में जिस जगह पर गुरु नानक देव की मौत हुई थी, वहां पर गुरुद्वारा बनाया गया था।
पाकिस्तान में मौजूद करतारपुर भारत से महज चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
जानकारी
नवंबर, 2019 में हुआ था कॉरिडोर का उद्घाटन
नवंबर, 2019 में भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान की तरफ से इमरान खान ने इस कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। यह पाकिस्तान के नरोवाल स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को भारत के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ता है।