पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की फजीहत, चीन पहुंचने पर नगर निगम की अधिकारी ने किया रिसीव
आर्थिक रूप से कंगाल हो चुके पाकिस्तान की दुनिया के समाने क्या हैसियत रह गई है, इसका नमूना और कहीं नहीं बल्कि उसके मित्र राष्ट्र चीन में ही देखने को मिला है। चीन को अपने सबसे अच्छा दोस्त बताने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब गुरुवार को 'बेल्ट ऐंड रोड समिट' (BRI) के लिए वहां पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए कोई भी बड़ा अधिकारी मौजूद नहीं था। बीजिंग नगर निगम की डिप्टी मेयर ने उनका स्वागत किया।
शीर्ष मंत्री और अधिकारी करते हैं एक राष्ट्राध्यक्ष का स्वागत
इमरान BRI बैठक के लिए चीन के 4 दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। आमतौर पर एक राष्ट्राध्यक्ष के स्वागत के लिए सरकार के शीर्ष मंत्री या अधिकारी मौजूद रहते हैं। कभी-कभी मेजबान देश का राष्ट्राध्यक्ष भी मेहमान राष्ट्राध्यक्ष का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पहुंच जाता है। लेकिन इमरान जब चीन पहुंचे तो उन्हें बीजिंग की डिप्टी मेयर ली लिफेंग ने रिसीव किया। उनके साथ पाकिस्तान में चीनी राजदूत याओ जिंग और चीन में पाकिस्तानी राजदूत मसूद खालिद मौजूद थे।
इमरान के साथ कई मंत्री भी दौरे पर
बता दें कि इमरान का चीन का ये दूसरा दौरा है और वह नवंबर में भी यहां आ चुके हैं। उनके साथ पाकिस्तान के रेलमंत्री राशिद अहमद, जलमंत्री मोहम्मद फैसल वावडा, वित्तीय सलाहकार डॉ. अब्दुल हाफिज शेख समेत कई मंत्री भी दौरे पर हैं।
दौरे से पहले इमरान ने चीन को बताया था भाई
ऐसा फीका स्वागत पाने वाले इमरान ने दौरे से पहले चीन की जमकर तारीफ की थी। चीन को अपना सबसे करीबी दोस्त और भाई बताते हुए उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की उत्सुकता जताई थी। उन्होंने कहा, "चीन से हमारी दोस्ती हमारे लोगों के दिल और दिमाग में बसी हुई है और किसी भी परिस्थिति में यह प्रभावित नहीं होगी।" उन्होंने चीन को पाकिस्तान की स्वतंत्रता, संप्रभुता और एकता का समर्थन करने के लिए धन्यवाद कहा था।
एयर स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान के साथ खड़ा हुआ था चीन
बता दें कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के समय भी चीन ने हर परिस्थति में पाकिस्तान की संप्रभुता, एकता और अखंडता के साथ खड़े होने की बात कही थी। यही नहीं, उसने पाकिस्तानी आतंकी और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने के प्रस्ताव को भी UNSC में वीटो कर दिया था। वह इसके लिए अमेरिका से भी टकराने के तैयार है।
इसलिए पाकिस्तान की मदद कर रहा है चीन
पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय राजनीति में इतने खतरे लेने के पीछे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से होकर जा रहा चीन का महत्वाकांक्षी चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) है। यह उसी BRI का हिस्सा है, जिसकी बैठक में भाग लेने के लिए इमरान चीन पहुंचे हैं। चीन BRI के जरिए पुराने 'सिल्क रूट' को दोबारा जीवित करने की कोशिश कर रहा है, ताकि वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना दबदबा कायम कर सके।