कश्मीर में तनावपूर्ण हालातः CRPF जवानों की छुट्टियों पर रोक, अतिरिक्त उड़ानों की तैयारी
कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए यहां तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों को नई छुट्टियां नहीं मिलेंगी। सरकार ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रियों पर हमला होने की आशंका के चलते इस यात्रा को बीच में छोड़ यात्रियों को वापस लौट जाने की सलाह दी थी। पर्यटकों को भी जल्द से जल्द घाटी से निकलने को कहा गया है। इसे देखते हुए एयरलाइन कंपनियों को भी तैयार रहने को कहा गया है।
जवानों की छुट्टियां भी हो सकती हैं रद्द
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कश्मीर घाटी में लगभग 38,000 अर्धसैनिक बलों को भेजा गया है। CRPF ने अब यहां तैनात अपने जवानों की छुट्टी पर प्रतिबंध लगा दिया है। इंडिया टूडे के मुताबिक, जवानों को नई छुट्टियां नहीं मिलेंगी और जो जवान छुट्टियों पर गए हैं उन्हें भी वापस बुलाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि आतंकी हमले की आशंका के अलावा आगामी 15 अगस्त को देखते हुए भी सुरक्षा कड़ी की जा रही है।
अमरनाथ यात्रियों को घाटी छोड़ने की सलाह
अमरनाथ यात्रियों के लिए जारी सुरक्षा सलाह में कहा गया है कि ताजा खुफिया जानकारी के मुताबिक आतंकी अमरनाथ यात्रियों को निशाना बना सकते हैं। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से पर्यटक और अमरनाथ यात्री घाटी छोड़ दे।
एयरलाइन कंपनियों ने रद्द की कैंसिलेशन फीस
पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को कश्मीर से वापस जाने की सलाह के बाद एयरलाइन कंपनियों ने इसे लेकर विशेष प्रबंध किए हैं। श्रीनगर आने और जाने वाली उड़ानों के लिए एयर इंडिया, विस्तारा और स्पाइसजेट समेत कई कंपनियों टिकट कैंसिलेशन और रिशेड्यूलिंग पर लगने वाली फीस को रद्द कर दिया है। एयर इंडिया 15 अगस्त तक यह रियायत दे रही है, जबकि विस्तारा, इंडिगो और स्पाइसजेट 9 अगस्त तक यात्रियों से यह फीस नहीं लेगी।
अतिरिक्त उड़ानों के लिए तैयारी पूरी
कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने सभी एयरलाइन कंपनियों को जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त उड़ानों के लिए तैयार रहने को कहा है। एक के बाद एक नोटिस को देखते हुए लोग समझ रहे हैं कि कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है। साथ ही इसे लेकर जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इन पार्टियों के प्रतिनिधिनमंडल ने राज्यपाल से भी मुलाकात की।
स्पाइसजेट 9 अगस्त तक देगी रिफंड
राज्यपाल बोले- शांति बनाए रखें
इस प्रतिनिधमंडल में PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, शाह फैजल, सज्जाद लोन, इमरान अंसारी शामिल थे। शुक्रवार देर रात हुई इस मुलाकात में राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुरक्षाबलों को कुछ अहम सूचनाएं मिली हैं कि आतंकी अमरनाथ यात्रियों को निशाना बना सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि यह जिम्मेदारी सरकार की है कि सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। साथ ही उन्होंने शांति बनाए रखने और 'अफवाहों' पर भरोसा ना करने की बात कही।
अफवाहों पर ध्यान न दें लोग- राज्यपाल
उमर ने पूछा- राज्य में दहशत का माहौल क्यों बनाया जा रहा?
बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्यपाल राज्य के संवैधानिक मुखिया है। लोगों को संतुष्ट करना उनकी जिम्मेदारी है। इससे पहले महबूबा ने सरकार से सवाल किया था कि घाटी में सुरक्षाबलों की संख्या क्यों बढ़ाई जा रही है। वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पूरे राज्य में दहशत का माहौल क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने गुलमर्ग से लोगों को हटाने के प्रशासन के फैसले पर भी सवाल उठाया है।
"कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश में पाकिस्तान"
शुक्रवार को प्रेस को संबोधित करते हुए सेना के लेफ्टिनेंट जनरल ढिल्लन ने कहा, "पिछले 3 से 4 दिनों में सेना को पाकिस्तानी आतंकवादियों के अमरनाथ यात्रा पर हमला करने की साजिश रचने से संबंधित रिपोर्ट्स मिली हैं।" उन्होंने कि सेना के पास ये विश्वास करने के कारण हैं कि पाकिस्तान और उसकी सेना कश्मीर में आतंक फैलाने में शामिल हैं और घाटी में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।
कश्मीर में तैनात किए गए 38 हजार अर्धसैनिक बल
बता दें कि शुक्रवार को कश्मीर में 28,000 अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती किए जाने की रिपोर्ट सामने आई थी। इससे पहले केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते 10,000 अतिरिक्त बलों की तैनाती का आदेश जारी किया था। इन दो आदेशों के बाद कश्मीर में अर्धसैनिक बलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। इसे लेकर घाटी में तनाव और डर का माहौल भी बना है और तमाम कयाम लगाए जा रहे हैं।