कोरोना: बच्चों के वैक्सीनेशन में जल्दबाजी नहीं, सावधानी की है जरूरत- मनसुख मांडविया
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए तेज गति से वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है और अब तक 110 करोड़ से अधिक खुराकें लग चुकी है। अब बच्चों की सुरक्षा के लिए उन्हें भी वैक्सीन लगाने की मांग उठ रही है।
इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि सरकार बच्चों को वैक्सीन लगाने में जल्दबाजी नहीं करना चाहती है और इस संबंध में विशेषज्ञों की राय के आधार पर ही निर्णय किया जाएगा।
मंजूरी
जायडस कैडिला की वैक्सीन को मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी
बता दें कि गुजरात की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन तैयार की है और उसके क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों के आधार पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 साल से अधिक उम्र के लोगों में आपात इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी है।
हालांकि, इसके बाद भी अभी तक वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है।
इसको लेकर पिछले काफी समय से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने की मांग उठ रही है।
स्पष्ट
"दुनिया में कहीं भी बच्चों को बड़े पैमाने पर नहीं लगाई जा रही वैक्सीन"
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मांडविया ने कहा, "दुनिया में कहीं भी बड़े पैमाने पर बच्चों को कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। हालांकि, कुछ देशों में बच्चों पर वैक्सीन का सीमित इस्तेमाल शुरू किया गया है।"
उन्होंने कहा, "हम इस चीज को जल्दी नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि यह बच्चों से जुड़ा मामला है। ऐसे में विशेषज्ञ समूह इस पर बड़े स्तर पर अध्ययन कर रहा है। उनकी राय के आधार पर ही आगे कदम बढ़ाया जाएगा।"
मंजूरी
विस्तृत अध्ययन के बाद दी जाएगी पूर्णकालिक मंजूरी- मांडविया
मांडविया ने कहा, "वर्तमान में आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति हासिल कर चुकी सभी वैक्सीनों को विस्तृत अध्ययन और चार से पांच साल के आंकड़ों के आधार पर ही पूर्णकालिक मंजूरी दी जाएगी।"
उन्होंने कहा, "हमने आंकड़ों और अनुभव के आधार पर सीखा है कि वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना संक्रमण हो सकता है। हालांकि, वैक्सीन लेने के बाद हालात गंभीर नहीं होते हैं और पहली खुराक 96 प्रतिशत तथा दोनों खुराकें 98.5 प्रतिशत सुरक्षा देती है।"
तीसरी खुराक
"विशेषज्ञों की सिफारिश पर किया जाएगा तीसरी खुराक का निर्णय"
वैक्सीन की तीसरी खुराक (बूस्टर डोज) देने पर मांडविया ने कहा, "वर्तमान में वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, लेकिन सरकार का सबसे पहला लक्ष्य सभी पात्र लोगों को दोनों खुराकें देना हैं। उसके बाद विशेषज्ञों की सिफारिश के आधार पर तीसरी खुराक पर निर्णय किया जाएगा।"
उन्होंने कहा, "तीसरी खुराक के मामले में सरकार सीधे फैसला नहीं ले सकती है। इसका निर्णय भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की सिफारिश पर ही किया जाएगा।"
जानकारी
भारतीय वैक्सीन को EUA मिलना गर्व की बात- मांडविया
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन से मंजूरी मिलने पर मांडविया ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि भारत में विकसित और निर्मित वैक्सीन को EUA का दर्जा दिया गया है। भले ही इसमें थोड़ी देरी हो गई हो।
मान्यता
दुनिया के 97 देशों ने दी 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सिन' को मान्यता
मांडविया ने कहा कि वर्तमान में दुनिया के 97 देशों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को मान्यता दे दी है। आने वाले दिनों में भारत में निर्मित वैक्सीन दुनिया भर में सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक कोरोना वैक्सीनेशन प्रयासों में अहम भूमिका निभाएगा। पांच-छह कंपनियां और वैक्सीन निर्माण के लिए भारत आने वाली है। इससे वैक्सीन की किल्लत दूर होगी।
कोरोना
अभी खत्म नहीं हुई है कोरोना महामारी- मांडविया
मांडविया ने कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। वैश्विक स्तर पर मामले बढ़ रहे हैं। 80 प्रतिशत से अधिक वैक्सीनेशन के बावजूद रूस, चीन, हांगकांग में मामले फिर से बढ़ रहे हैं। लोगों को वैक्सीनेशन और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आगे बढ़ना होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 'हर घर दस्तक' अभियान के तहत दिसंबर के अंत तक 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 12,516 नए मामले सामने आए और 501 मरीजों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,44,14,186 हो गई है। इनमें से 4,62,690 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1,37,416 हो गई है।
इसी तरह देश में अब तक वैक्सीन की 1,10,79,51,225 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। गुरुवार को 53,81,889 खुराकें लगाई गईं थीं।