अफगानिस्तान: कश्मीर में इस्लामिक स्टेट के लिए भर्ती करने वाला आतंकी कमांडर ड्रोन हमले में ढेर
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के लिए कश्मीर के युवाओं की भर्ती करने वाला आतंकी कमांडर हुजैफा अल बाकिस्तानी अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमले में मारा गया है। हुजैफा IS की खोरसां इकाई का पाकिस्तानी कमांडर था। IS से पहले वह हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए भी काम कर चुका है। कश्मीरी युवाओं को कट्टर विचारों से प्रभावित करके IS से जोड़ने में उसका अहम रोल था। हालांकि IS को इसमें कुछ खास सफलता हासिल नहीं हुई।
IS के मीडिया चैनल ने की मौत की पु्ष्टि
IS के मीडिया चैनल ने अफगानिस्तान के खोज्ञानी जिले में 18 जुलाई को हुए ड्रोन हमले में हुजैफा के मरने की पुष्टि की है। IS के बयान में दावा किया गया है कि उसने भारतीय एजेंसियों की "रातों की नींद हराम" कर दी थी। IS के लिए ऑनलाइन भर्ती करने वाला हुजैफा अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद सबसे पहले लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़ा और उसके मीडिया विभाग को संभाला। इसके बाद वह IS में शामिल हो गया।
आतंकी अबु उस्मान अल-कश्मीरी का दामाद है हुजैफा
हुजैफा श्रीनगर के निवासी रहे अबु उस्मान अल-कश्मीरी का दामाद है। उस्मान 1995 में जिहादी संगठनों से जुड़ने के लिए पाकिस्तान चला गया था। तहरीक-उल-मुजाहिदीन और हरकत-उल-मुजाहिदीन के लिए काम कर चुका उस्मान अफगानिस्तान में IS की खोरसां इकाई का हिस्सा है।
कश्मीर में IS की गतिविधियों के मास्टरमाइंड थे ससुर-दामाद
मामले से संबंधित एक व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया, "हुजैफा और उस्मान इस्लामिक स्टेट इन जम्मू एंड कश्मीर (ISJK) की गतिविधियों के पीछे मास्टरमाइंड थे। दोनों ने कश्मीरी युवाओं को कट्टरता की राह पर धकेलने और ISJK से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाई थी।" उन्होंने बताया कि मई में 'विलायाह ऑफ हिंद' प्रांत के निर्माण में भी हुजैफा ने अहम भूमिका निभाई थी।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा था, कश्मीर में IS का कोई वजूद नहीं
बता दें कि मई में ISJK के आतंकी इशफाक अहमद सोफी के ढेर होने के बाद IS की समाचार एजेंसी अमाक ने भारत में 'विलायाह ऑफ हिंद' नामक प्रांत बनाने की बात कही थी। हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने IS के इस दावे को पूरी तरह बकवास बताया था। पुलिस ने कहा था कि ISJK में केवल दो आतंकी थे, जिसमें से एक हिजबुल मुजाहिदीन में चला गया और सोफी की मौत के साथ ही ISJK का अंत हो गया।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के रोल पर सवाल
मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि अफगानिस्तान में हुजैफा की मौत पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के सदस्यों को IS से जुड़ने के लिए जम्मू-कश्मीर और अफगानिस्तान भेजने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के शामिल होने की पुष्टि करता है। अफगानिस्तान में भारत और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के हितों को प्रभावित करने के लिए लश्कर IS के अलावा तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर काम कर रहा है।
भारत पर है IS की नजर
गौरतलब है कि पिछले दिनों आई खुफिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सीरिया और इराक में अपना दबदबा खोने के बाद IS की नजर भारत और उसके पड़ोसी देशों खासकर श्रीलंका पर है। भारत में IS का मुख्य निशाना केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कश्मीर हैं। केरल वो राज्य है जहां से सबसे ज्यादा युवा IS में शामिल हुए थे, इसलिए यहां IS के जड़े जमाने का खतरा सबसे ज्यादा है।