अफगानिस्तान: राजधानी काबुल पर कब्जा करने के करीब पहुंचा तालिबान
तालिबान हर नए दिन के साथ अफगानिस्तान पर अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है। वह अब तक 13 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा जमा चुका है। तालिबान ने कंधार और लश्कर गाह के साथ पूरे हेरात प्रांत पर भी कब्जा कर लिया है। अब वह राजधानी काबुल के करीब पहुंच गया है। काबुल के कई पुलिस थाने खाली हो गए और सुरक्षाकर्मी बचाव के लिए भाग निकले हैं। देर रात तक काबुल भी तालिबान के कब्जे में आ सकता है।
अमेरिकी सेना की वापसी के साथ तालिबान ने शुरू किए हमले
बता दें कि अमेरिका और नाटो अफगानिस्तान से अपने अंतिम सैनिकों की वापसी को पूरा करने के अंतिम दौर में हैं। इसको देखते हुए तालिबान ने अफगानी सुरक्षा बलो और आम नागरिकों पर हमले तेज कर दिए हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान के कुल 419 जिलों में से आधे से ज्यादा पर अपना कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं तालिबानी आतंकी अपने कब्जे से बाहर वाले हिस्सों में लगातार हमले कर लोगों की जान ले रहे हैं।
तालिबान ने किया अफगानिस्तान की इन प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा
तालिबान लगातार अफगानिस्तान के प्रांतों की राजधानियों की ओर बढ़ता जा रहा है। पिछले सात दिनों में तालिबान ने उत्तर में कुंदूज, सर-ए-पोल, तालोकान, दक्षिण में निमरोज, लोगार, नोवज्जान प्रांत की राजधानी शबरघान, गजनी, कंधार और हैरात सहित 13 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। कंधार पर कब्जा करना तालिबान की बड़ी जीत माना जा रहा है। अब केवल मजार-ए-शरीफ, जलालाबाद और काबुल जैसे शहरों पर ही अफगान सरकार का नियंत्रण में हैं।
तालिबान ने गुरुवार रात को किया था कंधार पर कब्जा
अफगानिस्तान के अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार रात को तालिबान ने कंधार पर कब्जा कर लिया था। वहां के सरकारी अधिकारी तथा उनके परिजन हवाई मार्ग से भागने के लिए किसी तरह हवाई अड्डे पहुंचे थे। इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर कब्जा कर लिया था। अधिकारियों ने बताया कि तालिबानी लड़ाकों ने हेरात हवाई अड्डे के साथ आगे बढ़ते हुए लश्कर गाह शहर पर भी अपना कब्जा कर लिया है।
हेरात प्रांत की सरकार ने किया तालिबान के आगे समर्पण
दैनिक भास्कर के अनुसार, हेराथ हवाई अड्डे पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने पूरे प्रांत पर अपना कब्जा कर लिया है। वहां की सरकार ने तालिबान के आगे समर्पण कर दिया है। तालिबान ने अफगानिस्तान के उप-गृहमंत्री रहमान, राज्य प्रशासन के प्रमुख खयाल नबी, राज्यपाल अब्दुल सबूर काने, पुलिस प्रमुख खयाल नबी अहमदजई, राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशक हसाब सिद्दीकी को तालिबान ने हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा पूर्व राज्यपाल मोहम्मद इस्माइल खान भी हिरासत में है।
तालिबान ने की काबुल पर कब्जे की तैयारी
न्यूज 18 के अनुसार, काबुल के स्थानीय सांसद ने कहा कि तालिबान ने काबुल से 50 किलोमीटर दूर स्थित लोगार प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम पर भी अपना कब्जा कर लिया है। वह लगातार काबुल की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमले के डर से काबुल के कई पुलिस थाने खाली हो गए हैं और सुरक्षाकर्मी हथियार लेकर भाग निकले हैं। संभावना जताई जा रही है कि काबुल प्रशासन कुछ घंटों में हवाई अड्डे पर पहुंच जाएगा।
तालिबान की दहशत में लोगों ने खुद को किया घरों में बंद
तालिबान की दहशत के चलते लोगों ने या तो खुद को घरों में बंद कर लिया है या फिर घर छोड़कर ही निकल गए हैं। तालिबानी लड़ाके सरकार का समर्थन करने वाले हर शख्स को मौत के घाट उतार रहे हैं। हालात बेहद नाजुक हैं।
पाकिस्तानी सेना के साथ हुई अफगानी नागरिकों की झड़प
अफगानिस्तान में मची भगदड़ के बीच पाकिस्तान के चमन बॉर्डर पर भी माहौल गरमा गया है। यहां अफगानिस्तान छोड़ने वाले लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ है। पलायन कर रहे लोग शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना से भिड़ गए। तालिबान ने अफगानिस्तान की ओर से इस सीमा को अपने कब्जे में लेकर बॉर्डर को सील कर दिया है। लोगों को पाकिस्तान जाने की इजाजत नहीं है। इसके बाद भी लोग पाकिस्तान जाने के लिए सैनिकों से जद्दोजहद कर रहे हैं।
अपने नागरिकों को निकालने के लिए सैनिक भेजेंगे अमेरिका और ब्रिटेन
तालिबान के बढ़ते कदमों के बीच अमेरिका और ब्रिटेन ने अफगानिस्तान के अपने दूतावासों से कर्मचारियों और नागरिकों को निकालने के लिए सैनिन भेजने का फैसला किया है। अमेरिका ने कहा कि वह अपने नागरिकों को निकालने के लिए अगले एक-दो दिनों में 3,000 सैनिकों को अफगानिस्तान भेजेगा। इन्हें तालिबान के खिलाफ लड़ाई में नहीं लगाया जाएगा। वहीं ब्रिटेन ने कहा कि वह अपने नागरिकों को लाने के लिए 600 सैनिक अफगानिस्तान भेजेगा।
सत्ता में हिस्सेदारी का प्रस्ताव दे चुकी है अफगानिस्तान सरकार
अफगानिस्तान सरकार के वार्ताकारों ने देश में चल रही हिंसा रोकने के लिए तालिबान को सत्ता साझेदारी का प्रस्ताव दिया है। समाचार एजेंसी AFP ने गुरुवार को मध्यस्थता के लिए बातचीत कर रहे एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया सरकार ने मध्यस्थ के तौर पर कतर को यह प्रस्ताव सौंपा है। इसमें हिंसा रोकने के बदले तालिबान को सत्ता में साझेदारी देने की बात कही गई है, लेकिन तालिबान इस पर सहमत नहीं है।
आम नागरिकों की हत्या कर रहे तालिबान के लड़ाके
तालिबान ने खुद में बदलाव का चोला भी उतार फेंका है और वो आम नागरिकों पर भी हमला कर रह है। एक गांव में तो उसने दर्जनों सैकड़ों निहत्थे आम लोगों की हत्या कर दी। यही नहीं उसने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करने वाले भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की पहचान करने के बाद नृशंसता से हत्या की। इसके अलावा अफगान सरकार के मीडिया विभाग के प्रमुख दवा खान मिनापाल की भी शुक्रवार को हत्या कर दी गई।
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति ने तजाकिस्तान भागने की खबरों का किया खंडन
इधर, अफगानिस्तान ने उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने तजाकिस्तान भागने की रिपोर्टों का खंडन किया है। उपराष्ट्रपति के प्रवक्ता रिजवान मुराद ने कहा कि उपराष्ट्रपति अभी काबुल में हैं और अफगानिस्तार सरकार की उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।