#NewsBytesExplainer: H5N1 वायरस से 5 करोड़ पक्षियों की मौत, जानें ये कितना खतरनाक
साल 2022 से अब तक दुनियाभर में फैले H5N1 वायरस की वजह से 5 करोड़ से भी ज्यादा पक्षियों की मौत हो गई है। वहीं, करीब 10 करोड़ पक्षी इससे संक्रमित हुए हैं। इसे अब तक पक्षियों में फैले सबसे खतरनाक वायरस में से एक माना जा रहा है। साल 2021 में अमेरिका समेत दुनियाभर में इसका प्रकोप फैला था। समझते हैं ये वायरस क्या है और कितना खतरनाक है।
क्या है H5N1 वायरस?
ये बर्ड फ्लू फैलाने वाला एक वायरस है। दरअसल, बर्ड फ्लू आमतौर पर 5 तरह के वायरस से फैलता है। इन्हें H7N3, H7N7, H7H9, H9N2 और H5N1 कहा जाता है। इनमें सबसे खतरनाक H5N1 को माना जाता है। 1997 में चीन में इस वायरस का पहला मामला सामने आया था। आमतौर पर यह समुद्री पक्षियों, मुर्गी, बतख और हंस जैसे पक्षियों को ज्यादा प्रभावित करता है। धीरे-धीरे यह वायरस दुनियाभर में फैल चुका है।
कितना खतरनाक है H5N1 वायरस?
वायरस को इसलिए खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि इसके स्ट्रेन में कई बार परिवर्तन हो चुके हैं। वहीं, वायरस की वजह से मनुष्यों में मृत्यु दर 60 प्रतिशत से ज्यादा है, जो चिंता का विषय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, यदि वायरस में परिवर्तन होता है और ये एक व्यक्ति से दूसरी व्यक्ति में आसानी से फैलने लगता है तो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए इसके बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
क्या ये इंसानों में भी फैल सकता है?
हां। इंसानों के भी इस वायरस से संक्रमित होने के कई मामले सामने आए हैं। हालांकि, संक्रमित होने वाले व्यक्ति पक्षियों से करीबी संपर्क में थे। हाल ही में WHO ने फ्लू को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि ये स्तनधारी जीवों में भी फैल रहा है, इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है। WHO का कहना है कि वायरस मनुष्यों को इतनी आसानी से संक्रमित नहीं कर सकता।
अब तक कितने इंसानों में फैला है वायरस?
दुनियाभर में दिसंबर, 2021 से अब तक इस वायरस से 11 मनुष्य संक्रमित हुए हैं। इन सभी में हल्के से लेकर गंभीर लक्षण देखे गए थे। अभी तक वायरस के इंसानों से इंसानों में फैलने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इस मामले में अभी और रिसर्च की जा रही है। इंसानों में जो भी मामले सामने आए वो सभी या तो मुर्गी पालन केंद्रों में काम करते थे या संक्रमित पक्षियों से किसी तरह संपर्क में थे।
संक्रमित व्यक्तियों में क्या-क्या लक्षण देखे जाते हैं?
WHO के मुताबिक, H5N1 से संक्रमित व्यक्तियों में बुखार, खांसी, गले में खराश और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति को शुरुआत में पेट में दर्द, सीने में दर्द और दस्त भी लग सकते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे ये लक्षण बढ़कर सांस लेने में कठिनाई, निमोनिया और मस्तिष्क की तंत्रिका में परिवर्तन जैसे गंभीर लक्षणों में बदल जाते हैं। वायरस आंतों की कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है।
क्या इसके इलाज के लिए कोई वैक्सीन है?
नहीं। फिलहाल इस वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज एंटीबायोटिक के जरिए किया जाता है। हालांकि, वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन के निर्माण पर काम चल रहा है।
वायरस से आप खुद की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं?
WHO के मुताबिक, जो कदम आप किसी दूसरे फ्लू के वायरस से बचने के लिए उठाते हैं, उसी तरह से आप H5N1 से भी खुद का बचाव कर सकते हैं। अभी तक वायरस के मनुष्यों से मनुष्यों में फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है, इसलिए बचाव के लिए विस्तृत गाइडलाइन भी मौजूद नहीं है। किसी मृत या बीमार पक्षी या जानवर से दूर रहकर आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
H5N1 वायरस का इतिहास
1996 में सबसे पहले चीन में इस वायरस की वजह से सैकड़ों हंसों की मौत हुई थी। अगले ही साल हांगकांग में ये मुर्गी पालन केंद्रों में फैला था। तब 18 लोग इससे संक्रमित हुए थे, जिनमें से 6 की मौत हो गई थी। संक्रमण बढ़ने पर हांगकांग के मुर्गी पालन केंद्रों की सभी मुर्गियों को मार दिया गया। उसके बाद से ही ये नियमित अंतराल पर दुनियाभर में फैल रहा है।