कोरोना को महामारी से स्थानिक बीमारी की तरफ ले जा रहा ओमिक्रॉन- यूरोपीय एजेंसी
यूरोपीय संघ के ड्रग्स नियंत्रक ने मंगलवार को कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट का प्रसार कोरोना को महामारी से स्थानिक बीमारी (एन्डेमिक) की तरफ धकेल रहा है। नियंत्रक ने कहा कि कोई नहीं जानता कि दुनिया इस संकट से बाहर कब निकलेगी, लेकिन यह पक्का है कि इसका अंत होगा। बता दें कि महामारी जहां एक ही समय में बहुत बड़े दायरे में फैलती है, वहीं स्थानिक बीमारी का दायरा और फैलने का समय सीमित होता है।
वैक्सीनेशन और ओमिक्रॉन बढ़ा रहे प्रतिरक्षा
यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) में वैक्सीन रणनीति के प्रमुख मार्को कैवलेरी ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट और वैक्सीनेशन के कारण लोगों में बढ़ती प्रतिरक्षा के चलते दुनिया स्थानिक बीमारी के चरण के पास पहुंच रही है। हालांकि, उन्होंने ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ते जोर की तरफ संकेत करते हुए कहा, "हमें भूलना नहीं चाहिए कि हम अभी भी महामारी के चरण में हैं।" कई दूसरे विशेषज्ञ भी ऐसी संभावना व्यक्त कर चुके हैं।
यूरोप में तेजी से फैल रहा संक्रमण
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कई यूरोपीय देशों में तेज रफ्तार से संक्रमण फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगले दो महीने में आधी से ज्यादा यूरोपीय आबादी संक्रमण की चपेट में आ चुकी होगी।
किसी बीमारी को स्थानिक बीमारी कब माना जाता है?
किसी बीमारी को स्थानिक तब माना जाता है, जब किसी विशेष जगह पर सीमित लोगों में इसके मामले सामने आते हैं और बिना किसी खास प्रयासों के ये स्थिर बने रहते हैं। उदाहरण के तौर पर देखें तो पोलिया स्थानिक बीमारी थी, चिकनपॉक्स स्थानिक बीमारी है। इसी तरह HIV अमेरिका में और मलेरिया अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के कुछ देशों में स्थानिक बन चुकी है। इबोला की बात करें तो कांगो में यह स्थानिक बीमारी बन चुकी है।
एक के बाद एक बूस्टर शॉट टिकाऊ रणनीति नहीं- कैवलेरी
EMA ने आम लोगों को दूसरे बूस्टर शॉट (कुल मिलाकर वैक्सीन की चौथी खुराक) देने पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि यह टिकाऊ रणनीति नहीं है। कैवलेरी ने कहा, "अगर हम लोगों को हर चौथे महीने बूस्टर शॉट देने लगे तो हमें संभवत: प्रतिरक्षा को लेकर परेशानियां देखनी पड़ सकती है। साथ ही यह भी जोखिम है कि लोग लगातार खुराकें लेकर थक चुके होंगे।" उन्होंने कहा कि बूस्टर शॉट के अंतराल पर ध्यान देने की जरूरत है।
दुनियाभर में संक्रमण की क्या स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक 31.35 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 55.04 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 6.23 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8.42 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है। भारत में इसके 3.60 करोड़ मामले सामने आए हैं और 4.85 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।