नैंसी की यात्रा से भड़के चीन ने ताइवान के आस-पास दागी 11 बैलिस्टिक मिसाइल
अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान का दौरा करने से भड़के चीन ने अब उकसावे वाली कार्रवाई शुरू कर दी है। पेलोसी के दौरे के साथ ही ताइवान के आस-पास के क्षेत्रों में युद्धाभ्यास शुरू करने वाले चीन ने गुरुवार को महज दो घंटे में ही ताइवान के नजदीक समुद्र में 11 बैलिस्टिक मिसाइलें दाग दीं। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने यह दावा किया है और इस कदम की निंदा की है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने क्या किया है दावा?
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि चीन ने गुरुवार को ताइवान के नज़दीक समुद्र में कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। चीन ताइवान को समुद्र में घेर कर अपना सैन्य अभ्यास कर रहा है। यह क्षेत्रीय शांति को खतरे में डालने वाला विवेकहीन कदम है। मंत्रालय ने कहा कि चीन ने 11 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जो कि ताइवान के समुद्र तट पर गिरी। इन मिसाइलों के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
यहां देखें मिसाइल दागे जाने का वीडियो
ताइवान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से की सहयोग की अपील
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन की इस उकसावे वाली कार्रवाई से उनकी सुरक्षा को खतरा है। इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है और अंतरराष्ट्रीय परिवहन और व्यापार में बाधा आ रही है। वह इस गैरजिम्मेदाराना व्यवहार की निंदा करता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी सहयोग की अपील करता है। मंत्रालय ने कहा कि वह यथास्थिति बनाए रखने के लिए दोस्तों और भागीदारों के साथ काम करेंगे और एक स्वतंत्र और खुला इंडो-पैसिफक सुनिश्चित करेंगे।
चीन ने भी की मिसाइल दागे जाने की पुष्टि
इधर, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भी मिसाइल दागे जाने की पुष्टि की है। ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल शी यी ने कहा कि इसका उद्देश्य मिसाइलों की सटीकता और किसी क्षेत्र में दुश्मन की पहुंच या नियंत्रण से बचने की उनकी क्षमता का परीक्षण करना था। उन्होंने कहा कि मिसाइल अभ्यास पूरा हो गया है और गोलीबारी अभ्यास पूरा होने के बाद संबंधित समुद्री और हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण हटा लिया जाएगा।
चीन ने किया था युद्धाभ्यास का ऐलान
पेलोसी की यात्रा से भड़के चीन ने मंगलवार को ताइवान स्ट्रेट के पास युद्धाभ्यास को बेहद जरूरी बताते हुए उसे जारी रखने का ऐलान किया था। हालांकि, गुरुवार को चीन ने अभ्यास तेज कर दिया और 7 अगस्त तक जारी रखने को कहा है।
रास्ता बदलने को मजबूर हुए जहाज
ताइवान जलडमरू समुद्री व्यापार के मामले में दुनिया के सबसे व्यस्त व्यापार मार्गों में से एक है, लेकिन इस इलाके में चीन के उग्र युद्धाभ्यास के चलते इस इलाके में अधिकतर समुद्री जहाज़ों को रास्ता बदलना पड़ रहा है। इसी तरह ताइवान ने युद्धाभ्यास के चलते अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं। इससे पहले बुधवार को चीन ने ताइवान को खतरे का क्षेत्र घोषित करते हुए विमानन कंपनियों को उसमें प्रवेश से बचने की चेतावनी दी थी।
ताइवान ने शुरू की हमले से बचाव की तैयारी
चीन के युद्धाभ्यास के बीच ताइवान ने अपनी सेनाओं को अलर्ट कर दिया है। इसके अलावा किसी भी तरह के हमले से निपटने के लिए तैयारी तेज कर दी गई है। ताइवान की सेना भी चीन की हरकतों पर पूरी नजर रख रही है। चीन के सरकारी मीडिया के कहना है कि इस युद्धाभ्यास में नौसेना, वायुसेना, रॉकेट सेना आदि हिस्सा ले रही है। इसमें पनडुब्बियों से लाइव फायरिंग के साथ हवाई क्षेत्र में मिसाइलें दागी जा रही हैं।
चीन ने ताइवान के खिलाफ उठाए और भी कई सख्त कदम
ताइवान को खतरे का क्षेत्र घोषित करने के साथ चीन ने उसके प्राकृतिक रेत निर्यात को निलंबित कर दिया और वहां से फल और मछली उत्पादों के आयात पर भी रोक लगा दी। चीन ने ताइवान फाउंडेशन फॉर डेमोक्रेसी और विदेश मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और विकास कोष के खिलाफ कार्रवाई का भी निर्णय किया है। बता दें कि चीन पेलोसी के ताइवान दौरे से उखड़ा है और उसने ताइवान और अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।
श्रीलंका के हंबनटोटा स्थित बंदरगाह के लिए रवाना हुआ चीन का जहाज
इधर, चीन ने अपने सबसे मजबूत जासूसी जहाज यूआन वांग-5 को श्रीलंका के हंबनटोटा में संचालित चीनी बंदरगाह के लिए रवाना कर दिया है। इसके 11 अगस्त को वहां पहुंचने की उम्मीद है। इसको देखते हुए भारत ने इसकी कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल नलिन हेराथ ने कहा कि वह भारत की चिंता समझते हैं। यह जहाज सैन्य प्रतिष्ठानों की निगरानी करने में सक्षम है, लेकिन यह एक नियमित अभ्यास है।