अमेरिका: बाइडन ने ली 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ, पहली महिला उपराष्ट्रपति बनीं कमला हैरिस

डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन ने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के उथल-पुथल भरे कार्यकाल के बाद ये पद संभाला है और उनके ऊपर एक बंटे हुए अमेरिका को फिर से एक करने की एक बेहद बड़ी चुनौती है। बाइडन के साथ कमला हैरिस ने भी देश की 49वीं उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। वह देश की पहली महिला, भारतीय-अमेरिकी और अफ्रीकी-अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैं।
आज बाइडन का शपथ ग्रहण समारोह पिछली बार के शपथ ग्रहण समारोहों से बेहद अलग रहा और कोरोना वायरस महामारी के कारण आम लोग इसमें शामिल नहीं हो पाए। उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए नेशनल मॉल में लगभग दो लाख अमेरिकी और राज्यों के झंडों को उपयोग किया गया। इसके अलावा ट्रंप समर्थकों के सशस्त्र प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रही और नेशनल गार्ड के लगभग 20,000 जवानों को तैनात किया गया।
बाइडन नंवबर, 2020 में हुए चुनावों में ट्रंप को हराकर राष्ट्रपति बने हैं। इस चुनाव में उन्होंने 306 इलेक्टोरल वोट हासिल किए, वहीं ट्रंप को 232 इलेक्टोरल वोट से संतोष करना पड़ा। चुनाव में बाइडन को 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिले और वह अमेरिकी इतिहास में सबसे अधिक वोट पाने वाले राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं। हालांकि ट्रंप लगातार उन पर चुनाव में धांंधली का बेबुनियाद आरोप लगाते रहे और उनके समर्थकों ने संसद पर हमला भी किया।
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन आज राष्ट्रपति की कुर्सी संभालते ही 17 अहम कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिनका मुख्य लक्ष्य निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपनाई गई नीतियों को खत्म करना और देश के लिए एक नई राह बनाना होगा। बाइडन जिन मुद्दों पर कार्यकारी आदेश जारी करेंगे, उनमें कई मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर ट्रंप के बहुचर्चित प्रतिबंध को पलटने वाला आदेश भी शामिल होगा।
बाइडन के सहयोगियों के अनुसार, वह पहले दिन अमेरिका-मैक्सिको के बॉर्डर पर बन रही दीवार के निर्माण कार्य को बंद कराने का आदेश भी जारी करेंगे। ट्रंप ने अवैध इमिग्रेशन को रोकने के लिए ये दीवार बनाने का आदेश दिया था और ये उनके प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक था। इसके अलावा बाइडन ट्रंप के फैसलों को पलटते हुए पेरिस जलवायु समझौते और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में अमेरिका की वापसी के कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर करेंगे।
बाइडन इमिग्रेशन की नीतियों में सुधार करने और देश में बिना दस्तावेजों के रह रहे लाखों लोगों की नागरिकता का रास्ता साफ करने के लिए एक बिल लाने की योजना भी बना रहे हैं। इसके अलावा उनकी ईरान परमाणु समझौते को फिर से जिंदा करने की योजना भी है और इस संबंध में सभी पक्षों से चर्चा की जाएगी। बाइडन के सहयोगियों का कहना है कि वह देश को आगे की दिशा में लाने के लिए कार्य करेंगे।
राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप का चार साल का कार्यकाल उथल-पुथल भरा रहा और इस दौरान उनसे फैसलों से न केवल दुनियाभर में अमेरिका की शाख कम हुई, बल्कि देश के लोग भी आपस में बंट गए। पेरिस समझौता, WHO और ईरान परमाणु संधि जैसे अहम समझौतों से अमेरिका को बाहर निकालने के उनके फैसलों से सहयोगी देशों में अमेरिका की विश्वसनीयता कम हुई। वहीं, उनके कोरोना को हल्के में लेने के कारण अमेरिका महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हुआ।