कोरोना वायरस: ट्रंप की रैलियों से बढ़े 30,000 मामले, 700 मौतों का अनुमान- अध्ययन
अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से पहले रैलियों का दौर जारी है। महामारी के बीच हो रही रैलियों की वजह से संक्रमण फैलने की रफ्तार भी तेज हुई है। एक अध्ययन के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 18 रैलियों में शामिल हुए लगभग 30,000 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने का अनुमान है। इसके अलावा इन रैलियों की वजह से कोरोना के कारण होने वाली मौतों में 700 अंकों का इजाफा भी हो सकता है।
जून से सितंबर तक की रैलियों का किया गया विश्लेषण
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने राष्ट्रपति ट्रंप की 20 जून से 22 सितंबर तक हुई 18 रैलियों का विश्लेषण किया था। इसके बाद शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि इन रैलियों की वजह से संक्रमितों की संख्या में 30,000 अतिरिक्त और मृतकों की संख्या में 700 का इजाफा हो सकता है। अगर ये रैलियां नहीं होती तो ये लोग कोरोना वायरस संक्रमण से बच सकते थे और ये मौतें टाली जा सकती थी।
लोगों ने स्वास्थ्य के मामले में बहुत बड़ी कीमत चुकाई- अध्ययन
शोधकर्ताओं ने बताया कि जिन समुदायों के बीच ट्रंप की ये रैलियां हुई हैं, वहां के लोगों ने स्वास्थ्य और मौतों के हिसाब से बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अध्ययन उन चेतावनियों को सही साबित करता है, जिनमें कहा गया था कि अगर बड़ी रैलियों में लोग मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं करते हैं तो कोरोना वायरस के मामले तेजी से ऊपर जा सकते हैं।
बिडेन ने ट्रंप पर साधा निशाना
यह अध्ययन प्रकाशित होने के बाद राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन ने डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा है। बिडेन ने ट्विटर पर लिखा, "राष्ट्रपति ट्रंप आपकी परवाह नहीं करते। वो अपने समर्थकों की भी चिंता नहीं करते हैं।" यह अध्ययन शुक्रवार को प्रकाशित हुआ था। यह खबर लिखे जाने तक अमेरिका में 91.2 2 लाख लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके थे और 2.30 लाख लोगों को महामारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
'सुपरस्प्रेडर इवेंट' बन सकते हैं ऐसे कार्यक्रम
अध्ययन में कहा गया है कि सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) ने पहले ही चेताया था कि भीड़भाड़ वाली ऐसी जगहों पर, जहां लोग मास्क नहीं पहनते और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते, वहां संक्रमण का खतरा रहता है। ऐसी आयोजनों से डरने की एक वजह यह भी है कि ये 'सुपरस्प्रेडर इवेंट' बन सकते हैं, जिसके बाद महामारी के प्रकोप पर लगाम कस पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
दुनियाभर में क्या है संक्रमण की स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 4.60 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 11.94 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देश बना हुआ है। दूसरे नंबर पर मौजूद भारत में 81.84 लाख लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 1.22 लाख मौतें हुई हैं। तीसरे नंबर पर काबिज ब्राजील में 55.35 लाख संक्रमितों में से लगभग 1.60 लाख मरीजों की मौत हुई है।