भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अमेरिका को आपत्ति नहीं, प्रतिबंध नहीं लगाए जाएंगे
भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अमेरिका को कोई आपत्ति नहीं है और वह उस पर प्रतिबंध लगाने के बारे में नहीं सोच रहा है। अमेरिका की यूरोपीय और यूरेशियन मामलों की सहायक विदेश मंत्री कैरेन डोनफ्राइड ने बुधवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के नीतिगत दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं, लेकिन दोनों ही अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं।
भारत के दृष्टिकोण से अमेरिका सहज- ऊर्जा संसाधन सहायक मंत्री
अमेरिका के ऊर्जा संसाधन सहायक मंत्री जेफ्री पायट ने भी कैरेन से सहमति जताते हुए कहा कि अमेरिका रूस से तेल खरीद के भारत के दृष्ठिकोण के प्रति सहज है, लेकिन मुद्दे पर बातचीत करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा अब ज्यादातर द्विपक्षीय बातचीतों का हिस्सा होती है। दोनों अधिकारियों ने रूसी तेल पर लगाई गई मूल्य सीमा का भी बचाव किया और कहा कि इससे भारत को कम कीमत हासिल करने में मदद मिल रही है।
भारत का रूस से तेल आयात बढ़ा, अमेरिका और यूरोप जा रहा रिफाइंड तेल
बता दें कि यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत का रूस से तेय आयात बढ़ा है और वह उससे कम कीमत पर कच्चा तेल खरीद रहा है। कई पश्चिमी देश इस पर आपत्ति जता चुके हैं और हाल ही में यूक्रेन ने इसके लिए भारत पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। एक सच्चाई यह भी है कि भारत रूस के कच्चे तेल को रिफाइन करके अमेरिका और यूरोप भेज रहा है, जिससे उनको भी फायदा हो रहा है।
भारत रूस से कितना तेल खरीद रहा है?
भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है और वह भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बन गया है। भारत के कच्चे तेल के आयात में रूस की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत हो गई है और दिसंबर में भारत ने रूस से प्रतिदिन औसतन 12 लाख बैरल तेल खरीदा। निर्यात की बात करें तो भारत ने जनवरी में न्यूयॉर्क को प्रतिदिन 89,000 बैरल रिफाइंड पेट्रोल और डीजल भेजा।
न्यूजबाइट्स प्लस
रूस अमेरिका और सऊदी अरब के बाद दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और वह रोजाना करीब 50 लाख बैरल कच्चे तेल का निर्यात करता है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा यूरोप को सप्लाई होता है। दूसरी तरफ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खपत करने वाला और आयात करने वाला देश है। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है।