पाकिस्तान: इमरान खान की सिफारिश पर संसद भंग, आज पूरे दिन क्या-क्या हुआ?
पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट ने आज नया मोड़ ले लिया। पहले संसद के डिप्टी स्पीकर ने इमरान खान की सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया और फिर इमरान की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने संसद भंग कर दी। अब देश में तीन महीने के अंदर दोबारा चुनाव होंगे। आइए जानते हैं कि पाकिस्तान में आज पूरे दिन क्या-क्या हुआ और संसद भंग करने के सरकार के फैसले पर किसका क्या रुख है।
संसद में क्या हुआ?
पाकिस्तान की संसद में आज अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी और इसे देखते हुए सुबह से ही सांसद सदन पहुंचने लगे, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान संसद नहीं पहुंचे। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने सबसे पहले स्पीकर असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसके बाद डिप्टी स्पीकर कासिम खान ने कार्यवाही संभाली। कुछ देर बाद ही उन्होंने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया।
पाकिस्तानी संविधान का अनुच्छेद 5 क्या है?
पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 5 में देश, संविधान और कानून के प्रति वफादारी तय की गई है। इसके खंड 1 में लिखा है कि देश के प्रति वफादारी हर नागरिक का मूल कर्तव्य है, वहीं खंड 2 में लिखा है कि संविधान और कानून का पालन करना हर नागरिक का अनिवार्य दायित्व है। मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि चूंकि अविश्वास प्रस्ताव विदेशी ताकतों के इशारे पर लाया गया है, इसलिए यह देश के प्रति वफादारी का उल्लंघन करता है।
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद क्या हुआ?
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार के खिलाफ विदेशी साजिश हो रही थी और एक चुनी हुई सरकार को गिराने की विदेशी ताकतों की यह साजिश असफल हो गई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश की है। राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने उनकी सिफारिश को स्वीकार करते हुए संसद को भंग कर दिया। नियमानुसार अब तीन महीने के अंदर चुनाव होंगे।
विपक्ष का क्या रूख?
विपक्ष सरकार के इस कदम के खिलाफ संसद में ही धरना दे रहा है। इसके साथ ही वो संसद को भंग करने के इमरान के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के नेता बिलावल भुट्टो ने कहा कि सरकार ने जो किया है, वो असंवैधानिक है और आज संविधान को तोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और उन्हें संसद भंग करने का अधिकार नहीं है।
सेना का पूरे घटनाक्रम से कोई भी संबंध होने से इनकार
पाकिस्तानी सेना ने इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम से कोई भी संबंध होने से इनकार किया है। सेना के DG ISPR मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार से जब पूछा गया कि क्या इस घटनाक्रम में सेना की कोई दखलअंदाजी रही है तो उन्होंने कहा, "बिल्कुल नहीं।"
सुप्रीम कोर्ट और विशेषज्ञों की क्या राय है?
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने राजनीतिक हालात का स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले पर सुनवाई की और राष्ट्रपति समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी किया। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा लिए गए सभी फैसले कोर्ट के आदेश के अधीन होंगे। कानूनी विशेषज्ञों ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के लिए अनुच्छेद 5 के इस्तेमाल और इमरान के संसद भंग करने की सिफारिश को असंवैधानिक बताया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका निर्णायक रहेगी।
पाकिस्तानी संसद में क्या समीकरण थे?
2018 में पाकिस्तान की 342 सदस्यीय संसद में इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी ने सबसे अधिक 155 सीटें जीती थीं। उसने विभिन्न दलों से गठबंधन करते हुए 179 सीटों के साथ सरकार बनाई थी। लेकिन बीते दिनों जम्हूरी वतन पार्टी और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के समर्थन वापस लेने से यह संख्या 171 रह गई है. जो बहुमत से एक कम है। इमरान के खुद के 24 सांसदों के बागी होने से उनकी परेशानियां और बढ़ गई थीं।