
कश्मीर में आतंकियों का सफाया जारी, पुलवामा में सुरक्षा बलों ने ढेर किए 4 जैश आतंकी
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकियों को ढेर कर दिया।
गुरुवार को सुरक्षा बलों को लस्सीपोरा के पंजरन इलाके में आतंकियों के छुपे होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने इलाके की घेराबंदी की और सर्च अभियान चलाया।
इस बीच आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसका सुरक्षा बलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और 4 आतंकियों को ढेर कर दिया।
आतंकियों को जैश से संबंधित बताया जा रहा है।
मुठभेड़
AK सीरीज की 3 राइफलें भी बरामद
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्वीट करते हुए इन आतंकियों के पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने की आशंका जताई।
आतंकियों के पास से AK सीरीज की 3 राइफलें भी बरामद हुई हैं। सर्च अभियान अभी भी जारी है।
बता दें कि इसके पहले 1 अप्रैल को भी लस्सीपोरा में ही आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के 4 आतंकियों को ढेर कर दिया था।
ट्विटर पोस्ट
ऑपरेशन खत्म, सर्च अभियान जारी
Update. Four terrorists have been eliminated.They reportedly belong to JeM.Operation over. More details to follow. https://t.co/ehIPXVeZ1R
— JK Police (@JmuKmrPolice) June 7, 2019
जानकारी
अनंतनाग में आतंकियों ने जवान को गोली मारी
एक अन्य घटना में आतंकियों ने गोली मारकर टेरिटोरियल आर्मी के एक जवान को गोली मार दी, जिसके बाद वह शहीद हो गया। गुरुवार को हुई इस घटना में अनंतनाग जिले के सदुरा गांव में आतंकियों ने जवान मंजूर अहमद बेग को गोली मार दी।
अभियान
जिस तरह किया जैश का सफाया, उसी तर्ज पर बाकी आतंकियों के खिलाफ अभियान
सुरक्षा बल पुलवामा हमले के बाद जैश के खिलाफ चलाए गए अभियान की तरह कश्मीर के बाकी आतंकियों के खिलाफ भी अभियान चला रहे हैं।
पुलवामा हमले के बाद सेना ने जैश के पूर्ण सफाए का अभियान चलाया था और कुछ ही दिनों के अंदर कश्मीर के जैश के शीर्ष नेतृत्व का सफाया कर दिया था।
इस अभियान का ये असर हुआ कि अब जैश की कमान संभालने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है।
बयान
आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती में कमी
सेना और बाकी सुरक्षा बल अब इसी रणनीति के बाकी आतंकियों के सफाए पर काम कर रहे हैं।
इसी कारण उनके और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की खबरें बढ़ी हैं।
कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने बताया था कि आतंकवादी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती में गिरावट जारी है और यह एक शुभ संकेत है।
उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के सारे प्रयासों के बावजूद जैश को सिर उठाने का मौका नहीं दिया जाएगा।
डाटा
तेजी से हो रहा है आतंकियों का सफाया
बता दें कि पिछले साल 2018 में सुरक्षा बलों ने कश्मीर में 272 आतंकियों का सफाया किया था, वहीं एक बड़ी संख्या में आतंकियों की गिरफ्तारी भी हुई। इस साल अभी तक 70 से ऊपर आतंकियों का सफाया किया जा चुका है।