यूक्रेन की राजधानी कीव की तरफ बढ़ रहा रूसी सेना का 64 किलोमीटर लंबा काफिला
रूस की सेना 64 किलोमीटर लंबे काफिले के साथ यूक्रेन की राजधानी कीव की तरफ बढ़ रही है। सोमवार को सैटेलाइट्स से ली गईं तस्वीरों के जरिए इसकी पुष्टि हुई है। पहले इस काफिले के 27 किलोमीटर लंबा होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब ये काफी बढ़ा दिख रहा है। मक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा ली गई तस्वीरों में कीव के उत्तर-पश्चिम में स्थित एंटोनोव एयरपोर्ट से प्रिबिर्स्क शहर तक की सड़क पर रूसी काफिले को देखा जा सकता है।
काफिले के रास्ते में जलते दिखे कई घर और इमारत
तस्वीरों में रूसी सेना के काफिले के रास्ते में आने वाले कुछ इलाकों से धुआं निकलते हुए भी देखा जा सकता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि रूसी सेना ने कुछ घरों और इमारतों को आग के हवाले किया है। मक्सर टेक्नोलॉजीज ने यूक्रेन की सीमा से मात्र 32 किलोमीटर दूर दक्षिण बेलारूस में सैनिकों और अटैक हेलीकॉप्टर्स की तैनाती बढ़ाए जाने की जानकारी भी दी है। तस्वीरों के जरिए इसकी पुष्टि की गई है।
कीव पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है रूस
इन तस्वीरों से साफ है कि रूस कीव की घेराबंदी करने और इस पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है। युद्ध के पहले दिन से ही रूस इस शहर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, हालांकि वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया है। उसे यूक्रेनी सेना और लोगों से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है और अभी तक उन्होंने रूसी सेना को शहर में दाखिल नहीं होने दिया है।
युद्ध का आज छठवां दिन, रूस ने तेज किया हमला
बता दें कि आज यूक्रेन-रूस युद्ध का छठवां दिन है और रूस ने अपने हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के बाहर बड़ी मात्रा में रूसी सैनिक तैनात हैं और गोले दाग रहे हैं। इनमें से कई गोले आवासीय क्षेत्रों में भी गिरे हैं। कीव के पास सैन्य ठिकाने पर किए गए एक हमले में 70 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की खबर भी है।
रूस पर नागरिक इलाकों पर हमला करने और खतरनाक बम इस्तेमाल करने का आरोप
यूक्रेन ने रूस पर नागरिक इलाकों पर बम गिराने का आरोप भी लगाया है। उसके अनुसार, रूस के हमलों में अब तक 14 बच्चों समेत कुल 352 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है। यूक्रेन और मानवाधिकार संगठनों ने रूस के वैक्यूम बम और क्लस्टर बम इस्तेमाल करने का दावा भी किया है। ये बम बेहद खतरनाक होते हैं और इनसे नागरिकों की जान जाने का ज्यादा खतरा रहता है। इनका उपयोग 'युद्ध अपराध' माना जाता है।