#NewsBytesExplainer: ताइवान की राष्ट्रपति का अमेरिका दौरा और चीन की चेतावनी, क्या बढ़ेगा तनाव?
क्या है खबर?
अमेरिका से रिश्तों को लेकर चीन से बढ़ते विवाद के बीच ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन बुधवार से 10 दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर हैं। इस दौरान वे अमेरिकी स्पीकर केविन मकार्थी से मुलाकात कर सकती हैं।
इसे लेकर चीन ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिका ताइवान की अलगाववादी ताकतों का समर्थन करने के लिए सांठगांठ करता रहता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि त्साई वेन की यात्रा से ताइवान और चीन के बीच विवाद बढ़ सकता है।
दौरा
ऐसा रहेगा ताइवानी राष्ट्रपति का दौरा
त्साई इंग-वेन का दौरा बुधवार से शुरू हो गया है। अमेरिका में 5 अप्रैल को वे स्पीकर केविन मकार्थी से मुलाकात कर सकती हैं। इसके बाद वे ग्वाटेमाला और बेलीज का दौरा करेंगी, जो ताइवान को संप्रभू देश की मान्यता देने वाले 13 देशों में से हैं।
त्साई इंग-वेन का दौरा ऐसे समय हो रहा है जब हाल ही में ताइवान के पूर्व सहयोगी देश होंडुरास ने चीन के साथ अपने राजनयिक रिश्ते शुरू करने की घोषणा की है।
जानकारी
चीन हमारे दृढ़ संकल्प को रोक नहीं पाएगा- त्साई इंग-वेन
यात्रा पर रवाना होने से पहले त्साई इंग-वेन ने कहा कि चीनी दबाव हमारे दृढ़ संकल्प को अंतरराष्ट्रीय समाज की ओर बढ़ने से नहीं रोक पाएगा। उन्होंने कहा, "हम शांत, आत्मविश्वासी, समझौता न करने वाले और बिना उकसावे वाले हैं।"
चीन
चीन दे चुका है कार्रवाई की चेतावनी
त्साई इंग वेन की यात्रा शुरू होने से पहले ही चीन ने कहा कि अगर ताइवान की राष्ट्रपति अमेरिकी हाउस स्पीकर केविन मकार्थी से मिलती हैं, तो वह इसका करारा जवाब देगा।
चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता झू फेंग्लियन ने कहा, "हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं और इसका कड़ा जवाब देंगे। अमेरिका को त्साई इंग-वेन की यात्राओं की व्यवस्था करने और अधिकारियों से उनकी बातचीत कराने से बचना चाहिए।"
राय
बढ़ सकता है देशों के बीच तनाव- विशेषज्ञ
अमेरिका के जर्मन मार्शल फंड में इंडो-पैसिफिक प्रोग्राम के प्रमुख बोनी ग्लेसर ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया, "इस बात की संभावना है कि अगर ताइवानी राष्ट्रपति के दौरे को सावधानी से नहीं संभाला गया, तो देशों के बीच चीजें और बिगड़ सकती हैं।"
उन्होंने कहा, "यह चीनियों द्वारा सैन्य बल के एक बड़े प्रदर्शन के साथ समाप्त हो सकता है, जो अमेरिका-चीन संबंधों में और भी अधिक तनाव पैदा करेगा।"
अमेरिकी पक्ष
यात्रा पर अमेरिका का क्या कहना है?
अमेरिका का कहना है कि त्साई इंग-वेन की यात्रा उनके और उनके पूर्ववर्तियों द्वारा की गई यात्राओं जैसी ही है और इसमें कुछ नया नहीं है।
बता दें कि त्साई इंग-वेन इससे पहले 6 बार अमेरिका के दौरे पर जा चुकी हैं।
एक अधिकारी ने कहा, "त्साई इंग-वेन की यात्रा को वजह मानकर ताइवान पर जबरदस्ती या आक्रामक रुख अपनाने के लिए चीन के पास कोई ठोस कारण नहीं है।"
चीन दौरा
हाल ही ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति गए थे चीन
ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति मा यिंग जेउ मंगलवार को चीन के ऐतिहासिक दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें चीन ने सरकारी मेहमान का दर्जा दिया था।
उन्होंने कहा था कि ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों किनारों के लोग चीनी मूल के ही हैं और दोनों पक्ष शांति बढ़ाने, युद्ध से बचने और चीन को पुनर्जीवित करने का प्रयास करेंगे।
इस बयान का ताइवान की सत्ताधारी पार्टी और लोगों ने खूब विरोध किया था।
नैन्सी पेलोसी
नैंसी पेलोसी के दौरे से बढ़ा था तनाव
बता दें कि पिछले साल तत्कालीन अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि उनकी ताइवान यात्रा इस बात को स्पष्ट करना है कि अमेरिका ताइवान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नहीं छोड़ेगा।
इसके बाद चीन ने कई मिसाइलें दागीं और ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। पेलोसी की यात्रा के बाद से ही अमेरिका-चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध और बिगड़ गए।
विवाद
चीन-ताइवान के बीच क्या है विवाद?
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद चीन पर कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा हो गया और सत्ताधारी नेशनलिस्ट पार्टी (कुओमिंतांग) की हार हुई। इसके बाद कुओमिंताग के लोग चीन छोड़कर ताइवान चले गए।
चीन ताइवान को खुद से अलग हुए एक प्रांत मानता है और उस पर अधिकार जताता है। वहीं, ताइवान खुद को स्वतंत्र देश मानता है जिसकी अपनी सरकार और संविधान है।
फिलहाल दुनिया के केवल 13 देश ही ताइवान को संप्रभु देश की मान्यता देते हैं।