NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / दुनिया की खबरें / दुनिया-जहां: तेल की अर्थव्यवस्था, इसमें रूस का योगदान और क्या पड़ेगा प्रतिबंधों का असर?
    अगली खबर
    दुनिया-जहां: तेल की अर्थव्यवस्था, इसमें रूस का योगदान और क्या पड़ेगा प्रतिबंधों का असर?
    तेल की अर्थव्यवस्था में रूस का योगदान

    दुनिया-जहां: तेल की अर्थव्यवस्था, इसमें रूस का योगदान और क्या पड़ेगा प्रतिबंधों का असर?

    लेखन प्रमोद कुमार
    Mar 13, 2022
    04:43 pm

    क्या है खबर?

    रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमत बढ़ी है। यूक्रेन पर हमले शुरू करने के बाद कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके बाद माना जा रहा है कि कीमतों में और उछाल आ सकता है।

    दरअसल, रूस की गिनती बड़े तेल उत्पादक देशों में होती है और यहां हो रही घटनाओं को तेल की अर्थव्यवस्था पर काफी असर होता है।

    आज दुनिया-जहां में इसी को समझने का प्रयास करेंगे।

    खपत

    दुनियाभर में कितनी है तेल की खपत?

    इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के अनुसार, 2019 में दुनियाभर में रोजाना 99.7 मिलियन (करीब 9.7 करोड़) बैरल तेल की खपत होती थी। इसमें से करीब एक चौथाई यानी 20.48 मिलियन बैरल की खपत अकेले अमेरिका में होती है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है।

    13.07 मिलियन बैरल के साथ चीन दूसरे और 4.84 मिलियन बैरल के साथ भारत तीसरे स्थान पर है।

    जानकारी के लिए बता दें कि एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है।

    जानकारी

    इन तीन देशों के पास सबसे ज्यादा तेल भंडार

    वेनेजुएला के पास 3.03 लाख मिलियन बैरल, सऊदी अरब के पास 2.58 लाख मिलियन बैरल और ईरान के पास 2.08 मिलियन बैरल का तेल भंडार है। यह दुनियाभर में अब तक मिले 1.55 ट्रिलियन बैरल भंडार का करीब आधा है।

    कच्चे तेल के भंडार

    80 प्रतिशत भंडारों पर OPEC का नियंत्रण

    दुनिया में सबसे ज्यादा तेल के भंडार OPEC देशों के पास हैं।

    OPEC का पूरा नाम ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज है और इसकी स्थापना 1960 में बगदाद में हुई थी। फिलहाल इसमें 13 देश शामिल हैं और इनके पास दुनिया के कच्चे तेल के 80 प्रतिशत भंडार हैं।

    तेल की अर्थव्यवस्था में OPEC देशों की भूमिका बेहद अहम है।

    अमेरिका और रूस ऐसे देश हैं, जिनके पास गैर-OPEC देशों में तेल के सबसे बड़े भंडार हैं।

    कच्चे तेल का उत्पादन

    तेल उत्पादन में कौन सबसे आगे?

    OPEC के सदस्य देश दुनिया के 40 प्रतिशत कच्चे तेल का उत्पादन करते हैं और विश्वभर के पेट्रोलियम व्यापार में इनकी हिस्सेदारी लगभग 60 प्रतिशत है।

    दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों की बात करें तो 2020 में अमेरिका 18.61 मिलियन बैरल प्रति दिन (mbpd) के साथ पहले नंबर था। 10.81 mbpd के साथ सऊदी अरब दूसरे, 10.5 mbpd के साथ रूस तीसरे, 5.23 mbpd के साथ कनाडा चौथे और 4.86 mbpd के साथ चीन पांचवें स्थान पर था।

    जानकारी

    2019 में कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक था रूस

    2019 में सऊदी अरब कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था और उसने 145 बिलियन डॉलर के कच्चे तेल का निर्यात किया था।

    दूसरे स्थान पर मौजूद रूस ने 123 बिलियन डॉलर, इराक ने 73.8 बिलियन डॉलर, कनाडा ने 67.8 बिलियन डॉलर और अमेरिका ने 61.9 बिलियन डॉलर के कच्चे तेल का निर्यात किया था।

    रूस ने अपने निर्यात में से करीब 27 फीसदी तेल 34 बिलियन डॉलर में अकेले चीन को बेचा था।

    जानकारी

    रूस से तेल आपूर्ति पर निर्भर हैं ये देश

    अलजजीरा के अनुसार, 2019 में कुल 48 देशों ने रूस से कच्चा तेल खरीदा था। बेलारूस, क्यूबा, कुराकाओ, कजाकिस्तान और लातविया जैसे देश कच्चे तेल के लिए पूरी तरह रूस पर निर्भर हैं और अपनी जरूरत का 99 फीसदी तेल रूस से खरीदते हैं।

    पाबंदी

    अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस से तेल का आयात रोका

    यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।

    इसी कड़ी में अमेरिका ने रूस से आयात होने वाले तेल, गैस और एनर्जी पर पाबंदी लगा दी है। इसके बाद ब्रिटेन ने भी रूस से अपनी निर्भरता खत्म करने का ऐलान किया था।

    हालांकि, रूसी तेल पर अमेरिका की निर्भरता ज्यादा नहीं है। 2021 में रूस से अमेरिका में जो तेल आया, वह उसके आयात का केवल 3 प्रतिशत था।

    प्रतिक्रिया

    रूस ने दी चेतावनी

    इन प्रतिबंधों के चलते कच्चे तेल के दाम 2008 के बाद सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गए थे और फिलहाल उनमें कटौती के आसार भी नजर नहीं आ रहे। दुनियाभर के देशों में इसका असर देखने को मिल रहा है।

    दूसरी तरफ रूस ने चेतावनी दी है कि अगर रूस के तेल पर पाबंदियां लगाई जाती हैं तो वैश्विक बाजार पर इसके भयानक दुष्परिणाम होंगे। कच्चे तेल की कीमतों में ऐसी तेजी आएगी, जिसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    अमेरिका
    रूस समाचार
    दुनिया-जहां

    ताज़ा खबरें

    डोनाल्ड ट्रंप से बात करने के बाद बोले पुतिन- युद्ध विराम पर काम करने को तैयार डोनाल्ड ट्रंप
    IPL 2025: SRH ने LSG को दी शिकस्त, देखिए मैच के शानदार मोमेंट्स IPL 2025
    IPL 2025: SRH से हारकर प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हुई LSG, बने ये रिकॉर्ड्स IPL 2025
    IPL 2025: अभिषेक शर्मा ने LSG के खिलाफ जड़ा दूसरा अर्धशतक, बने 'प्लेयर ऑफ द डे' इंडियन प्रीमियर लीग

    अमेरिका

    यूक्रेन संकट: रूसी आक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच अपना दूतावास खाली करेगा अमेरिका रूस समाचार
    यूक्रेन संकट को लेकर पुतिन और बाइडन की बातचीत, नहीं निकला कोई समाधान रूस समाचार
    यूक्रेन संकट पर किस देश ने क्या प्रतिक्रिया दी है? रूस समाचार
    अमेरिका की चेतावनी- बहाना बना कर किसी भी दिन यूक्रेन पर हमला कर सकता है रूस रूस समाचार

    रूस समाचार

    कीव में एक भारतीय छात्र घायल; पुतिन का यूक्रेन पर भारतीयों को बंधक बनाने का आरोप विदेश मंत्रालय
    नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए कॉरिडोर बनाने पर राजी हुए यूक्रेन और रूस यूक्रेन
    आखिर यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका और NATO क्यों नहीं भेज रहे अपनी सेना? NATO
    यूक्रेन: रूस ने यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर किया कब्जा यूक्रेन युद्ध

    दुनिया-जहां

    रूस और यूक्रेन के बीच तनाव क्यों है और इसकी शुरुआत कहां से हुई? रूस समाचार
    दुनिया-जहां: चीन अरुणाचल को अपना हिस्सा क्यों मानता है और क्यों बदले उसने जगहों के नाम? चीन समाचार
    दुनिया-जहां: कजाकिस्तान में आजादी के बाद की सबसे भीषण हिंसा, क्या है इसका कारण? चीन समाचार
    दुनिया-जहां: दिवालिया होने की कगार पर कैसे पहुंचा श्रीलंका और अभी क्या स्थिति? श्रीलंका
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025