कनाडा से नहीं निकाले जाएंगे 700 भारतीय छात्र, अस्थायी तौर पर टला निर्वासन
कनाडा की सरकार ने 700 भारतीय छात्रों को बड़ी राहत देते हुए उनके निर्वासन पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है। दरअसल, ये सभी छात्र ठगी का शिकार हो गए थे। एक गैंग ने इन्हें फर्जी एडमिशन लेटर के जरिए कनाडा के विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए भेजा था। मामले का खुलासा होने के बाद सरकार ने सभी को 13 जून तक कनाडा छोड़ने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे थे।
AAP सांसद ने दी जानकारी
आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद विक्रमजीत साहनी ने कहा कि कनाडा सरकार ने 700 भारतीय छात्रों के निर्वासन को फिलहाल रोकने का फैसला लिया है। साहनी के मुताबिक, उनके अनुरोध और भारतीय उच्चायोग के दखल के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है। उन्होंने कहा, "हमने समझाया कि छात्रों ने धोखाधड़ी नहीं की है बल्कि इसका शिकार हुए हैं। कुछ अनाधिकृत एजेंट ने छात्रों को फर्जी एडमिशन लेटर और भुगतान की रसीद दे दी।"
क्या है मामला?
दरअसल, इन भारतीय छात्रों को 2018 से 2019 के बीच कनाडा के कॉलेजों से ऑफर लेटर मिले थे। इन्हीं लेटर आधार पर उन्हें कनाडा का वीजा मिला और वो कनाडा पहुंचे। पढ़ाई पूरी होने के बाद जब हाल ही में छात्रों ने कनाडा में स्थायी निवास (PR) के लिए आवेदन किया तो पता चला कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीजा हासिल किया था। इसके बाद कनाडा सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) ने इन छात्रों को निर्वासन नोटिस दिया था।
कैसे फर्जीवाड़े का शिकार हुए छात्र?
इन छात्रों को पंजाब के जालंधर की एजुकेशन और माइग्रेशन सर्विसेस (EMSA) नाम की एक कंपनी से फर्जी ऑफर लेटर मिले थे। ये कंपनी बृजेश मिश्रा और राहुल भार्गव नामक 2 शख्स चलाते हैं। उन्होंने छात्रों से कनाडा पढ़ाई करने के लिए भेजने के लिए 14 से 16 लाख रुपये लिए थे। छात्रों को जिन कॉलेजों का ऑफर और एडमिशन लेटर दिया गया था, उनकी बजाय कनाडा पहुंचने पर उन्हें अलग-अलग बहाने बनाकर अन्य कॉलेजों में पढ़ने भेज दिया।
कनाडा की संसद में भी उठा था मुद्दा
कनाडा की संसद में भी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने भारतीय छात्रों के निर्वासन से जुड़ा मुद्दा उठाया था। सिख मूल के NDP नेता जगमीत सिंह ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से छात्रों को निर्वासित करने के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। पंजाब सरकार के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भी इस मामले में विदेश मंत्रालय को पत्र हस्तक्षेप की अपील की थी। उन्होंने एजेंट पर कार्रवाई के लिए गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा था।
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दिया था आश्वासन
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने छात्रों का न्याय मिलने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा था, "हमें पता चला है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय छात्र फर्जी एडमिशन लेटर की वजह से निर्वासन का सामना कर रहे हैं। हम हर मामले का मूल्यांकन करेंगे और पीड़ित छात्रों को अपनी स्थिति बताने का अवसर मिलेगा। हमारा ध्यान दोषियों की पहचान करने पर है न कि पीड़ितों को दंडित करने पर। छात्रों को न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा।"