कोरोना वायरस: भारत की मदद के लिए आगे आए 40 से अधिक देश- विदेश सचिव
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की मदद के लिए अन्य देश भी आगे आने लगे हैं। देश के बिगड़ते हालातों को देखते हुए दुनिया के 40 से अधिक देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है और आवश्यक संसाधन भेजना शुरू कर दिया है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अधिकतर देशों ने ऑक्सीजन से संबंधित उपकरण और जीवनरक्षक दवाइयां भेजने की पेशकश की है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,79,257 नए मामले सामने आए और 3,645 मरीजों की मौत हुई। ये देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले और मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,83,76,524 हो गई है। इनमें से 2,04,832 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 30,84,814 हो गई है।
रूस ने भेजे ऑक्सीजन उत्पादन उपकरण और वेंटीलेटर- श्रृंगला
श्रृंगला ने कहा कि रूस ने अपने दो सैन्य विमानों से 20 ऑक्सीजन उत्पादन उपकरण, वेंटीलेटर और जीवनरक्षक दवाइयों के दो लाख पैकेट भेजे हैं। इसी तरह अमेरिका से तीन विशेष विमानों से कोरोना वैक्सीन के लिए कच्चा माल, ऑक्सीजन पैदा करने के उपकरण और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर रवाना किए हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य एजेंसियों के साथ आवश्यक मंजूरियों में तेजी लाने के लिए काम कर रहा है।
40 से अधिक देशों ने कि मदद की पेशकश- श्रृंगला
श्रृंगला ने कहा, "हम महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। अब तक, हमारे पास तीन मिलियन से अधिक सक्रिय मामले हैं। इससे जाहिर तौर पर हमारे स्वास्थ्य तंत्र पर हमारी क्षमताओं और संसाधनों पर काफी दबाव पड़ा है।" उन्होंने आगे कहा, "अमेरिका, रूस, फ्रांस और जर्मनी सहित 40 से अधिक देशों ने तत्काल आवश्यक वस्तुएं प्रदान करने का आश्वासन दिया है। कई देशों में भारतीय सामुदायिक संघ भी मदद के लिए आगे आए हैं।"
भारत को है विदेशों से 10,000 ऑक्सीजन सिलेंडर मिलने की उम्मीद
श्रृंगला ने कहा कि भारत को विदेशों से 500 से अधिक ऑक्सीजन पैदा करने वाले प्लांट, 4,000 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 10,000 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर और 17 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर मिलने की उम्मीद है।
विदेशों से बड़ी मात्रा में दवाइयां मिलने की उम्मीद- श्रृंगला
श्रृंगला ने कहा कि फार्मा कंपनी गिलियड साइंसेज ने रेमडेसिवीर की 4,50,000 खुराक की पेशकश की है। इसी तरह भारत को रूस और संयुक्त अरब अमीरात से फेविपिरविर की करीब 3,00,000 खुराक तथा जर्मनी और स्विट्जरलैंड से दवा मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा गिलियड और रोचे फार्मा कंपनी कच्चे माल की आपूर्ति में तेजी लाने में मदद कर रही है। इससे दवाइयों के घरेलू उत्पादन में तेजी लाई जा सकेगी।
भारत को प्रतिदिन दो-तीन लाख रेमडेसिविर की है जरूरत
श्रृंगला ने बताया कि भारत में सामान्यतया एक दिन में रेमडेसिविर की 67,000 खुराकों का उत्पादन किया जाता है, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में प्रतिदिन दो से तीन लाख खुराकों की जरूरत है। ऐसे में देश के उत्पादन को इस स्तर पर पहुंचाना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश की फार्मा कंपनियां ने अपने काम की गति बढ़ा दी है और ये निर्माता 67,000 की जगह प्रतिदिन तीन से चार लाख खुराकों का उत्पादन करने के लिए तैयार हैं।
इन देशों ने बढ़ाया मदद के लिए हाथ
श्रृंगला ने बताया कि महामारी की दूसरी लहर में बिगड़ते हालातों के बीच अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, रूस के साथ हमारे पड़ोसी देश मॉरिशस, बांग्लादेश, भूटान ने भी सहायता की पेशकश की है। इससे भारत को इस स्थिति से निकलने में मदद मिलेगी।
अमेरिका के प्रमुख चिकित्सा सलाहकार डॉ एंथनी फाउची ने दिया था एकजुटता का संदेश
बता दें कि बुधवार को अमेरिका के प्रमुख चिकित्सा सलाहकार डॉ एंथनी फाउची ने महामारी की दूसरी लहर में भारत के बिगड़ते हालातों के लिए दुनिया और अमीर देशों को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि अमीर देश और अन्य देश तेजी से भारत की मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में स्थिति बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिए दुनिया के सभी देशों को एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।