
गुजरात तट: पाकिस्तान की गोलीबारी से भारतीय मछुआरे की मौत, उच्च स्तर पर मामला उठाएगा भारत
क्या है खबर?
अरब सागर में पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) की गोलीबारी में भारत के एक मछुआरे की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल हो गया।
यह घटना गुजरात के अपतटीय क्षेत्र में घटित हुई। मृतक मछुआरे की पहचान महाराष्ट्र के पालघर जिले के रहने वाले 32 वर्षीय श्रीधर चामरे के रूप में हुई है।
भारत ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक स्तर पर इस मुद्दे को उठाने की बात कही है।
जानकारी
क्या है मामला?
द्वारका जिले के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने बताया कि गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ मछुआरे जलपरी नौका में सवार होकर 26 अक्टूबर को ओखा तट से निकले थे। वो जखऊ तट पर मछली पकड़ रहे थे, तभी PMSA ने उनका पीछा कर शनिवार शाम करीब 4 बजे उन पर गोली चला दी।
श्रीधर की लाश को फॉरेंसिक पोस्टमार्टम के लिए जामनगर भेजा गया है।
घायल मछुआरे को भी गोली लगी है, लेकिन उसकी हालत खतरे से बाहर है।
प्रतिक्रियाएं
दोनों पक्षों का इस पर क्या कहना है?
मछुआरों की नौका पर गोलीबारी संयुक्त राष्ट्र के समुद्री नियमों का उल्लंघन है। ऐसे में भारत ने इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाने की बात कही है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया और इसकी जांच चल रही है।
दूसरी तरफ पाकिस्तान का दावा है कि यह नौका उसके क्षेत्र में 'अवैध अतिक्रमण' का प्रयास कर रही थी। बार-बार चेतावनी दिए जाने के बाद भी जब नौका नहीं रुकी तो गोली चलाई गई।
बयान
परिवार में इकलौते कमाने वाले शख्स थे श्रीधर
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मृतक मछुआरे के भाई प्रफुल भोयर ने बताया कि श्रीधर अगस्त में तट पर गए थे और तब से वहीं थे। वो अपने परिवार में इकलौती कमाने वाले व्यक्ति थे और अब सरकार को परिवार की मदद करनी चाहिए।
उनके परिवार में उनकी पत्नी, 8 और 6 साल की दो बेटियां और बूढ़े मां-बाप हैं। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों में श्रीधर का शव उनके गांव पहुंच सकता है।
जानकारी
बीते साल फरवरी में भी PMSA ने की थी कार्रवाई
बीते साल फरवरी में PMSA ने कई मछुआरों को गिरफ्तार किया था।
तब गुजरात सरकार ने विधानसभा में बताया था कि PMSA ने 13 से 18 फरवरी के बीच चार अलग-अलग घटनाओं में 11 नौकाओं को जब्त और 63 मछुआरों को गिरफ्तार किया था। अकेले 13 फरवरी को 23 मछुआरे गिरफ्तार किए गए थे।
इसके बाद भी पाकिस्तान ने कई बार मछुआरों को गिरफ्तार करते हुए उनकी नौकाएं जब्त की हैं।
परेशानी
समुद्री सीमा स्पष्ट न होना बड़ी वजह
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अरब सागर में भारत और पाकिस्तान के बीच समुद्री सीमा स्पष्ट नहीं है, जिसके चलते दोनों देश एक-दूसरे के मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं।
समुद्री सीमा का कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं होने और उच्च तकनीक से लैस नौकाएं न होने के कारण मछुआरों को इलाके पहचानने में काफी मुश्किलें होती हैं। इसके चलते कई मौकों पर सीमा पार होने का खतरा रहता है, जिसके बाद उन्हें जेल की सजा भी काटनी पड़ती है।