ईरान में क्रैश हुए प्लेन को लेकर अब तक क्या-क्या जानकारी सामने आई है?
बुधवार को ईरान की राजधानी तेहरान के पास क्रैश हुए यूक्रेनियन एयरलाइंस के विमान ने एयरपोर्ट पर लौटने की कोशिश की थी। हादसे की जांच कर ईरानी जांचकर्ताओं ने यह बात कही है। बोइंग 737-800 विमान ने बुधवार सुबह तेहरान के इमाम खामेनेई एयरपोर्ट से यूक्रेन की राजधानी कीएफ के लिए उड़ान भरी थी। कुछ देर बाद ही इसमें खामी आ गई और क्रैश हो गया। इस हादसे में 176 लोगों की मौत हुई है
तकनीकी खामी बताई जा रही वजह
यूक्रेनियन एयरलाइंस की फ्लाइट PS752 ने 176 यात्रियों को लेकर बुधवार को उड़ान भरी थी। इनमें से ज्यादातर यात्री ईरान और कनाडा के नागरिक थे। शुरुआत में बताया गया कि इंजन में खामी के कारण विमान क्रैश हुआ है। हालांकि, बाद में यह बयान वापस ले लिया गया। हादसे के वक्त विमान लगभग 8,000 फीट की ऊंचाई पर था। उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही इसने कंट्रोल रूम को डाटा भेजना बंद कर दिया।
ईरान-अमेरिका तनाव के बीच हुआ हादसा
हादसे की शुरुआती जांच में पता चला है कि एयरपोर्ट से निकलते समय ही विमान में आग लग गई थी। यह हादसा ऐसे मौके पर हुआ, जब ईरान और अमेरिका के बीच तनाव अपने चरम पर था और कुछ ही घंटों पहले ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइल दागी थी। हालांकि, अभी तक इन दोनों घटनाओं में कोई संबंध नहीं पाया गया है। विमान के क्रैश होने के पीछे तकनीकी खामी बताई जा रही है।
एयरपोर्ट से निकलते ही विमान में लगी आग- जांचकर्ता
ईरान के नागरिक विमानन संगठन के प्रमुख अली अब्देजादेह ने कहा कि विमान एयरपोर्ट से निकलने के बाद वापस आने की कोशिश की, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि क्रैश होने से पहले ही विमान में आग लग चुकी थी और वापस लौटते समय पायलट ने कोई डिस्ट्रेस कॉल (संकट में होने की सूचना देने वाली कॉल) नहीं की। इस हादसे के बाद यूक्रेन ने 9 जनवरी को राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
इन देशों से साझा की गई जानकारियां
अब्देजादेह ने कहा कि जांच की जानकारियों को हादसे में जान गंवाने वाले नागरिकों के देशों- यूक्रेन, कनाडा, स्वीडन और अमेरिका को भेजा गया है। अमेरिका में विमान कंपनी बोइंग का मुख्यालय है। इससे पहले ईरान ने कहा था कि वह विमान का ब्लैक बॉक्स बोइंग या अमेरिका को नहीं देगा। इसमें उड़ान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां रिकॉर्ड होती है। नियमानुसार, ईरान जांच का नेतृत्व कर सकता है। आमतौर पर विमान निर्माता कंपनी भी जांच में शामिल होती है।
कौन कर रहा है हादसे की जांच?
अमेरिका में बने बोइंग विमानों के हादसे की जांच में अमेरिका का नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड शामिल होता है, लेकिन यह संबंधित देश के कानूनों और उसकी अनुमति पर निर्भर होता है। वहीं इस हादसे के बाद ईरान ने कहा था कि उसकी संस्थाएं ही इसकी जांच करेगी और यूक्रेन इसका हिस्सा बन सकता है। ब्लैक बॉक्स की जांच को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं है क्योंकि ईरान ने कहा है कि इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।
जांच को लेकर अलग-अलग पक्षों का क्या कहना है?
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने बयान जारी कर कहा था कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हादसे की पारदर्शी और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। उन्होंने ईरान से जांच में सहयोग की अपील की थी। वहीं बोइंग का कहना है कि वह इस जांच में हरसंभव मदद के लिए तैयार है। दूसरी तरफ कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके देश को जांच दल का हिस्सा बनाया जाएगा। उन्होंने तकनीकी सहायता भी पेश की है।
मृतकों में सबसे ज्यादा ईरान के नागरिक
हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों में ईरान के 82, कनाडा के 63, यूक्रेन के 11 (क्रू सदस्यों समेत), स्वीडन के 10, अफगानिस्तान के चार, ब्रिटेन और जर्मनी के तीन-तीन नागरिक शामिल हैं। हालांकि, जर्मनी ने कहा कि उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि ईरान में हुए हादसे में उसके किसी नागरिक की जान गई है। जान गंवाने वालों में 15 बच्चे भी शामिल है। विमान में सवार 138 यात्री कीएफ होते हुए कनाडा जा रहे थे।
पिछले महीने कजाकिस्तान में हुआ था विमान हादसा
इस हादसे से कुछ दिन पहले ही कजाकिस्तान के अल्माटा में हुए विमान हादसे में 14 लोगों की मौत हुई थी। पिछले कुछ सालों में हुए विमान हादसों पर प्रकाश डालती एक रिपोर्ट आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं।