रूस का 80 प्रतिशत कच्चा तेल भारत-चीन ने खरीदा, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा भारत-रूस तेल कारोबार
मई महीने में भारत और चीन ने मिलाकर रूस के कुल कच्चे तेल के निर्यात का 80 प्रतिशत हिस्सा खरीदा। ये दोनों देश रूस के कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार बने हुए हैं। मई में भारत ने हर दिन रूस से 20 लाख बैरल कच्चे तेल का आयात किया। पेरिस स्थित ऊर्जा एजेंसी इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने मई महीने की मासिक रिपोर्ट में ये जानकारी दी है।
रूस से किसने कितना तेल आयात किया?
रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध से पहले भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात बहुत कम था, जो अब बढ़कर 20 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है। इसी तरह चीन ने रूस से कच्चे तेल के आयात को 5 लाख बैरल प्रति दिन से बढ़ाकर 22 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया है। मई में रूस ने हर दिन औसतन 38.7 लाख बैरल कच्चे तेल का निर्यात किया, जो फरवरी, 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा है।
मई में भारत का आयात 14 प्रतिशत बढ़ा
भारत का रूस से तेल का आयात अप्रैल की तुलना में मई में 14 प्रतिशत बढ़ गया है। रूस से किए गए तेल आयात में ये रिकॉर्ड बढ़ोतरी है। बता दें कि पहले रूसी तेल के बड़े खरीदार यूरोपीय देश थे। हालांकि, रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद यूरोप ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया। युद्ध से पहले एशिया में रूस का 34 प्रतिशत कच्चा तेल खरीदा जाता था, जो अब बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया है।
रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने जताई थी आपत्ति
रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर आपत्ति जताई थी। भारत इसके बावजूद रूस से रिकॉर्ड कच्चा तेल खरीद रहा है। अमेरिका की आपत्ति पर भारतीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि भारत पर कोई दबाव नहीं है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि भारत अपने हितों को देखते हुए आयात से जुड़े फैसले लेगा।
भारत का 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है रूस
वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 5 महीनों में भारत और रूस के बीच लगभग 1,823 करोड़ डॉलर का व्यापार हुआ था। इसमें से 1,723 करोड़ डॉलर का भारत ने आयात किया है, जबकि केवल 99.2 करोड़ डॉलर का निर्यात किया। रूस से भारत मुख्यत: पेट्रोलियम और फर्टिलाइजर खरीद रहा है, जबकि दवा और ऑर्गेनिक केमिकल बेच रहा है। फिलहाल रूस भारत का 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि अक्टूबर, 2021 तक वह 25वें स्थान पर था।
न्यूजबाइट्स प्लस
रूस अमेरिका और सऊदी अरब के बाद दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और वह रोजाना करीब 50 लाख बैरल कच्चे तेल का निर्यात करता है। पहले इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा यूरोप को सप्लाई होता था। दूसरी तरफ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खपत करने वाला और आयात करने वाला देश है। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है।