NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / दुनिया की खबरें / डोनाल्ड ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म करने का भारतीयों पर क्या होगा असर?
    अगली खबर
    डोनाल्ड ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म करने का भारतीयों पर क्या होगा असर?
    डोनाल्ड ट्रंप खत्म करना चाहते हैं जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार

    डोनाल्ड ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म करने का भारतीयों पर क्या होगा असर?

    लेखन भारत शर्मा
    Dec 11, 2024
    10:17 am

    क्या है खबर?

    अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने वाले डोनाल्ड ट्रंप देश के संविधान में दिए गए जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म करने की तैयारी में हैं।

    उन्होंने इस अधिकार को हास्यास्पद बताया है कि 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के बाद इसे समाप्त करने की इच्छा जताई है। बता दें कि जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार 150 से अधिक वर्षों से अमेरिकी संविधान में निहित है।

    ऐसे में आइए जानते हैं कि इसे खत्म करने से भारतीयों पर क्या असर होगा।

    अधिकार

    क्या है अमेरिका का जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार? 

    अमेरिका अपनी सीमाओं के भीतर पैदा हुए बच्चों को नागरिकता प्रदान करता है, भले ही उनके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो।

    अमेरिका के संविधान में 9 जुलाई, 1868 को हुए 14वें संशोधन में नागरिकता खंड के पहले भाग में अमेरिकी क्षेत्र में जन्मे बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता की गारंटी दी गई थी।

    उसमें कहा गया था कि अमेरिका में जन्मे या वहां नागरिक बने सभी लोगों के बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता का अधिकार दिया जाएगा।

    रुख

    जन्मसिद्ध नागरिकता पर क्या है ट्रंप का रुख?

    ट्रंप ने एक साक्षात्कार में जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार पर कहा, "देश में अवैध प्रवास को रोकने के लिए हमें इसे खत्म करना होगा।"

    सर्किल ऑफ काउंसल्स के पार्टनर रसेल ए स्टैमेट्स के अनुसार, यह हर देश की प्रथा नहीं है। अमेरिका में इस अधिकार का दुरुपयोग हो रहा है।

    बता दें कि ट्रंप ने अपने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था, लेकिन वह अपने प्रयासों के बाद भी इसे खत्म नहीं कर पाए थे।

    विचार

    जन्मसिद्ध नागरिकता के विरोधियों के क्या हैं विचार?

    ट्रंप और इस अधिकार के अन्य विरोधियों का कहना है कि इससे जन्म पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। इसमें गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से बच्चे को जन्म देने के लिए अमेरिका में प्रवेश करती हैं, ताकि उनके बच्चों को उनके देश वापस लौटने से पहले अमेरिकी नागरिकता मिल जाए।

    अमेरिकी शोध निदेशक एरिक रुआर्क ने कहा, "केवल सीमा पार करने और बच्चा पैदा करने से किसी को नागरिकता का अधिकार नहीं मिलना चाहिए।"

    परिणाम

    जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म करने के क्या होंगे परिणाम?

    ट्रंप ने यह भी कहा, "मैं परिवारों को तोड़ना नहीं चाहता। इन्हें बचाने का एकमात्र तरीका यह है कि आप उन्हें एकसाथ रखें और आपको उन सभी को वापस भेजना होगा।"

    इसका अर्थ है कि परिवारों को एक साथ रखने के लिए कानूनी नागरिकों को भी अमेरिका से निष्कासित किया जाएगा।

    अमेरिकी आव्रजन परिषद के अनुसार, जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने से सभी लोग प्रभावित होंगे और अमेरिकी माता-पिता के लिए अपने बच्चों की नागरिकता साबित करना कठिन हो जाएगा।

    प्रभाव

    भारतीयों पर क्या पड़ेगा असर?

    अमेरिका में साल 2022 में हुई जनगणना के प्यू रिसर्च के विश्लेषण के अनुसार, अमेरिका में लगभग 48 लाख से अधिक भारतीय-अमेरिकी रह रहे हैं, जिनमें से 34 प्रतिशत या 16 लाख का जन्म अमेरिका में ही हुआ है। ये व्यक्ति मौजूदा कानून के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक हैं।

    ऐसे में अगर, ट्रंप इस अधिकार को खत्म कर देते हैं तो इससे 16 लाख भारतीय सीधे तौर पर प्रभावित होंगे और यह उनके लिए बड़ा झटका भी होगा।

    संभावना

    जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म किए जाने की कितनी संभावना?

    अमेरिका में राष्ट्रपति संविधान में संशोधन नहीं कर सकते हैं और इस अधिकार को प्रतिबंधित करने का कार्यकारी प्रयास 14वें संशोधन का उल्लंघन होगा।

    प्रो-इमिग्रेशन कैटो इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष एलेक्स नोरास्टेह ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, "मैं उनके (डोनाल्ड ट्रंप) बयानों को बहुत गंभीरता से नहीं लेता। वे लगभग एक दशक से ऐसी बातें कहते आ रहे हैं। जब वे पहली बार राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया।"

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    अमेरिका
    डोनाल्ड ट्रंप

    ताज़ा खबरें

    गिरावट के बावजूद टाटा का इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में दबदबा, जानिए शीर्ष-5 कंपनियां  इलेक्ट्रिक कार
    माइक्रोसॉफ्ट में फिर हुई छंटनी, 300 से अधिक कर्मचारियों की गई नौकरी  माइक्रोसॉफ्ट
    जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने 3 कर्मचारियों को बर्खास्त किया, आतंकी संगठनों से थे संबंध जम्मू-कश्मीर
    पश्चिम बंगाल: महिला पर भतीजे को मारकर शव के टुकड़े करने का आरोप, सीमेंट से छिपाया पश्चिम बंगाल

    अमेरिका

    डोनाल्ड ट्रंप ने WWE की पूर्व CEO को नियुक्त किया शिक्षा विभाग का प्रमुख डोनाल्ड ट्रंप
    गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल की अमेरिका में किस अपराध में हुई है गिरफ्तारी? लॉरेंस बिश्नोई
    अमेरिका: अलास्का में इन 5 गतिविधियों को अपनी यात्रा का बनाएं हिस्सा अलास्का
    गौतम अडाणी के खिलाफ अमेरिका ने क्यों जारी किया गिरफ्तारी वारंट, क्या है पूरा मामला? गौतम अडाणी

    डोनाल्ड ट्रंप

    अमेरिका: ट्रंप सरकार में इन चेहरों को मिल सकती है जिम्मेदारी, भारतवंशी नामों की भी चर्चा  अमेरिका
    शेयर बाजार: सेंसेक्स और निफ्टी में आई गिरावट, जानिए क्या है कारण  शेयर बाजार समाचार
    #NewsBytesExplainer: राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप पर चल रहे मुकदमों का क्या होगा?  अमेरिका
    अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद सोने और चांदी के दाम में गिरावट जारी, जानें कारण सोना-चांदी की कीमतें
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025