पाकिस्तान: मुंबई हमले के मुख्य हैंडलर को सुनाई गई 15 साल की सजा
पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के मुख्य हैंडलर साजिद माजीद मीर को 15 साल की सजा सुनाई है। उसे यह सजा आतंकी गतिविधियों के वित्त पोषण से जुड़े मामले में सुनाई गई है। सजा के अलावा उस पर चार लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मीर प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है और अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद से कोट लखपत जेल में बंद है।
बीच में आई थीं मीर की मौत की खबरें
आमतौर पर पंजाब पुलिस का आतंकवाद रोधी विभाग (CTD) आतंकियों की सजा की जानकारी मीडिया को देता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। यह बंद कमरे में हुई कार्रवाई थी और मीडिया को वहां तक पहुंच की इजाजत नहीं थी। मीर की गिरफ्तारी की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर हुई थी, लेकिन उन खबरों की पुष्टि नहीं हो पाई थी। बीच में ऐसी भी खबरें थीं कि मीर की मौत हो चुकी है।
अमेरिका और भारत को थी मीर की तलाश
अमेरिका और भारत लंबे समय से मीर की तलाश में जुटे हुए थे, लेकिन पाकिस्तान उसकी मौजूदगी से इनकार करता रहा था। अमेरिकी एजेंसी FBI ने उसे वांछित आतंकियों की सूची में डाला हुआ है और उस पर 50 लाख डॉलर का ईनाम घोषित है।
'ग्रे लिस्ट' से हटने की कोशिश में पाकिस्तान
पाकिस्तान फिलहाल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की 'ग्रे लिस्ट' में बना हुआ है और उस पर प्रतिबंध लगने का खतरा है। FATF की आखिरी बैठक से पहले पाकिस्तान ने एजेंसी को जानकारी दी थी कि उसने साजिद मीर को गिरफ्तार किया है। इसे पाकिस्तान की 'ग्रे लिस्ट' से हटने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने भारत और अमेरिका को भी उसकी गिरफ्तारी की जानकारी दी थी।
मुंबई हमले का 'प्रोजेक्ट मैनेजर' था मीर
लश्कर के खूंखार आतंकी मीर को मुंबई हमले का 'प्रोजेक्ट मैनेजर' कहा जाता था और वह 2005 में फर्जी पासपोर्ट पर भारत भी आया था। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और वैश्विक आतंकी हाफिज सईद को भी अदालत 68 साल की सजा सुना चुकी है। उसे भी आतंकी वित्त पोषण के मामले में सजा मिली थी और वह कोट लखपत जेल में बंद है। इसके अलावा इस हमले के ऑपरेशन कमांडर जाकिर रहमान लखवी को भी सजा मिल चुकी है।
जब आतंकी हमलों से दहल गई थी मुंबई
26 नवंबर, 2008 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर भीषण आतंकी हमला हुआ था। समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए आतंकियों ने ताज होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस समेत छह जगहों पर हमले किए थे। इन हमलों में विदेशी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे। कई घंटों तक चले गहन आतंक-रोधी अभियान में आतंकियों को मार गिराया गया था। जिंदा बचे एकमात्र आतंकी अजमल कसाब को फांसी हुई थी।