अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद तुलसी गबार्ड, 2020 में लड़ेंगी अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव
अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड अब राष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में उतरने वाली हैं। गबार्ड ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया है और अगले हफ्ते वह इसकी आधिकारिक घोषणा कर देंगी। डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद गबार्ड को 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चुनौती देने के लिए अपनी पार्टी के अंदर होने वाले प्रायमरी चुनाव जीतने होंगे।
युद्ध और शांति सबसे अहम मुद्दा
अमेरिकी चैनल CNN को इंटरव्यू देते हुए गबार्ड ने कहा, "मेरा यह फैसला करने के पीछे कई कारण हैं। अमेरिकी लोगों के सामने बहुत चुनौतियां हैं जिन्हें लेकर मैं चिंतित हूं और उनके समाधान में मदद करना चाहती हूं।" अपने इंटरव्यू में उन्होंने युद्ध और शांति के मुद्दे को सबसे अहम बताया। गबार्ड इराक युद्ध में अमेरिकी सेना की ओर से लड़ चुकी हैं। फिलहाल वह हवाई से सांसद हैं और कांग्रेस की विदेशी मामलों की कमिटी की सदस्य हैं।
आसान नहीं राह
अमेरिकी राजनीति की समझ रखने वाले लोग तुलसी गबार्ड की आगे की राह को बहुत मुश्किल बता रहे हैं। अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा राष्ट्रपति ट्रम्प को चुनौती देने के लिए गबार्ड को पहले अपनी पार्टी का किला जीतना होगा। अभी तक 12 डेमोक्रेटिक नेता राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। गबार्ड से पहले एक और महिला सांसद एलिजाबेथ वारन राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं।
कौन हैं तुलसी गबार्ड?
अमेरिका के समोआ में जन्मी 37 वर्षीय गबार्ड का परिवार कैथलिक था। हालांकि उनकी मां एक हिंदू हैं और खुद गबार्ड ने बचपन में ही हिंदू धर्म को अपना लिया था। वह अमेरिकी संसद के इतिहास में पहली ऐसी महिला हैं जिसने गीता के नाम पर शपथ ली थी। गबार्ड अमेरिकी-भारतीयों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। अगर वह राष्ट्रपति बनती हैं तो इस पद पर काबिज होने वाली पहली महिला और गैर-ईसाई होंगी। लेकिन उनके लिए राह बेहद मुश्किल है।
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