अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कश्मीर को बताया जटिल मुद्दा, फिर दिया मध्यस्थता का प्रस्ताव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर की 'विस्फोटक' स्थिति पर एक बार फिर मध्यस्थता करने की बात कही है। ट्रंप ने कहा कि कश्मीर एक बेहद 'जटिल जगह' है। ट्रंप का यह बयान भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों से बातचीत के एक दिन बाद आया है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें कश्मीर की स्थिति शांत करने की कोशिश करने में खुशी होगी। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच खराब संबंधों में धर्म एक बड़ा कारण है।
ट्रंप ने कश्मीर में बताई 'विस्फोटक स्थिति'
ट्रंप ने कहा, "कश्मीर एक बेहद जटिल जगह है। वहां हिंदू है और मुसलमान है। मैं नहीं कहूंगा कि उनमें शानदार मेलजोल है।" व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "मैं मध्यस्थता करने की पूरी कोशिश करुंगा। दो देश हैं, जिनके संबंध अच्छे नहीं है और साफ कहूं तो वहां बहुत 'विस्फोटक स्थिति' है।" उन्होंने कहा कि वह इस सप्ताहांत में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात में इस मुद्दे को उठाएंगे।
मोदी से मुलाकात में ट्रंप उठाएंगे कश्मीर मुद्दा
डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी इस हफ्ते फ्रांस में होने वाले G7 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जहां दोनों नेताओं की मुलाकात होगी। ट्रंप ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी से मिलूंगा। मुझे लगता है कि हम स्थिति को सुधारने में मदद कर रहे हैं। मैं मध्यस्थता या कुछ और करने की पूरी कोशिश करुंगा। मेरे उन दोनों (भारत और पाकिस्तान) से अच्छे रिश्ते हैं, लेकिन फिलहाल उन दोनों में मैत्रीपूर्ण संबंध नहीं हैं।"
पहले भी मध्यस्थता की बात कह चुके हैं ट्रंप
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता की बात कही है। इससे पहले वो दो बार ऐसा प्रस्ताव दे चुके हैं, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर पर उसे तीसरे पक्ष की दखल मंजूर नहीं है।
राजनाथ ने की अमेरिकी रक्षा मंत्री से बात
जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत दिया गया विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव काफी बढ़ गया है। इस तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर से बात की। इस बातचीत में राजनाथ सिंह ने कश्मीर को लेकर उठाए गए कदमों को भारत का आंतरिक मामला बताया और अमेरिका के सामने सीमापार से आतंकवाद का मुद्दा उठाया।
अमेरिका ने किया भारत का समर्थन
राजनाथ ने एस्पर को बताया कि अनुच्छेद 370 में बदलाव करना भारत का आंतरिक मामला है, जिसका मकसद जम्मू-कश्मीर के लोगों की भलाई और आर्थिक विकास है। इस पर एस्पर ने कहा कि वह कश्मीर के मुद्दे पर भारत के कदम का समर्थन करते हैं और उन्हें उम्मीद है कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी मुद्दे का द्विपक्षीय हल निकाला जाएगा। बता दें, रूस भी अनुच्छेद 370 में बदलाव करने के भारत के फैसले का समर्थन कर चुका है।
कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की शरण में पाकिस्तान
भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से बौखलाये पाकिस्तान ने अब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में जाने का फैसला किया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि वो कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाएंगे। इससे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में कहा था कि कश्मीर के मामले को हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाएंगे। हालांकि, इस मामले पर पाकिस्तान को UN और UNSC से मुंह की खानी पड़ी है।