अमेरिका में कमजोर इम्यूनिटी वालों को लगेगी कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक, FDA ने दी मंजूरी
चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा कोरोना महामारी की तीसरी लहर चेतावनी के बीच अमेरिका में इसकी शुरुआत हो चुकी है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में यहां संक्रमण के मामलों में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसको देखते हुए अमेरिका ने कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक (बूस्टर शॉट) देने का फैसला किया है। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने इसकी मंजूरी भी दे दी है।
अमेरिका में सामने आए 7.34 लाख से अधिक नए मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की साप्ताहिक महामारी विज्ञान रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट अमेरिका में जमकर कहर बरपा रहा है। यही कारण है कि पिछले सप्ताह अमेरिका में सबसे अधिक यानी 7,34,354 नए मामले सामने आए हैं, जो उससे पिछले सप्ताह की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह पिछले सप्ताह अमेरिका, यूरोप और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में कोरोना संक्रमण के कारण सबसे अधिक मौतें दर्ज की गई हैं।
FDA ने फाइजर और मॉडर्ना को दी तीसरी खुराक के लिए अनुमति
NDTV के अनुसार, अमेरिका में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए FDA ने तीसरी खुराक देने की मंजूरी दी है। इसके लिए फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन की तीसरी खुराक के आपात इस्तेमाल की भी मंजूरी दी है। FDA आयुक्त जेनेट वुडकॉक ने कहा, "देश में महामारी की एक और लहर ने दस्तक दी है। FDA ने लोगों के जीवन को गंभीर खतरा देखते हुए तीसरी खुराक देने का निर्णय किया है और यह जरूरी भी है।"
इन लोगों को दी जाएगी वैक्सीन की तीसरी खुराक
वुडकॉक ने कहा, "FDA को चिंता है कि कमजोर इम्यूम सिस्टम वाले लोगों को इस खतरनाक बीमारी का खतरा ज्यादा है। ऐसे में वैक्सीन की तीसरी खुराक कमजोर इम्यूनिटी रखने वाले या ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराने वाले लोगों को ही दी जाएगी।' इसी तरह संक्रामक रोगों के शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची ने कहा है कि फिलहाल तीसरी खुराक कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए होगी, लेकिन जल्दी ही सभी को इसकी जरूरत होगी।
वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके लोग हैं सुरक्षित- वुडकॉक
वुडकॉक ने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराकें पहले ही ले ली है, वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। ऐसे में वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों को इस इस समय कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक की कोई आवश्यकता नहीं है।
WHO ने की थी तीसरी खुराक न देने की अपील
WHO ने सभी देशों से सितंबर के अंत तक कोविड वैक्सीन की तीसरी खुराक लगाना शुरू न करने की अपील की थी। WHO प्रमुख डॉ टेड्रोस अधेनोम गेब्रिएसेस ने कहा कि ये अपील इसलिए की गई है ताकि सभी देशों की कम से कम 10 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन लग सके और गरीब देशों के पास खुराकों की कमी न पड़े। अभी तक कोविड वैक्सीनों का एक बड़ा हिस्सा अमीर देशों ने ही इस्तेमाल किया है।
अमेरिका में यह है कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन की स्थिति
बता दें कि इस समय कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देश है। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। इसके चलते यहां संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3,72,03,649 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 6,36,298 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा यहां चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में अब तक वैक्सीन की कुल 35,28,40,977 खुराकें लगाई जा चुकी है। यहां करीब 50 प्रतिशत लोगों को खुराक लग चुकी है।
फ्रांस और जर्मनी भी कर चुके हैं तीसरी खुराक देने का निर्णय
बता दें अमेरिका से पहले जर्मनी और फ्रांस भी अपने नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक देने का निर्णय कर चुके हैं। दोनों देशों में सितंबर से लोगों को वैक्सीन की तीसरी खुराक दी जाएगी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा था कि देश में बुजुर्गों और महामारी का खतरा झेलने वाले लोगों को तीसरी खुराक दी जाएगी। इसी तरह जर्मनी ने भी बुजुर्गों के साथ-साथ कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को तीसरी खुराक देने का फैसला किया है।