कोरोना वायरस: क्रूज शिप पर सवार दो भारतीय संक्रमित, चीन में मृतकों की संख्या 1,300 पार
जापान के योकोहामा बंदरगाह पर खड़े डायमंड प्रिंसेस क्रूज शिप पर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को क्रूज में सवार 39 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला है जिसमें दो भारतीय नागरिक भी हैं। ये दोनों चालक दल के सदस्य हैं। जापान में भारतीय दूतावास ने ईमेल और टेलीफोन के जरिये भारतीय नागरिकों से बात कर इसकी पुष्टि की है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
क्रूज शिप पर सवार हैं कुल 138 भारतीय
बुधवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि डायमंड प्रिंसेस क्रूज शिप में कुल 3,711 लोग सवार हैं। इनमें से 2,666 यात्री हैं, जिनमें छह भारतीय नागरिक है। वहीं चालक दल के 1,045 सदस्यों में 132 भारतीय नागरिक हैं। शिप पर कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद इसे 19 फरवरी तक बंदरगाह पर अलग खड़ा किया है। 12 फरवरी तक इस पर सवार 174 लोगों को कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिसमें दो भारतीय हैं।
अस्पताल में भर्ती कराए गए सभी 174 पीड़ित
बयान में कहा गया है कि सभी 174 लोगों को अस्पताल में इलाज चल रहा है। जो संक्रमित नहीं हैं, उन्हें भी शिप से उतरने की इजाजत नहीं है। टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास जापान की प्रशासनिक एजेंसियों के संपर्क में है।
भारतीय चालक दल के सदस्य ने लगाई मदद की गुहार
क्रूज शिप पर सवार एक भारतीय नागरिक ने बुधवार को मदद की गुहार लगाई है। तमिलनाडु के रहने वाले अनबालागन ने कई वीडियो पोस्ट कर शिप के हालात दिखाए। वीडियो में अनबालागन और एक दूसरा भारतीय बिनय कुमार सरकार कह रहे हैं, "कुछ नियमों का पालन किया जाना होता हैं। हमें डर है कि नियम तोड़ने पर हमारी नौकरी जा सकती है, लेकिन तब नियम मानने का क्या फायदा, जब हमें पता ही नहीं कि हम जिंदा रहेंगे या नहीं।"
चीन में मरने वालों का आंकड़ा 1,300 पार
चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा 1,310 पहुंच गया है। गुरुवार को 242 लोगों ने दम तोड़ा। कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले लोगों का एक दिन में यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं इससे संक्रमित लोगों की पहचान के लिए नया तरीका अपनाए जाने के बाद 14,840 नए मामले सामने आये हैं। इसके साथ ही संक्रमित लोगों की कुल संख्या 48,206 पहुंच गई है।
नया तरीका क्या अपनाया गया है?
अभी तक चीन में RNA (रिबोन्यूकेलिक एसिड) टेस्ट के जरिए कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान की जा रही थी। इसके तहत जेनेटिक सूचनाओं की मदद से वायरस आदि का पता लगाया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में कई दिन लगते हैं, जिससे इलाज मिलने में देरी हो जाती है। अब इसकी जगह CT (कंप्यूटर टॉमोग्राफी) स्कैन की मदद से संक्रमित लोगों की पहचान की जाएगी। इससे तुरंत नतीजे पता चलेंगे और जल्द इलाज शुरू हो सकता है।
WHO ने कोरोना वायरस को नया नाम दिया
वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को इस वायरस को नाम दिया है। अब से इसे COVID-19 नाम से जाना जाएगा। इसमें 'CO' को कोरोना, 'VI' को वायरस और 'D' को डिजीज के लिए इस्तेमाल किया गया है।
क्या है कोरोना वायरस?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कोरोना वायरस एक वायरस फैमिली है। इससे प्रभावित व्यक्ति को जुकाम से लेकर सांस लेने में परेशानी और किडनी फेल होने से लेकर मौत तक हो सकती है। यह पशुओं से पशुओं और इंसानों में फैलता है। पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने पर दूसरा व्यक्ति भी इससे प्रभावित होता है। अभी तक इसका इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। केवल लक्षणों के आधार पर पीड़ित व्यक्ति का इलाज किया जा सकता है।
कोरोना वायरस से पीड़ित होने के लक्षण और बचाव क्या है?
इस वायरस से पीड़ित होने पर व्यक्ति को सबसे पहले बुखार होता है। उसके बाद खांसी और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। यह छूने, हाथ मिलाने, खांसने और छींकने से हवा में फैलता है और दूसरे व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेता है। इससे बचने के लिए अपने हाथों को साफ रखें, बीमार व्यक्ति के पास जाने से बचें, खांसते या छींकते समय मुंह को ढ़क लें और बीमार होने पर घर से बाहर निकलने से बचें।