अमेरिका का हिस्सा बनेगा ग्रीनलैंड? डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत को तैयार हुए प्रधानमंत्री
क्या है खबर?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेनमार्क के स्वशासित क्षेत्र और दुनिया के सबसे बड़े द्वीप ग्रीनलैंड को खरीदने की इच्छा जाहिर की है।
इस मुद्दे पर पहले तो ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने साफ इनकार कर दिया था। हालांकि, अब वे इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ये भी कहा कि ग्रीनलैंड की आकांक्षाओं का ध्यान भी रखा जाना चाहिए।
बयान
क्या बोले ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री?
कोपेनहेगन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एगेडे ने कहा कि वे इस मुद्दे पर ट्रंप के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, "हमारे अंदर स्वतंत्रता की इच्छा है, अपने घर का मालिक बनने की इच्छा है। यह ऐसी चीज है, जिसका सभी को सम्मान करना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि हम डेनमार्क के साथ सभी संबंध, सभी सहयोग और सभी रिश्ते खत्म कर रहे हैं।
डेनमार्क
डेनमार्क ने भी ट्रंप को भेजा संदेश
अमेरिकी समाचार वेबसाइट एक्सियोस के मुताबिक, डेनमार्क ने ट्रंप की टीम को निजी संदेश भेजकर ग्रीनलैंड में सुरक्षा बढ़ाने या अमेरिकी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने पर चर्चा करने की इच्छा व्यक्त की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डेनमार्क सरकार ट्रंप को यह विश्वास दिलाना चाहती है कि ग्रीनलैंड पर दावा किए बिना भी उनकी सुरक्षा चिंताओं का समाधान किया जा सकता है। इससे पहले डेनमार्क ने कहा था की ग्रीनलैंड बिक्री के लिए नहीं है।
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने ग्रीनलैंड के बारे में क्या कहा था?
ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, "राष्ट्रीय सुरक्षा और दुनिया में कहीं भी जाने की आजादी के लिए अमेरिका महसूस करता है कि ग्रीनलैंड पर नियंत्रण बेहद जरूरी है।"
उन्होंने सुझाव दिया था कि अगर डेनमार्क ग्रीनलैंड को खरीदने के उनके प्रस्ताव का विरोध करता है तो उस पर टैरिफ लगाया जाना चाहिए।
ट्रंप के बेटे डॉन जूनियर भी ग्रीनलैंड यात्रा पर हैं। इस दौरे को ट्रंप के ग्रीनलैंड खरीदने की इच्छा से जोड़ा जा रहा है।
शासन
ग्रीनलैंड पर किसका शासन है?
ग्रीनलैंड साल 1721 में डेनमार्क के नियंत्रण में आया था। तब से 1979 तक यहां डेनमार्क का शासन रहा।
अब यह डेनमार्क के कब्जे वाले स्वशासित क्षेत्र है। 2009 से यहां स्वशासन लागू हो गया है।
हालांकि, ग्रीनलैंड अभी भी डेनमार्क से मिलने वाली सब्सिडी पर निर्भर है और रक्षा का जिम्मा डेनमार्क के पास ही है। यहां की आबादी करीब 57,000 है।
ज्यादातर लोग शिकार और मछली पकड़कर जीवनयापन करते हैं।
वजह
ग्रीनलैंड पर कब्जा क्यों करना चाहते हैं ट्रंप?
ग्रीनलैंड की भौगोलिक स्थिति की वजह से यहां से रूस और यूरोप पर नजर रखना आसान है।
यहां से अमेरिकी सेना की पहुंच उत्तरी अटलांटिक और आर्कटिक महासागर में मजबूत हो जाएगी।
ग्रीनलैंड में दुर्लभ खनिज, तेल और गैस के विशाल भंडार हैं। यहां की बर्फ तेजी से पिघल रही है, जिससे वहां नए समुद्री रास्ते खुल रहे हैं। ये रास्ते व्यापार और सामरिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अमेरिका इस द्वीप पर पिटुफिक अंतरिक्ष बेस का संचालन करता है।