अमेरिका: हवाई के इस तालाब का रंग अचानक बदलकर हो गया गुलाबी, यह रही वजह
अमेरिका के हवाई द्वीप में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। यहां एक तालाब में पानी का रंग अचानक बदलकर गुलाबी हो गया है। असामान्य रंग के कारण यह तालाब लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। हर कोई तालाब के ऐसे रंग को देखकर अचंभित है। विशेषज्ञों ने तालाब के पानी के रंग में बदलाव को लेकर सूखे की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया है। आइये इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तालाब की तस्वीरें हो रहीं वायरल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हवाई के माउई द्वीप पर स्थित केलिया तालाब राष्ट्रीय वन्यजीव रिफ्यूज में 30 अक्टूबर से पानी का रंग गुलाबी हो गया है। जब माउई निवासियों ने तालाब के पानी का असामान्य रंग देखा तो वे हैरान रह गए। ट्रैविस मॉरिन नामक एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि तालाब में गुलाबी पानी देखकर किसी ने उसकी तस्वीरें खींच लीं और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जिसके बाद से ये तेजी से वायरल हो गईं।
हैलोबैक्टीरिया के कारण बदला तालाब का पानी
मामला वायरल होने के बाद जांच के लिए तालाब के पानी का सैंपल हवाई विश्वविद्यालय में भेजा गया। वहां जांच से पता चला कि तालाब के पानी का रंग गुलाबी 'हैलोबैक्टीरिया' के कारण हो गया है। हैलोबैक्टीरिया एककोशिकीय जीव है, जो बहुत खारे पानी में पनपते हैं। केलिया तालाब का पानी समुद्री जल से भी ज्यादा खारा है। ऐसे में इस तरह के वातावरण में रहने की क्षमता के कारण जीवाणु को एक्सट्रोफाइल माना जाता है।
सूखे की वजह से खारा हुआ तालाब का पानी
यूएस ड्रॉट मॉनिटर के मुताबिक, माउई में सूखे की समस्या के कारण तालाब के पानी का खारापन सामान्य से कहीं अधिक बढ़ गया है। जिस क्षेत्र में केलिया तालाब है, उसे अत्यधिक सूखा माना जाता है। ऐसे में तालाब में ताजे पानी की मात्रा कम हो गई है, जिसकी वजह से नमक की एकाग्रता बढ़ गई है। इसके कारण ही तालाब में हैलोबैक्टीरिया पनप गए हैं, जिसकी वजह से पानी का रंग गुलाबी हो गया है।
सूखे की समस्या से जूझ रहा है माउई द्वीप
जानकारी के मुताबिक, माउई द्वीप का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा गंभीर रूप से सूखे की समस्या से जूझ रहा है। यह स्थिति अगस्त में लाहिना में जंगल में आग लगने के बाद और भी खराब हो गई है। ऐसे में वैज्ञानिक अभी भी यह अध्ययन कर रहे हैं कि जलवायु संकट हवाई को कैसे प्रभावित करेगा। फिलहाल यह स्पष्ट है कि वैश्विक तापमान बढ़ने की वजह से सूखे की समस्या और भी बदतर हो जाएगी।