भारत ने नहीं दिया भाव तो बौखलाया पाकिस्तान, इमरान बोले- अब बातचीत का कोई मतलब नहीं
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वो भारत के साथ बातचीत के इच्छुक नहीं हैं। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री मोदी उनकी बातचीत की मांग को बार-बार नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 में बदलाव करने से पहले और उसके बाद भी उनकी बातचीत की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। यह इंटरव्यू उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बातचीत के एक दिन बाद दिया था।
बातचीत का अब कोई मतलब नहीं- इमरान
इमरान ने कहा, "भारत के साथ बातचीत का अब कोई मतलब नहीं रह गया है। मैंने शांति और वार्तालाप के लिए कई बार पहल की, लेकिन ऐसा लगता है कि भारत ने इसका इस्तेमाल तुष्टिकरण के लिए किया। इस बारे में अब और कुछ नहीं किया जा सकता।" इमरान ने परमाणु शक्ति संपन्न दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर भी चिंता व्यक्त की। बता दें, पुलवामा हमले के बाद से ही दोनों देशों के संबंधों में तनाव है।
कश्मीर मामले के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिशों में पाकिस्तान
भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को दिया विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। पाकिस्तानी सरकार ने कहा था कि वह कश्मीर के मुद्दे को हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाएगी। हाल ही में पाकिस्तान ने इस मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) का दरवाजा खटखटाने की बात कही थी। इससे पहले पाकिस्तान को इस मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN) और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से निराशा हाथ लगी थी।
पाकिस्तान ने बौखलाहट में उठाए ये कदम
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंध कम कर दिए और व्यापारिक संबंधों को खत्म कर दिया था। इसके अलावा पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच चलने वाली सभी बस और रेल सेवाओं पर भी रोक लगा दी। फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव जारी है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान पहले आतंकवाद पर रोक लगाए, उसके बाद ही बातचीत संभव है।
ट्रंप ने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का प्रस्ताव दे चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि वह फ्रांस में G7 सम्मेलन में हिस्सा लेने गए प्रधानमंत्री मोदी के सामने यह मामला उठाएंगे। ट्रंप ने कश्मीर की 'विस्फोटक' स्थिति पर बात करते हुए कहा, "कश्मीर एक बेहद जटिल जगह है। वहां हिंदू है और मुसलमान है। मैं नहीं कहूंगा कि उनमें शानदार मेलजोल है।"
भारत को मंजूर नहीं तीसरे पक्ष की दखल
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता की बात कही है। इससे पहले वो दो बार ऐसा प्रस्ताव दे चुके हैं, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर पर उसे तीसरे पक्ष की दखल मंजूर नहीं है।