अमेरिका ने 13 चाइनीज कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया, सबसे बड़ी ड्रोन निर्माता DJI भी शामिल
दुनिया की महाशक्ति बनने को लेकर अमेरिका और चीन में लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता चली आ रही है। इस बीच अमेरिका के रक्षा विभाग (DOD) ने चीनी सेना से संबंध की आशंका पर 13 चाइनीज कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इस सूची में ड्रोन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी शेनझेन स्थित DJI टेक्नोलॉजी सहित कुछ बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इससे पहले DOD ने पिछले साल 47 चाइनीत कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया था।
क्या है इस कार्रवाई के मायने?
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार और तकनीक को लेकर लंबे समय से लड़ाई चल रही है। पिछले कुछ समय से दुनिया में चीन के बढ़ते कद को अमेरिका शक की नजर से देख रहा है। ऐसे में उसने पिछले कुछ सालों में चाइनीज कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए उनके बढ़ते प्रभाव को रोकने का प्रयास किया है। यह कदम भी उसी का हिस्सा है। अमेरिका के इस कदम से दोनों देशों के बीच और कटुता बढ़ने की संभावना है।
अमेरिका ने चाइनीज कंपनियों पर क्यों की है कार्रवाई?
अमेरिका ने वित्तीय वर्ष 2021 के लिए बनाए गए विलियम एम थॉर्नबेरी राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम की धारा 1260H के अनुसार, 13 चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया है। DOD ने उन्हें चीनी सैन्य कंपनियों के रूप में पेश किया है। विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वह चीन की सैन्य-नागरिक सम्मिश्रण रणनीति को उजागर करने और विफल करने के लिए दृढ़ है। ब्लैकलिस्टेड कंपनियों की यह दूसरी सूची है।
DOD ने बयान में क्या कहा?
DOD की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "सैन्य-नागरिक सम्मिश्रण रणनीति पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के आधुनिकीकरण लक्ष्यों का समर्थन करती है। यह सुनिश्चित करता है कि नागरिक संस्थाओं को रूप में दिखने वाली PRC कंपनियां, विश्वविद्यालय और अनुसंधान कार्यक्रमों द्वारा उन्नत तकनीकों और विशेषज्ञता का अधिग्रहण और विकास किया जा रहा है।" बयान में आगे कहा गया है, "विभाग अन्य कंपनियों और संस्थानों के साथ सूची को अपडेट करता रहेगा।"
ब्लैकलिस्ट होने वाली कंपनियां कौनसी हैं?
अमेरिका द्वारा ब्लैकलिस्ट की गई 13 चाइनीज कंपनियों में बीजिंग कोउनसेक, BGI जीनोमिक्स, चाइना इंटरनेशनल इंजीनियरिंग कंसल्टिंग कॉरपोरेशन, चाइना नेशनल केमिकल कॉरपोरेशन, चाइना नेशनल केमिकल इंजीनियरिंग ग्रुप कॉर्पोरेशन और चाइना स्टेट कंस्ट्रक्शन ग्रुप शामिल हैं। इसी तरह क्लाउडवॉक टेक्नोलॉजी, CRRC कॉर्पोरेशन लिमिटेड, डॉनिंग इंफॉर्मेशन इंडस्ट्री, ग्लोबल टोन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, DJI इनोवेशन टेक्नोलॉजी, झेजियांग दहुआ टेक्नोलॉजी और 360 सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी भी शामिल हैं। इसी तरह अन्य कंपनियों पर भी जल्द ही गाज गिराई जा सकती है।
"DJI चीन या अमेरिका में सैन्य कंपनी नहीं है"
अमेरिका की कार्रवाई के बाद सबसे बड़ी ड्रोन निर्माता कंपनी DJI ने कहा, "DJI ब्लैकलिस्ट करने के लिए इस्तेमाल किए गए कानून द्वारा निर्धारित किसी भी श्रेणी में नहीं आती है। DJI चीन और अमेरिका या किसी अन्य देश में सैन्य कंपनी नहीं है।"
अमेरिका ने DJI को हमेशा से माना है खतरा
अमेरिका ने हमेशा DJI को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा है। पिछले साल, कोषागार विभाग ने जातीय अल्पसंख्यक उइगरों की निगरानी में कथित संलिप्तता के लिए अमेरिकी लोगों के कंपनी के शेयरों की खरीद-फरोख्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस सूची में अन्य बड़े नाम भी शामिल हैं। इनमें जीन परीक्षण कंपनी BGI जीनोमिक्स, रोलिंग स्टॉक निर्माता CRRC कॉर्प और निगरानी कंपनी दहुआ टेक्नोलॉजी का नाम भी शामिल है।
हुवाई और SMIC को पिछली सूची में किया गया था ब्लैकलिस्ट
अमेरिका की ओर से 13 चीनी कंपनियों की ब्लैकलिस्ट करने की यह सबसे नई सूची है। इससे पहले जून 2021 में भी अमेरिका ने चाइनीज कंपनियों पर कार्रवाई की थी। उस दौरान अमेरिका ने टेक दिग्गज हुवाई और सेमीकंडक्टर निर्माता SMIC सहित 47 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया था। अमेरिकी ने डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में चीनी कंपनियों पर कार्रवाई शुरू की थी और अब राष्ट्रपति जो बाइडन भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं।
अमेरिका की कार्रवाई कंपनी के निवेशकों के लिए है चेतावनी
अमेरिकी सरकार रक्षा से लेकर तकनीकी क्षेत्रों में चीन का मुकाबला करने की कोशिश कर रही है। DOI द्वारा ब्लैकलिस्ट करना निवेशकों को सूची में शामिल कंपनियों से दूर रहने की चेतावनी है। चीन के अनुसार, यह कार्रवाई चीन की तकनीकी वृद्धि को रोकने के लिए है। यह कदम चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अमेरिका द्वारा एक गहन रणनीति के रूप में देखा जा सकता है। इससे कंपनी में निवेश करने वालों के लिए खतरा बढ़ गया है।
चीनी कंपनियों पर बैन का क्या असर होगा?
DOI द्वारा चीनी कंपनियों पर की गई इस कार्रवाई के प्रभाव को कई कोणों से देखा जा रहा है। सबसे पहला प्रभाव यह है कि यह अमेरिका में इन कंपनियों की संभावना को प्रभावित करता है। चीनी कंपनियों में अमेरिकियों द्वारा प्रत्यक्ष निवेश लगातार कम हो गया है। हालांकि, अप्रत्यक्ष निवेश पर प्रतिबंध के प्रभाव की और जांच की जरूरत है। इसी तरह अब अमेरिकी सरकार के अन्य विभागों द्वारा चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की संभावना बढ़ गई है।