पाकिस्तान में इमरान खान सरकार पर क्यों छाए हुए हैं संकट के बादल?
क्या है खबर?
पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और अपनों की बगावत के कारण इमरान खान सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं।
विपक्षी पार्टियां संत्तारूढ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है और कई दिनों के नाटकीय घटनाक्रम के बाद सोमवार को आखिरकार उसे नेशनल असेंबली में पेश भी कर दिया गया है।
अब 31 मार्च को प्रस्ताव पर मतदान होगा और उसके आधार पर प्रधानमंत्री इमरान की किस्मत तय होगी।
आइये जानते हैं क्यों बिगड़े हैं हालात।
पृष्ठभूमि
विपक्ष ने 8 मार्च को सचिवालय में पेश किया था अविश्वास प्रस्ताव
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के लगभग 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय में एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
उसमें आरोप लगाया गया है कि साल 2018 में सत्ता में आई इमरान नीत PTI सरकार देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में उसे सत्ता में रहने का हक नहीं है।
इस पर विपक्ष ने 21 मार्च को विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी।
असफलता
OIC के शिखर सम्मेलन के कारण नहीं बुलाया जा सका था सत्र
विपक्ष की मांग के बाद भी 22 मार्च से संसद भवन में शुरू होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के बहुचर्चित 48वें शिखर सम्मेलन के कारण सत्र नहीं बुलाया जा सका था।
उसके बाद नेशनल असेंबली अध्यक्ष असद कैसर ने 25 मार्च को सत्र बुलाने का आदेश दिया था। हालांकि, उस दिन एक श्रद्धांजलि नोटिस के बाद असेंबली को दो दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसको लेकर विपक्ष ने अध्यक्ष की आलोचना की थी।
समर्थन
161 सांसदों ने किया अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन
सोमवार को शुरू हुई संसद की कार्रवाई में विपक्ष शुरुआत से ही सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की तैयारी कर रहा था, लेकिन अध्यक्ष की अनुमति नहीं मिलने के कारण वह पेश नहीं हो सका।
इसके बाद शाम को विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने इमरान सरकार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
इस दौरान गिनती करने पर 161 सांसदों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। बाद में शरीफ ने प्रस्ताव को पढ़कर सुनाया।
जानकारी
31 मार्च तक स्थगित की कार्यवाही
अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बाद अध्यक्ष ने संसद की कार्यवाही 31 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। अब 31 मार्च को शाम 4 बजे इस अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा। उसके आधार पर इमरान खान सरकार की तकदीर का फैसला होगा।
परेशानी
क्या है इमरान खान के लिए बड़ी परेशानी?
वर्तमान में प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए बड़ी परेशानी विपक्ष के साथ उनकी ही पार्टी के लगभग 24 सांसदों के विपक्ष के साथ जाने की धमकी देना है।
इन सांसदों का कहना है कि खान बढ़ती महंगाई को काबू करने में विफल रहे हैं और अपने मंत्रियों की शिकायतों की सुनवाई नहीं करते हैं। वो सभी सरकार की नीतियों से खुश नहीं हैं। उनके द्वारा अपने क्षेत्र की समस्याओं का मुद्दा उठाए जाने पर भी सुनवाई नहीं की जाती है।
प्रयास
सरकार बचाने के लिए क्या कर रहे हैं इमरान?
प्रधानमंत्री इमरान की इस समय सबसे बड़ी कोशिश अविश्वास प्रस्ताव में देरी करने की है। वह अपने बागियों को वापस हासिल करने के लिए पाकिस्तानी सेना और ISI के साथ समझौता करने का प्रयास कर सकते हैं, क्योंकि सेना और ISI ही उन्हें वापस ला सकती है।
इसी तरह सरकार में शामिल कुछ लोग उन्हें 2023 में होने वाले चुनावों से पहले ही मध्यावधि चुनाव कराने कराने की सलाह दे रहे हैं। वह इस पर भी विचार कर सकते हैं।
जानकारी
दक्षिण पंजाब को अलग प्रांत बनाने का प्रयास
PTI के कई बागी दक्षिण पंजाब से हैं और वह इस क्षेत्र को अलग प्रांत बनाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में उनका विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने समर्थन के लिए दक्षिण पंजाब को अलग प्रांत बनाने का बिल भी प्रस्तुत किया है।
बहुमत
क्या इमरान खान के पास है पर्याप्त बहुमत?
342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में PTI गठबंधन के 179 सासंद थे, लेकिन जम्हूरी वतन पार्टी के गठबंधन से हटने के बाद रविवार को यह संख्या 178 रह गई है।
इसी तरह PTI के 24 सांसद भी बागी हो चुके हैं। ऐसे में यह संख्या 154 मानी जा रही है।
इसी बीच प्रधानमंत्री इमरान बगावत की धमकी देने वाले सहयोगी दल PML-Q, बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के 17 सांसदों की मनुहार में जुटे हैं।
आवश्यकता
बागियों को भी मनाना है जरूरी
प्रधानमंत्री इमरान यदि सेना के समर्थन में रहने वाले PML-Q, BAP और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट दल के 17 सांसदों को अपना बना भी लेते हैं तो उन्हें सरकार में बने रहने के लिए बागी हुए अपने 24 सांसदों को भी मनाना होगा।
कारण है कि ये सांसद अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान सरकार के खिलाफ ही वोट डालेंगे।
वर्तमान में विपक्ष के पास 100 सांसदों के अलावा PTI के 24 बागी और अन्य दलों के सांसदों का साथ है।
आरोप
प्रधानमंत्री इमरान ने सरकार गिराने की साजिश में बताया विदेशी ताकतों का हाथ
प्रधानमंत्री इमरान ने रविवार को विपक्ष को अपनी ताकत दिखाने के लिए इस्लामाबाद में विशाल रैली आयोजित की थी। इसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंच थे।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनकी गठबंधन सरकार गिराने की साजिश में विदेशी ताकतों का हाथ है। लंदन में बैठा एक आदमी पाकिस्तान के हित के खिलाफ काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि विदेश में बैठकर पाकिस्तानी विदेश नीति को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है।
धमकी
प्रधानमंत्री इमरान ने लगाया लिखित धमकी देने का आरोप
प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, "पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी धन के जरिये कोशिश की जा रही है। हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ज्यादातर लोग इससे अनजान हैं, लेकिन कुछ लोग हमारे खिलाफ इस धन का इस्तेमाल कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि हम पर दबाव बनने के लिए क्या कोशिश की जा रही है। हमें लिखित में धमकी दी गई है, लेकिन हम राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेंगे।"
जानकारी
इमरान सरकार के खिलाफ क्या है विपक्ष की तैयारी?
PML-N, PPP और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (F) ने प्रधानमंत्री इमरान की रैली के बाद सोमवार को इस्लामाबाद में ही अपनी रैली बुलाई है। इसमें उसने आर्थिक संकट और देश में बिगड़े हालातों के लिए इमरान खान सरकार को जिम्मेदार ठहराने की योजना बनाई है।