प्रधानमंत्री इमरान खान का इस्तीफा देने से इनकार, कहा- मैने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी
पाकिस्तान में संकट से जूझ रही इमरान खान सरकार को गुरुवार को संसद की कार्यवाही स्थगित होने से 3 अप्रैल तक की और मोहलत मिल गई है। इसी बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने देर शाम को देश के नाम संबोधन दिया। इसमें उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान का कोई भी परिणाम हो, वह और मजबूत होकर लौटेंगे। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी है।
मैं आखिरी बॉल तक हार नहीं मानता- इमरान
प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, "रविवार को इस मुल्क का फैसला होना है। क्या यह मुल्क वही पुरानी गुलाम नीति और भ्रष्ट लोगों की तरफ जाएगा।" उन्होंने कहा, "किसी ने मुझसे कहा कि इस्तीफा दे दो। जो मेरे साथ क्रिकेट खेलते थे वो जानते हैं मैं आखिरी बॉल तक हार नहीं मानता। रविवार को जो भी नतीजा हो मैं और ज्यादा मजबूत होकर लौटूंगा। उस दिन यह फैसला होगा कि कौन अपने जमीर का सौदा करेगा।"
प्रधानमंत्री इमरान ने बागी सांसदों पर साधा निशाना
प्रधनमंत्री इमरान ने बागी सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा, "लोग आपको माफ नहीं करेंगे। आपने आजाद विदेश नीति वाले मुल्क की सरकार को गिराने की साजिश की है। आने वाली नस्लें आपको माफ नहीं करेंगी।" उन्होंने कहा, "नवाज शरीफ ने 18 फैक्ट्रियां बनाई, मैंने कोई फैक्ट्री नहीं बनाई। आप एक-एक गद्दार की शक्ल याद रखना। ये कौम न भूलेगी, न आपको माफ करेगी। मुझे मुकाबला करना आता है। मैं इस साजिश को कामयाब नहीं होने दूंगा।"
इंसाफ, इंसानियत और खुद्दारी के साथ शुरू की राजनीति- खान
प्रधानमंत्री इमरान ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा, "मैं राजनीति में क्यों आया? मेरे पास सबकुछ था। मैं आजाद मुल्क में पैदा हुआ और खुद्दारी आजाद कौम की निशानी होती है।" उन्होंने कहा, "मैं राजनीति में इसलिए आया क्योंकि हमारा मुल्क कभी वैसा नहीं बन पाया जैसा संस्थापकों का सपना था। 25 साल पहले मैंने इंसाफ, इंसानियत और खुद्दारी के मकसदों के साथ राजनीति शुरू की थी। मैं भाग्यशाली हूं कि भगवान ने मुझे सब कुछ दिया।"
"मैने पाकिस्तान को नीचे आते देखा है"
प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, "पाकिस्तान मुझसे सिर्फ पांच साल बड़ा है। मैं आजादी के बाद पैदा होने वाले देश की पहली पीढ़ी से हूं। मैंने पाकिस्तान के सभी उतार-चढ़ाव देखे हैं। मैंने पाकिस्तान को जलील होते हुए और नीचे की ओर आते देखा है।"
इमरान ने अमेरिका पर लगाए गंभीर आरोप
प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, "हमने अमेरिका का हमेशा साथ दिया, लेकिन उसने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाए। 9/11 को अमेरिका में हुए हमले में कोई पाकिस्तानी नहीं था। मुशर्रफ का अमेरिका का हिमायती बनना सबसे बड़ी गलती थी।" उन्होंने कहा, "7-8 मार्च को मुझे अमेरिका से पत्र मिला। उसमें लिखा था कि मेरे हटते ही अमेरिका का गुस्सा खत्म हो जाएगा। यदि अविश्वास प्रस्ताव विफल होता है तो मुश्किल वक्त का सामना करना पड़ेगा।"
"मै भारत या अन्य देशों से विरोध नहीं चाहता था"
प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, "25 साल पहले मैंने जब राजनीति शुरू की थी तो कहा था कि मैं किसी के आगे नहीं झुकुंगा और न अपनी कौम को झुकने दूंगा। मैंने आजाद विदेश नीति की बात कही, लेकिन मैं भारत या किसी अन्य से विरोध नहीं चाहता था।" उन्होंने कहा, "भारत ने जब कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा तब मैंने उनके खिलाफ बात की। उससे पहले मैंने भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने के प्रयास किए थे।"
नेपाल में नरेंद्र मोदी से मिलते थे नवाज शरीफ- इमरान
प्रधानमंत्री इमरान ने कहा, "नवाज शरीफ सेना पर आरोप लगाकर नेपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छिप-छिपकर मिलते रहे। बरखा दत्ता की किताब में भी इस बात का जिक्र किया गया है। जो सत्ता पाना चाहते हैं वो देश का भला नहीं सोचते हैं।"
3 अप्रैल तक के लिए स्थगित की गई संसद
इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए बुलाए गए संसद सत्र को 3 अप्रैल सुबह 11:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे प्रस्ताव पर बहस नहीं हो सकी और प्रधानमंत्री इमरान को सरकार बचाने के लिए थोड़ा और समय मिल गया। डिप्टी स्पीकर सूरी ने कहा कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर बहस ही नहीं करना चाहता था। ऐसे में कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।
प्रधानमंत्री इमरान को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं- शरीफ
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्ष के पास बहुमत है। इमरान घटिया स्तर की राजनीति कर रहे हैं और भारत के नाम से झूठ फैला रहे हैं।
पाकिस्तानी संसद में क्या है सीटों की वर्तमान स्थिति?
दरअसल, 2018 में पाकिस्तान की 342 सदस्यीय संसद में इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी ने सबसे अधिक 155 सीटें जीती थीं। इसके बाद उन्होंने विभिन्न दलों से गठबंधन करते हुए 179 सीटों के साथ सरकार बनाई थी। हालांकि, गत दिनों जम्हूरी वतन पार्टी के समर्थन वापस लेने से यह संख्या 178 रह गई। इसी तरह अब MQM के भी समर्थन वापस लेने से यह संख्या 171 रह गई है, जो बहुमत से एक कम है।
बागी हुए खुद इमरान खान के 24 सांसद
प्रधानमंत्री इमरान की मुख्य मुसीबत ये है कि उनकी खुद की पार्टी के 24 सांसद बागी हो गए हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान उनके सरकार के खिलाफ जाने की संभावना है। यही कारण है कि विपक्ष ने 177 सांसदों का समर्थन बताया है।