अमेरिका का H-1B वीजा क्या है और डोनाल्ड ट्रंप ने इसका समर्थन क्यों किया?
क्या है खबर?
अमेरिका में इस समय H-1B वीजा पर बहस छिड़ी हुई है। इसका कारण नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रविवार को आव्रजन पर अपनी पुरानी सोच के विपरीत H-1B वीजा का समर्थन करना है।
इसके बाद उनके समर्थक दो धड़ों में बंट गए हैं। बता दें कि ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में इस वीजा की आलोचना करते हुए इसे अमेरिकी श्रमिकों के लिए अनुचित बताया था।
आइए जानते हैं H-1B वीजा क्या है और ट्रंप ने इसका समर्थन क्यों किया।
वीजा
क्या है H-1B वीजा?
H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है और इसके 1990 में शुरू किया गया था।
इसके तहत अमेरिकी कंपनियां अत्यधिक कुशल विदेशी श्रमिकों को नौकरियां देती हैं। इसमें तकनीकी, वैज्ञानिक और व्यावसायिक विशेषज्ञता वाले श्रमिक शामिल होते हैं।
हर साल अमेरिकी कंपनियां इसी वीजा के सहारे दुनियाभर से हजारों पेशेवरों को अपने यहां नौकरी पर रखती हैं। यह वीजा 3 साल के लिए होता है और इसके बाद इसे अगले 3 साल के लिए नवीनीकृत भी किया जाता है।
संख्या
अमेरिका हर साल कितने H-1B वीजा जारी करता है?
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी सरकार ने साल 2004 में हर साल जारी किए जाने वाले नए H-1B वीजा की संख्या 85,000 तक सीमित कर दी गयी थी। इनमें 20,000 वीजा अमेरिकी विश्वविद्यालयों से उन्नत डिग्री हासिल करने वाले विदेशियों के लिए आरक्षित किए गए थे।
अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 में 3.86 लाख H-1B वीजा जारी किए गए थे, इनमें 1.19 लाख नए और 2.67 लाख मौजूदा वीजा का विस्तार शामिल है।
जानकारी
साल 2024 में क्या रही H-1B वीजा की स्थिति?
USCIS के अनुसार, अभी तक 2024 में जारी H-1B के आंकड़े सामने नहीं आए है, लेकिन प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार इस साल कुल 7.58 लाख से अधिक लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है। साल 2023 में यह संख्या करीब 4.74 लाख ही थी।
सख्ती
अमेरिका में H-1B वीजा पर बरती जा चुकी है सख्ती
अमेरिका में अतीत में H-1B वीजा पर सख्ती की जा चुकी है। 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप ने वीजा प्रक्रिया में धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए आवेदनों की जांच बढ़ाने के आदेश दिए थे।
उसके बाद आवेदनों को अस्वीकार किए जाने की दर उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
2018 में अस्वीकृति दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, जबकि बराक ओबामा प्रशासन में यह 5-8 प्रतिशत और राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन में 2-4 प्रतिशत के बीच रही थी।
जानकारी
ट्रंप और बाइडन प्रशासन ने कितने जारी किए H-1B वीजा?
ट्रंप प्रशासन ने 2018-2020 तक कुल 11 लाख आवेदन स्वीकृत किए गए, जिनमें से लगभग 3.43 लाख पहली बार आवेदन करने वाले थे। बाइडेन प्रशासन ने 2021-2023 तक 12 लाख आवेदन स्वीकृत किए गए थे, जिनमें 3.75 लाख नए आवेदक थे।
कार्य
H-1B वीजा धारक किन उद्योगों और कंपनियों में काम करते हैं?
स्वीकृत आवेदकों में से अधिकांश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग क्षेत्र में काम करते हैं। इनमें से अधिकांश कम्प्यूटर से संबंधित व्यवसायों में हैं और वित्तीय वर्ष 2023 में इनकी संख्या 65 प्रतिशत थी।
इसके बाद 10 प्रतिशत लोग वास्तुकला, इंजीनियरिंग और सर्वेक्षण में काम कर रहे हैं।
अमेजन 2024 में H-1B वीजा वीजा पर लोगों को रोजगार देने वाली शीर्ष कम्पनी थी, जिसने इस योजना के जरिए 13,000 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त किया है।
अन्य
इन कंपनियों में भी कार्यरत हैं H-1B वीजा
गूगल, मेटा और ऐपल जैसी अन्य बड़ी कंपनियां भी H-1B वीजा धारकों को नौकरी देने के मामले में क्रमशः चौथे, छठे और 8वें स्थान पर हैं।
एलन मस्क के स्वामित्व वाली टेस्ला कंपनी भी 1,700 कर्मचारियों के साथ 22वें स्थान पर है। कैलिफोर्निया और टेक्सास में H-1B वीजा धारकों की संख्या सबसे अधिक है।
बता दें कि मस्क ने हाल ही में H-1B वीजा को अमेरिका के तकनीकी विकास में काफी आवश्यक बताया है।
कमाई
H-1B वीजा धारकों को कितना मिलता है वेतन?
वित्तीय वर्ष 2023 में H-1B वीजा पर अमेरिका में काम करने वाले लोगों की औसत वार्षिक आय 1.18 लाख डॉलर (99.12 लाख रुपये) थी।
पूरे अमेरिका में कंप्यूटर और गणितीय व्यवसायों में लगे लोगों की औसत वार्षिक आय लगभग 1.13 लाख डॉलर (94.92 लाख रुपये) है, जो H-1B कार्यक्रम के माध्यम से समान क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की तुलना में कम है।
अमेरिका में औसत घरेलू आय लगभग 60,000 डॉलर (50.40 लाख रुपये) प्रति वर्ष है।
जानकारी
अमेरिका में H-1B वीजा पर कहां से आते हैं लोग?
स्वीकृत अधिकांश H-1B वीजा भारतीय नागरिकों को मिले हैं। आंकड़ों के अनुसार, लगभग 72 प्रतिशत वीजा भारतीय नागरिकों और 12 प्रतिशत चीनी नागरिकों को जारी किये गए हैं। इसी तरह 1 प्रतिशत वीजा फिलीपींस, कनाडा और दक्षिण कोरियाई नागरिकों को दिए गए हैं।
सवाल
ट्रंप ने क्यों किया H-1B वीजा का समर्थन?
ट्रंप ने रविवार को न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा था, "मैं H-1B वीजा में विश्वास करता रहा हूं। मैंने कई बार इसका इस्तेमाल किया है। यह एक शानदार कार्यक्रम है। मुझे हमेशा से (H-1B) वीजा पसंद रहा है।"
दरअसल, डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DoGE) प्रमुख के बनाए गए मस्क ने शुक्रवार को H-1B वीजा का समर्थन करते हुए इसके जारी रखने के लिए पूरी लड़ाई करने की कसम खाई थी। ऐसे में ट्रंप का बयान उनका समर्थन माना जा रहा है।