केरल में सामने आया नोरो वायरस का पहला मामला, सरकार ने जारी की चेतावनी

कोरोना वायरस महामारी के बीच इंग्लैंड में पैर पसारने वाले बेहद संक्रामक नोरो वायरस ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। केरल के वायनाड में गुरुवार को इसके पहले मामले की पुष्टि हुई है। इसने राज्य सरकार को चिंतित कर दिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि लोगों को बेहद संक्रामक वायरस को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। यह उल्टी और दस्त का प्रमुख कारण बनता है।
TOI के अनुसार, दो सप्ताह पहले वायनाड जिले के विथिरी के पास पुकोडे में संचालित एक पशु चिकित्सा कॉलेज के 13 छात्रों में दुर्लभ नोरो वायरस संक्रमण के लक्षण सामने आए थे। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने छात्रावास को सील करते हुए सभी छात्रों के नमूने एकत्र कर लिए। नमूनों को जांच के लिए अलाप्पुझा में NIV में भेज दिया गया। जहां, गुरुवार को जांच में एक छात्रा के नोरो वायरस की पुष्टि हुई है। यह बेहद गंभीर मामला है।
मामले को लेकर राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को सभी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर वायनाड की स्थिति का जायजा लिया। बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को नोरो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रयासों को तेज करने का निर्देश दिए हैं। इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि फिलहाल चिंता की बात नहीं है, लेकिन वायरस की गंभीरता को देखते हुए सभी लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि सुपर क्लोरीनीकरण सहित निवारक उपाय किए जा रहे हैं। पानी के स्रोतों साफ रखने और उचित रोकथाम और उपचार से बीमारी को जल्दी खत्म किया जा सकता है। लोगों को बचाव के उपायों की जानकारी होनी चाहिए।
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, नोरो एक बेहद संक्रामक वायरस होता है, जिससे संक्रमित व्यक्ति को उल्टी और डायरिया हो जाता है। PHE के अनुसार, इसे 'विंटर वॉमिटिंग बग' के नाम से भी जाना जाता है। इससे संक्रमित व्यक्ति वायरस के लाखों तत्व छोड़ सकता है, जिनमें से कुछ संपर्क में आए लोगों को बीमार कर सकते हैं। पिछले महीनों में इंग्लैंड के नर्सरी और चाइल्ड केयर सेंटरों में इसके ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं।
संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने पर यह वायरस स्वस्थ लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। संक्रमित खाना और पानी के सेवन से भी व्यक्ति बीमार हो सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति संक्रमित सतह को छूने के बाद बिना हाथ धोए मुंह को छूता है तो भी यह वायरस अंदर जाकर बीमार कर सकता है। मोटे तौर पर कहा जाये तो यह कोरोना समेत दूसरे वायरसों की तरह ही फैलता है।
उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और सूजन, बुखार, सिरदर्द और बदनदर्द नोरो संक्रमण के लक्षण माने जाते हैं। आमतौर पर संक्रमण के 12-48 घंटों में ये लक्षण नजर आ जाते हैं, जो 1-3 दिनों तक जारी रहते हैं। अगर इलाज की बात करें तो अभी तक इसकी कोई दवा नहीं आई है। जानकारों का कहना है पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन उल्टी और दस्त से हुए नुकसान की भरपाई कर सकता है।
पर्याप्त सफाई रखकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है। समय-समय पर हाथ धोते रहने से इस वायरस को दूर रखा जा सकता है। जानकारों का कहना है कि खाना बनाने, परोसने और खाने से पहले हाथ धोने जरूरी है।