#NewsBytesExplainer: अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी को पुलिस ने एयरपोर्ट पर रोका, क्या है पूरा मामला?
भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन को गुरुवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पुलिस ने रोक लिया है। कहा जा रहा है कि उनके खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर के आधार पर ये कार्रवाई की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अशनीर अपनी पत्नी के साथ न्यूयॉर्क जा रहे थे। आइए समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।
एयरपोर्ट पर क्यों रोके गए ग्रोवर दंपति?
अखबार मिंट को एक सूत्र ने बताया कि अशनीर और उनकी पत्नी न्यूयॉर्क जा रहे थे। तभी एयरपोर्ट पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने उन्हें रोक लिया। दरअसल, EOW ने कुछ दिन पहले ही दोनों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। EOW के पुलिस आयुक्त सिंधु पिल्लई ने कहा, "दंपति को सुरक्षा जांच से पहले हिरासत में लिया गया है और अगले सप्ताह EOW कार्यालय में जांच में शामिल होने को कहा गया है।"
क्या है मामला?
दिसंबर, 2022 में भारतपे ने ग्रोवर, उनकी पत्नी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 81.28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। कंपनी ने आरोप लगाया था कि ग्रोवर दंपति ने नकली बिल के जरिए कंपनी के खाते से 81 करोड़ रुपये जान-पहचान वालों और रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कराए हैं। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की EOW कर रही है। कथित घोटाले के समय माधुरी भारतपे में मानव संसाधन (HR) विभाग में कार्यरत थीं।
भारतपे ने ग्रोवर दंपति पर क्या आरोप लगाए थे?
भारतपे ने पिछले साल गबन, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के 17 मामलों की शिकायत EOW में की थी। कंपनी का आरोप है कि ग्रोवर दंपति ने 7 ऐसे वेंडरों को 7.6 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जिन्होंने कंपनी में किसी कर्मचारी की भर्ती में कोई मदद नहीं की। इन 8 वेंडरों के ग्रोवर परिवार के साथ करीबी संबंध थे। इन कंपनियों को जो रसीद जारी की गई, वो पिछली तारीखों की है।
EOW को जांच में क्या-क्या पता चला है?
EOW की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रोवर दंपति ने वेंडरों को भुगतान के लिए भारतपे के अकाउंट से रकम ट्रांसफर करने के लिए पिछली तारीख के चालान का इस्तेमाल किया। ये चालान करोड़ों रुपये के थे। EOW के मुताबिक, अब तक इस तरह के 81 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेनदेन की जानकारी मिली है। EOW ने ये भी कहा कि अभी मामले की जांच जारी है।
EOW ने अपनी रिपोर्ट में और क्या-क्या कहा?
EOW के मुताबिक, अशनीर ने 2019 से 2022 तक अपने पिता अशोक ग्रोवर के खाते में 46 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए। हालांकि, इस रकम को अभी सत्यापित किया जाना है। EOW ने बताया कि इसके अलावा माधुरी को लगभग 5 करोड़, पिता सुरेश जैन को 3 करोड़ और मां संतोष जैन और भाई श्वेतांक जैन को क्रमशः 2-2 करोड़ रुपये भेजे गए। इसके अलावा 71.76 करोड़ रुपये कथित तौर पर फर्जी लेन-देन के जरिए निकाले गए।
ग्रोवर दंपति पर और क्या आरोप लगे?
EOW के मुताबिक, 7 अगस्त, 2019 को भारतपे के खाते से 40 लाख रुपये का एक भुगतान हुआ। हालांकि, जिस खाते में ये रकम भेजी गई, वो खाता 22 अगस्त को खुला। यानी रसीद बाद में जारी की गई। EOW ने बताया कि कंपनी के पूर्व कार्यकारी निदेशक (CEO) सुहैल समीर की भर्ती विकास एंटरप्राइजेस नाम की एक कंपनी के जरिए हुई। जबकि, सुहैल की भर्ती सीधे भारतपे ने ही की थी।
आरोपों पर अश्नीर का क्या कहना है?
अपने ऊपर लगे आरोपों का अश्नीर खुलकर जवाब देते रहे हैं। उन्होंने कहा था, "भारतपे ने भी जांच की थी, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। ऑडिटर्स को भी धोखाधड़ी के सबूत नहीं मिले। आयकर विभाग ने भी कहा कि मैंने सभी बकाया करों का भुगतान कर दिया। भारतपे और 2 टके के अनपढ़ प्रेस वाले अभी बहुत बोल रहे हैं। ये लोग तो चले जाएंगे, लेकिन मैं आखिरी तक खड़ा रहूंगा।"