ईरान-अमेरिका तनाव: बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास दागी गई मिसाइल
जनरल सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी बीच बुधवार देर रात को इराक की राजधानी बगदाद के ग्रीन जोन में दो मिसाइलें दागी गई। ग्रीन जोन बगदाद का उच्च सुरक्षा वाला इलाका है, जहां अमेरिकी मिशन समेत विदेशी दूतावास मौजूद है। बीते 24 घंटों में इराकी जमीन पर यह दूसरा मिसाइल हमला था। 8 जनवरी को ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया था।
अमेरिकी दूतावास के पास गिरी मिसाइल
इराक ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि ग्रीन जोन के अंदर दो कत्युशा रॉकेट दागे गए है। हालांकि इसमें किसी तरह का नुकसान होने की खबरें नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक रॉकेट अमेरिकी दूतावास से 100 मीटर की दूरी पर गिरा।
अमेरिका सैनिकों को इसलिए निशाना नहीं बना रहा ईरान?
इसी बीच कुछ ऐसी रिपोर्ट्स भी आई हैं कि ईरान सोच-समझकर अमेरिकी सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाने से बच रहा है। अमेरिका और यूरोप के सरकारी सूत्रों ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने इन हमलों में अमेरिकी बलों को इसलिए निशाना नहीं बनाया ताकि तनाव बढ़ने से रोका जा सके। उसने इन हमलों के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह अमेरिकी हमलों का जवाब देने में सक्षम है।
ईरान के दावों पर उठे सवाल
ईरान के दावे के विपरित सूत्रों ने कहा कि 8 जनवरी को इराक के इरबिल और अल-असद एयरबेस पर हुए हमलों में अमेरिकी बलों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ। ईरान ने इन हमलों में 80 अमेरिकी सैनिकों की मौत का दावा किया था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि ईरान ने एयरबेस के खाली इलाकों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि यह ईरान की योजना का हिस्सा था, ताकि नुकसान कम कर तनाव को बढ़ने से रोका जा सके।
हमले के बाद क्या बोले ट्रम्प?
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के हमलों पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि इराक में अमेरिकी सैनिक सुरक्षित हैं और किसी भी अमेरिकी नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ है। हमलों में अमेरिकी सैन्य अड्डों को मामूली नुकसान हुआ है। ट्रम्प ने अपने भाषण में कहा कि ऐसा लग रहा है कि ईरान पीछे हट रहा है जो दुनिया के लिए अच्छी बात है। अमेरिका ईरान पर पहले से ज्यादा सख्त पाबंदियां लगा रहा है।
सैन्य शक्ति का इस्तेमाल नहीं करेगा अमेरिका- ट्रम्प
संबोधन के दौरान ट्रम्प ने कहा कि जब तक वो राष्ट्रपति हैं ईरान कभी परमाणु शक्ति संपन्न देश नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि ईरान को परमाणु शक्ति संपन्न होने की इच्छा और आतंकियों को समर्थन देना बंद करना होगा। ट्रम्प ने रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी से ईरान के साथ परमाणु समझौता रद्द करने का भी आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास सबसे शक्तिशाली सेना है, लेकिन वह इसका इस्तेमाल नहीं करेगा।
सुलेमानी के लिए कही यह बात
ट्रम्प ने कासिम सुलेमानी की मौत पर बोलते हुए कहा उन्हें पहले ही मार दिया जाना चाहिए था। उन्होंने अमेरिकी दूतावास पर हमला करवाया था। वो अमेरिका के खिलाफ नए हमलों की तैयारी कर रहे थे, जिसे रोक दिया गया है।
क्यों जारी है अमेरिका और ईरान के बीच तनाव?
अमेरिका और ईरान के बीच लंबे समय से तनाव जारी है। हाल में यह तनाव तब चरम की ओर बढ़ गया, जब अमेरिका ने ईरान की कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी को ड्रोन हमला कर मार दिया था। अमेरिका ने उन्हें आतंकी घोषित किया हुआ था। सुलेमानी को 'अमर शहीद' बताते हुए उन्होंने अमेरिका से बदला लेने की कसम खाई थी। सुलेमानी को दफनाने के कुछ घंटों बाद ही ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइलें दागी थीं।