
UK ने G7 समिट के लिए मोदी को आमंत्रित किया, जून से पहले भारत आएंगे जॉनसन
क्या है खबर?
यूनाइटेड किंगडम (UK) ने प्रधानमंत्री मोदी को जून में होने वाली G7 समिट में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
UK, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और फ्रांस समेत सात बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाएं G7 समूह का हिस्सा है।
इंग्लैंड के कॉर्नवॉल में होने वाली इस बार की G7 समिट में कोरोना महामारी, जलवायु परिवर्तन और मुक्त व्यापार समेत कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी।
भारत के अलावा दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को भी इसके लिए न्योता भेजा गया है।
जानकारी
समिट से पहले भारत दौरा करेंगे जॉनसन
UK के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन इस समिट से पहले भारत दौरा कर सकते हैं।
गौरतलब है कि जॉनसन को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था, लेकिन UK में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन के कारण बने हालातों के चलते उन्होंने यह दौरा रद्द कर दिया था।
अब जून से पहले उनके भारत आने की बात कही जा रही है।
बता दें कि बीते साल कोरोना के कारण यह समिट नहीं हो सकी थी।
G7 समिट
कोरोना महामारी, जलवायु परिवर्तन आदि मुद्दों पर होगी चर्चा
बयान में आगे लिखा गया है कि बोरिस जॉनसन 11 से 13 जून के बीच होने वाली इस समिट में प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी नेताओं से कोरोना वायरस के बाद भविष्य को बेहतर, अधिक समृद्ध और पर्यावरण के लिए अनुकूल बनाने के लिए मिलकर काम करने को कहेंगे।
भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को इस समिट में बतौर मेहमान इसलिए बुलाया गया है ताकि इन मुद्दों पर उनके अनुभव और विशेषज्ञता का फायदा उठाया जा सके।
जानकारी
भारत को G7 में शामिल करने की वकालत कर चुके हैं ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को भी इस समूह में शामिल करने की वकालत कर चुके हैं।
बीते साल G7 समूह को 'पुराना समूह' बताते हुए ट्रंप ने कहा कि वर्तमान प्रारूप में यह वैश्विक घटनाओं का सही तरीके से प्रतिनिधित्व करने में सक्षम नहीं है।
उन्होंने भारत, ऑस्ट्रेलिया, रूस और दक्षिण कोरिया को शामिल करने की मांग करते हुए कहा था कि अब वक्त आ गया है, जब इसे G10 या G11 बना दिया जाए।
G7
क्या है G7 समूह?
G7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है। इसे 'ग्रुप ऑफ सेवन' भी कहा जाता है।
आजादी और मानवाधिकारों की सुरक्षा, लोकतंत्र और कानून का शासन, समृद्धि और सतत विकास इसके प्रमुख सिद्धांत हैं।
इसकी पहली बैठक 1975 में हुई थी, जिसमें वैश्विक आर्थिक संकट के संभावित समाधानों पर चर्चा की गई थी। तब इसमें छह सदस्य देश थे। अगले साल कनाडा के शामिल होने से ये G7 बना।
जानकारी
मनमोहन सिंह ने पांच G7 समिट में लिया था हिस्सा
प्रधानमंत्री मोदी 2019 में फ्रांस में हुई G7 समिट में शामिल हुए थे। इस बार अगर वो इसमें जाते हैं तो यह उनका दूसरी समिट होगी। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल में पांच बार G7 समिट में हिस्सा लिया था।