जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर तालिबान का बयान- शांति बनाए रखें भारत-पाकिस्तान, अफगानिस्तान को रखें कश्मीर से अलग
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बने तनाव में अब तालिबान भी कूद पड़ा है। शुक्रवार को तालिबान ने बयान जारी करते हुए दोनों देशों को विवेक से काम लेने और हिंसा को जन्म देने वाले कदमों से दूर रहने की सलाह दी है। तालिबान ने कश्मीर को अफगानिस्तान से न जोड़ने की बात भी कही है। मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण में जुटे पाकिस्तान के लिए ये एक और बड़ा झटका है।
हिंसा बढ़ाने वाले कदमों से दूर रहने की सलाह
शुक्रवार को तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मामले पर संगठन का बयान जारी किया। तालिबान के बयान में भारत-पाकिस्तान को ऐसे कदमों से दूर रहने को सलाह दी गई है जिनसे इलाके में हिंसा और जटितता बढ़े और कश्मीरियों के अधिकारों का अतिक्रमण हो। मुजाहिद ने बताया, "युद्ध और संघर्ष के कड़वे अनुभव होने के बाद हम शांति और क्षेत्रीय मुद्दों को सुलझाने के लिए विवेकपूर्ण रास्तों को प्रयोग करने का अनुरोध करते हैं।"
कश्मीर को अफगानिस्तान से अलग रखने की मांग
तालिबान ने अपने बयान में पाकिस्तान के संबंध में कश्मीर को अफगानिस्तान से जोड़ने के अमेरिका और अन्य देशों के नजरिए पर भी आपत्ति जताई। इस मुद्दे पर तालिबान के बयान में कहा गया है, "कुछ पक्षों द्वारा कश्मीर के मुद्दे को अफगानिस्तान से जोड़ने से संकट में सुधार नहीं होगा क्योंकि अफगानिस्तान इससे संबंधित नहीं है और न ही अफगानिस्तान को दूसरे देशों के बीच प्रतिस्पर्धा का मैदान बनाया जा सकता है।"
चौंकाने वाला है तालिबान का बयान
तालिबान का ये बयान चौंकाने वाला है क्योंकि संगठन खुद राजनीतिक लाभ के लिए हिंसा का प्रयोग करता रहा है और उस पर आतंकी संगठन का ठप्पा लगा हुआ है। आज यही संगठन शांति और हिंसा से दूर रहने की सीख दे रहा है।
अफगानिस्तान में भारत और पाकिस्तान का रोल क्या रहा है?
बता दें कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में कश्मीर को अक्सर अफगानिस्तान के संघर्ष से जोड़कर देखा जाता है। भारत हमेशा से अफगानिस्तान में शांति और स्थिरत के पक्ष में रहा है और क्षेत्र के विकास में बहुत योगदान दिया है। वहीं पाकिस्तान पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान को बांटने वाली दुरंद लाइन पर तालिबान को संरक्षण देकर पड़ोसी देश में आतंक फैलाने के आरोप लगते रहे हैं। पाकिस्तान इन आतंकियों का इस्तेमाल कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए भी करता है।
इसलिए कश्मीर को अफगानिस्तान से जोड़ा जा रहा
यही कारण है कि अब जब अमेरिका अफगानिस्तान से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है तो पाकिस्तान को ज्यादा अहमियत मिल रही है। पाकिस्तान तालिबान के साथ अपने रिश्तों का फायदा उठाकर अमेरिका को बाहर निकलने में मदद कर सकता है। भारत को आशंका है कि अमेरिका के जाने के बाद अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान वापस आ सकता है और पाकिस्तान उसका प्रयोग कश्मीर में आतंक को बढ़ाने में कर सकता है।