चीन में लिंक्डइन की सेवाएं बंद करेगी माइक्रोसॉफ्ट, चुनौतीपूर्ण माहौल को बताया जिम्मेदार
चीन के साइबर स्पेस पर वहां की सरकार का काफी हद तक नियंत्रण है और फेसबुक, ट्विटर जैसी साइट्स पड़ोसी देश में पहले ही बैन हैं। अब माइक्रोसॉफ्ट का नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म लिंक्डइन भी चीन से वापसी की तैयारी कर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने चुनौतीपूर्ण माहौल को जिम्मेदार ठहराते हुए चीन में लिंक्डइन की सेवाएं बंद करने की घोषणा की है। लिंक्डइन प्लेटफॉर्म को माइक्रोसॉफ्ट ने प्रोफेशनल नेटवर्क की तरह डिजाइन किया है और भारत में भी इसके करोड़ों यूजर्स हैं।
चीन में नई ऐप लेकर आएगी कंपनी
लिंक्डइन ने एक ब्लॉग पोस्ट में चीन में अपनी सेवाएं बंद करने की जानकारी दी है और कहा है कि इस साल के आखिर तक चीन में यूजर्स को लिंक्डइन का ऐक्सेस मिलना बंद हो जाएगा। हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट पूरी तरह चीन से बाहर जाने के बजाय एक चाइना-एक्सक्लूसिव ऐप लाने वाली है। नई ऐप लिंक्डइन का स्ट्रिप्ड-डाउन वर्जन हो सकती है, जिसका फोकस केवल चीन में रहने वाले यूजर्स पर होगा।
क्यों लिया लिंक्डइन शट-डाउन का फैसला?
ब्लॉग में कंपनी ने कहा कि चीन में उसे चुनौतीपूर्ण माहौल का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते सेवाएं देते रहना संभव नहीं है। कंपनी ने कहा, "चीन में लगातार नए नियम सोशल मीडिया सेवाओं के लिए लाए जा रहे हैं, जिनको लागू करना अनिवार्य है।" दरअसल, चीन की सरकार अपने नागरिकों के सोशल मीडिया स्पेस पर भी कड़ा नियंत्रण रखती है और उन्हें सीमित विकल्प ही मिलते हैं।
परेशानियों का सामना कर रही थी लिंक्डइन
साल की शुरुआत से ही लिंक्डइन के सामने चीन में कई चुनौतियां आ रही थीं। मार्च में चीन की सरकार ने प्लेटफॉर्म पर राजनीति से जुड़ा कंटेंट शेयर होने और इसे रोकने में असफल रहने के चलते लिंक्डइन को फटकार लगाई थी। लिंक्डइन से लगातार रिपोर्ट्स मांगी जा रही थीं कि इसका कंटेंट फिल्टर और मॉनीटर करने वाला सिस्टम कैसे काम कर रहा है। प्लेटफॉर्म ने करीब 30 दिन के लिए नए यूजर्स के अकाउंट सस्पेंड भी किए थे।
इनजॉब्स नाम से लाएगी नई ऐप
लिंक्डइन के विकल्प के तौर पर माइक्रोसॉफ्ट चीन में इनजॉब्स नाम की ऐप लेकर आएगी, जिसमें बेसिक फीचर्स मिल सकते हैं। माना जा रहा है कि यह ऐप केवल जॉब्स से जुड़ी जानकारी देगी और इसमें कोई सोशल फीड नहीं होगी। यानी कि यूजर्स को ऐप पर अपने विचार या कोई फोटो शेयर का विकल्प नहीं मिलेगा। बता दें, लिंक्डइन की सेवाएं चीन में माइक्रोसॉफ्ट की ओर से करीब सात साल पहले लॉन्च की गई थीं।
ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स से इसलिए दूरी
चीन में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप और टिक-टॉक जैसी लोकप्रिय सेवाएं ब्लॉक हैं और विकल्प के तौर पर वीबो, वीचैट और डूयिन दिए गए हैं। इस तरह चीन अपने देश में रहने वाले नागरिकों का डाटा ग्लोबल सर्वर पर नहीं भेजती और उसपर नियंत्रण रखती है। चीन का मानना है कि इस डाटा का इस्तेमाल देश को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। वहीं, दूसरे देशों का डाटा चोरी करने के आरोप भी चीन पर लगते रहे हैं।