डोनाल्ड ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म करने का भारतीयों पर क्या होगा असर?
अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने वाले डोनाल्ड ट्रंप देश के संविधान में दिए गए जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म करने की तैयारी में हैं। उन्होंने इस अधिकार को हास्यास्पद बताया है कि 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के बाद इसे समाप्त करने की इच्छा जताई है। बता दें कि जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार 150 से अधिक वर्षों से अमेरिकी संविधान में निहित है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इसे खत्म करने से भारतीयों पर क्या असर होगा।
क्या है अमेरिका का जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार?
अमेरिका अपनी सीमाओं के भीतर पैदा हुए बच्चों को नागरिकता प्रदान करता है, भले ही उनके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो। अमेरिका के संविधान में 9 जुलाई, 1868 को हुए 14वें संशोधन में नागरिकता खंड के पहले भाग में अमेरिकी क्षेत्र में जन्मे बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता की गारंटी दी गई थी। उसमें कहा गया था कि अमेरिका में जन्मे या वहां नागरिक बने सभी लोगों के बच्चों को जन्मसिद्ध नागरिकता का अधिकार दिया जाएगा।
जन्मसिद्ध नागरिकता पर क्या है ट्रंप का रुख?
ट्रंप ने एक साक्षात्कार में जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार पर कहा, "देश में अवैध प्रवास को रोकने के लिए हमें इसे खत्म करना होगा।" सर्किल ऑफ काउंसल्स के पार्टनर रसेल ए स्टैमेट्स के अनुसार, यह हर देश की प्रथा नहीं है। अमेरिका में इस अधिकार का दुरुपयोग हो रहा है। बता दें कि ट्रंप ने अपने पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था, लेकिन वह अपने प्रयासों के बाद भी इसे खत्म नहीं कर पाए थे।
जन्मसिद्ध नागरिकता के विरोधियों के क्या हैं विचार?
ट्रंप और इस अधिकार के अन्य विरोधियों का कहना है कि इससे जन्म पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। इसमें गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से बच्चे को जन्म देने के लिए अमेरिका में प्रवेश करती हैं, ताकि उनके बच्चों को उनके देश वापस लौटने से पहले अमेरिकी नागरिकता मिल जाए। अमेरिकी शोध निदेशक एरिक रुआर्क ने कहा, "केवल सीमा पार करने और बच्चा पैदा करने से किसी को नागरिकता का अधिकार नहीं मिलना चाहिए।"
जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म करने के क्या होंगे परिणाम?
ट्रंप ने यह भी कहा, "मैं परिवारों को तोड़ना नहीं चाहता। इन्हें बचाने का एकमात्र तरीका यह है कि आप उन्हें एकसाथ रखें और आपको उन सभी को वापस भेजना होगा।" इसका अर्थ है कि परिवारों को एक साथ रखने के लिए कानूनी नागरिकों को भी अमेरिका से निष्कासित किया जाएगा। अमेरिकी आव्रजन परिषद के अनुसार, जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने से सभी लोग प्रभावित होंगे और अमेरिकी माता-पिता के लिए अपने बच्चों की नागरिकता साबित करना कठिन हो जाएगा।
भारतीयों पर क्या पड़ेगा असर?
अमेरिका में साल 2022 में हुई जनगणना के प्यू रिसर्च के विश्लेषण के अनुसार, अमेरिका में लगभग 48 लाख से अधिक भारतीय-अमेरिकी रह रहे हैं, जिनमें से 34 प्रतिशत या 16 लाख का जन्म अमेरिका में ही हुआ है। ये व्यक्ति मौजूदा कानून के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक हैं। ऐसे में अगर, ट्रंप इस अधिकार को खत्म कर देते हैं तो इससे 16 लाख भारतीय सीधे तौर पर प्रभावित होंगे और यह उनके लिए बड़ा झटका भी होगा।
जन्मसिद्ध नागरिकता अधिकार को खत्म किए जाने की कितनी संभावना?
अमेरिका में राष्ट्रपति संविधान में संशोधन नहीं कर सकते हैं और इस अधिकार को प्रतिबंधित करने का कार्यकारी प्रयास 14वें संशोधन का उल्लंघन होगा। प्रो-इमिग्रेशन कैटो इंस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष एलेक्स नोरास्टेह ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा, "मैं उनके (डोनाल्ड ट्रंप) बयानों को बहुत गंभीरता से नहीं लेता। वे लगभग एक दशक से ऐसी बातें कहते आ रहे हैं। जब वे पहली बार राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया।"