क्या कुत्ते सूंघ कर कोरोना वायरस संक्रमित का पता लगा सकते हैं?
क्या है खबर?
क्या कुत्ते सूंघ कर बता सकते हैं कि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं? इस सवाल के जबाव खोजने के लिए यूनाइटेड किंगडम (UK) की सरकार ने शोधकर्ताओं की एक टीम को पांच लाख पाउंड दिए हैं।
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (LSHTM) मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स (MDD) और डरहम यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर ये शोध करेगा।
इस शोध का आधार और इसके पीछे का विज्ञान क्या है, आइए आपको बताते हैं।
क्षमता
कुत्तों में सूंघने की गजब की क्षमता
कुत्तों की सूंघने की क्षमता इंसानों से कई गुना अधिक होती है। MDD के अनुसार, कुत्तों की नाक में सूंघने के लिए 30 करोड़ से अधिक रिसेप्टर्स होते हैं, वहीं इंसान में ये संख्या 50 लाख है। इसके अलावा कुत्ते का 30 प्रतिशत दिमाग केवल गंध का विश्लेषण करने का काम करता है।
कुत्ते का सूंघने का सिस्टम प्रति ट्रिलियन में कुछ कणों के स्तर तक किसी पदार्थ की पहचान कर सकता है, जो अन्य उपकरणों का तीन गुना है।
बीमारियां
इन बीमारियों के बारे में सूंघ कर बता देते हैं कुत्ते
कुत्तों को पहले से ही बम, ड्रग्स और विस्फोटक इत्यादि की पहचान के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा वे कई तरह की बीमारियों से संक्रमित व्यक्तियों की भी सूंघ कर पहचान कर सकते हैं।
पुराने शोधों में सामने आया है कि कुत्ते मलेरिया, प्रोस्टेट कैंसर, पार्किंग्सन बीमारी, डायबिटीज और स्तर कैंसर के बारे में सूंघ कर बता सकते हैं।
क्या कुत्ते विशिष्ट बैक्टीरिया की सूंघ कर पहचान कर सकते हैं, इसके लिए अभी शोध चल रहे हैं।
विज्ञान
कैसे बीमार शख्स की पहचान करते हैं कुत्ते?
किसी बीमारी से ग्रसित शरीर का हिस्सा एक विशेष प्रकार के बायोमार्कर्स छोड़ता है जो बीमारी के वाष्पशील ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (VOC) सिग्नेचर का हिस्सा बन जाते हैं।
ये VOC सांस, पशीने और मल-मूत्र के जरिए इंसान के शरीर से बाहर निकलते हैं और इनसे इंसान की मेटाबॉलिक स्थिति के बारे में जाना जा सकता है।
किसी बीमारी से संक्रमित होने पर इनकी गंध बदलती है जिसकी प्रशिक्षित कुत्ते पहचान कर सकते हैं।
गजब क्षमता
बेहद असाधारण है गंध से बीमारी का पता लगाने की क्षमता
वैज्ञानिकों के अनुसार, गंध से बीमारी के बारे में पता लगाना दो ओलंपिक साइज के स्विमिंग पूल में एक चम्मच चीनी के बारे में पता लगाने के बराबर है।
एक पेपर के अनुसार, कुछ मामलों में कुत्ते छोड़ी गई सांस के जरिए भी बीमारी का पता लगाने में कामयाब रहे हैं। सांस में सबसे कम VOC होते हैं। इसी कारण वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि कुत्ते कोरोना वायरस की भी पहचान कर सकते हैं।
शोध
मौजूदा शोध में क्या होगा?
LSHTM और MDD के इस शोध में छह लैब्राडोर और कॉकर स्पेनियल कुत्तों को लंदन के अस्पतालों में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों के सैंपल की दुर्गंध सूंघने के लिए दी जाएगी।
इसके अलावा उन्हें ऐसे लोगों की भी दुर्गंध सूंघने को दी जाएगी जो कोरोना से संक्रमित नहीं हैं।
इस तरह से उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित और गैर-संक्रमित लोगों की पहचान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और देखा जाएगा कि वे इसमें कामयाब होते हैं या नहीं।
जानकारी
एक घंटे में 250 लोगों की स्क्रीनिंग कर सकते हैं कुत्ते
अगर ये शोध कामयाब रहता है तो कुत्तों को UK में बाहर से आने वाले यात्रियों की पहचान के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। MDD के शोध के अनुसार, कुत्ते एक घंटे में लगभग 250 लोगों की स्क्रीनिंग कर सकते हैं।