पाकिस्तान: इमरान खान तोशखाना मामले में गिरफ्तार, 5 साल तक सक्रिय राजनीति से भी अयोग्य
क्या है खबर?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) प्रमुख इमरान खान को तोशखाना मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस्लामाबाद के अतिरिक्त और सत्र कोर्ट के न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने मामले में इमरान को दोषी करार दिया। उन्हें 3 वर्ष जेल की सजा सुनाई गई है और 1 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
जियो न्यूज के मुताबिक, दोषी करार होने के बाद इमरान सक्रिय राजनीति से 5 वर्ष के लिए अयोग्य भी हो गए हैं।
चुनौती
हाई कोर्ट ने खारिज की थी इमरान की याचिका
बता दें कि तोशखाना मामले में मार्च में इमरान के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था, लेकिन इस्लामाबाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।
इमरान ने आरोपों के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें किसी कोर्ट से राहत नहीं मिली।
हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मामले को किसी अन्य कोर्ट में स्थानांतरित करने की मांग को खारिज करते हुए अतिरिक्त और सत्र कोर्ट को मामले की सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया था।
फैसला
इमरान की पार्टी PTI ने फैसले को बताया पक्षतापूर्ण
इमरान की पार्टी PTI ने कोर्ट के फैसले को पक्षतापूर्ण बताया है।
PTI ने ट्वीट किया, 'तोशखाना मामले में आदेश ने न्याय व्यवस्था के माथे पर एक और काला धब्बा लगा दिया है। पक्षपाती जज द्वारा इतिहास के सबसे बेतुके तरीके से मुकदमा चलाया गया है। यह फैसला राजनीतिक बदले का सबसे खराब उदाहरण है।'
PTI ने फैसले के खिलाफ इस्लामाबाद के हाई कोर्ट में अपील करने की बात कही है।
मामला
क्या है तोशखाना मामला?
इमरान पर प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान विदेशी सरकारों से मिले बेशकीमती उपहारों में से कुछ को अपने पास रखने या बेचने का आरोप है। ये सभी उपहार पाकिस्तान सरकार की संपत्ति होते हैं, जिन्हें तोशखाने में रखा जाता है।
इमरान ने कार्यकाल के दौरान मिले उपहारों की जानकारी का खुलासा करने से भी मना कर दिया था और कहा था कि ऐसा करने से अन्य देशों के साथ संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
ममाला
कैसे सामने आया था तोशखाना मामला?
तोशखाना मामला अगस्त, 2022 में सामने आया था जब पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने इमरान के खिलाफ मामला दायर किया था।
सरकार ने दावा किया था कि इमरान ने तोशखाने में रखे गए उपहारों के बारे में जानकारी का खुलासा नहीं किया और कुछ उपहारों को अवैध रूप से बेच दिया था।
इसके बाद चुनाव आयोग ने पांच साल के लिए इमरान के किसी भी सार्वजनिक पद को संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।