WHO यूरोप प्रमुख की ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव के लिए बूस्टर खुराक लगाने की सलाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के यूरोप प्रमुख हैन्स क्लूग ने मंगलवार को यूरोपीय देशों को चेतावनी देते हुए ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कोविड के मामलों में बड़े इजाफे के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने देशों को ओमिक्रॉन से बचने के लिए बूस्टर खुराक लगाने की सलाह भी दी। उनकी ये सलाह WHO मुख्यालय के रुख से थोड़ी अलग है। उसने केवल सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों को बूस्टर खुराक लगाने की सलाह दी है।
यूरोप के 53 में से 38 देशों में पहुंचा ओमिक्रॉन- क्लूग
विएना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए क्लूग ने कहा कि नवंबर में सामने आने के बाद से ओमिक्रॉन वेरिएंट WHO के यूरोपीय इलाके के 53 देशों में से कम से कम 38 देशों में पहुंच चुका है। उन्होंने कहा, "हम तूफान आता हुआ देख सकते हैं। कुछ हफ्तों में ही ओमिक्रॉन के ज्यादातर देशों में हावी होगा जिससे पहले से ही समस्याओं का सामना कर रही स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है।"
क्लूग बोले- यूरोप के 89 प्रतिशत ओमिक्रॉन मामलों में हल्के लक्षण
क्लूग ने कहा कि अभी तक यूरोप के 89 प्रतिशत ओमिक्रॉन मामलों में कफ, गले में खराश और बुखार जैसे आम लक्षण देखने को मिले हैं और ये मामले ज्यादातर 20 से 40 साल के लोगों में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि भले ही अधिकांश मामले हल्के हों, लेकिन ओमिक्रॉन के कारण बड़ी संख्या में मामले आने से ही अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है और स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है।
बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन के खिलाफ सबसे अहम बचाव- क्लूग
क्लूग ने ओमिक्रॉन के प्रकोप से बचने के लिए यूरोपीय देशों को "बूस्ट, बूस्ट बूस्ट" करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा, "बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन के खिलाफ सबसे अहम बचाव है।"
बूस्टर खुराक से काबू में किया जा सकता है ओमिक्रॉन
गौरतलब है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचाव में बूस्टर खुराक को बेहद अहम माना जा रहा है। मौजूदा वैक्सीनों की दो खुराकें इस वेरिएंट के खिलाफ ज्यादा प्रभावी नहीं हैं और बूस्टर खुराक की मदद से ही इसे कुछ हद तक काबू में किया जा सकता है। इसी कारण अमीर देशों ने अपने नागरिकों को बूस्टर खुराक लगाना शुरू कर दिया है। इजरायल ने तो अपने नागरिकों को चौथी खुराक लगाना भी शुरू कर दिया है।
यूरोप में ओमिक्रॉन का सबसे अधिक प्रकोप
बता दें कि यूरोपीय देशों को ओमिक्रॉन के प्रकोप का सबसे अधिक सामना करना पड़ रहा है। WHO के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों से इलाके में आबादी के अनुपात के हिसाब से दुनिया में सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों ने ओमिक्रॉन के आने से पहले ही इलाके में मार्च तक सात लाख मौतों का अनुमान लगाया था, अब ओमिक्रॉन के आने से स्थिति और भयावह हो सकती है। कई देशों में यह हावी हो भी चुका है।